महंगे किराये वाले बिलेटेड होली स्पेशल ट्रेन को यात्रियों ने नकारा
धनबाद किसी को जन्मदिन या शादी की सालगिरह पर बधाई देना भूल जाएं तो आप बाद में उन्हें बि
धनबाद : किसी को जन्मदिन या शादी की सालगिरह पर बधाई देना भूल जाएं तो आप बाद में उन्हें बिलेटेड हैप्पी बर्थ डे या बिलेटेड मैरीज एनिवर्सरी कह डालते हैं। फेसबुक और वाट्सएप में तो इसका चलन जोरदार है। जरा सोचिए, अब अगर रेलवे भी ऐसा करने लगे तो आप क्या कहेंगे। जी हां, रेलवे ने बिलेटेड होली स्पेशल ट्रेन चला दी, जिसे यात्रियों ने नकार दिया।
होली की छुट्टियां 20 और 21 मार्च को थी। इससे पहले की तिथियों में खुलने वाली ट्रेनों में काफी भीड़ थी। लोग उस वक्त स्पेशल ट्रेन का इंतजार करते रहे, पर ट्रेन नहीं मिली। होली बीतने के बाद शनिवार को धनबाद से सीतामढ़ी के बीच होली स्पेशल ट्रेन चलाया गया। एक तो छुट्टियां खत्म और उस पर महंगा किराया होने के कारण इस ट्रेन को यात्री नहीं मिले। स्लीपर से एसी तक की ज्यादातर सीटें खाली रहीं। किस श्रेणी में कितनी सीटें रह गई खाली
स्लीपर - 150
र्थ एसी - 120
सेकेंड एसी - 46
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अगले शनिवार की ज्यादातर सीटें भी खाली
अगले शनिवार को सीतामढ़ी स्पेशल फिर चलेगी। 30 मार्च को चलने वाली ट्रेन की भी ज्यादातर सीटें खाली ही हैं।
जसीडीह जाएं या सीतामढ़ी किराया एक जैसा
स्पेशल ट्रेन से धनबाद से जसीडीह जाएं या सीतामढ़ी, किराया एक जैसा ही चुकाना होगा। इस ट्रेन को यात्री नहीं मिलने का यह भी एक कारण बना। किस श्रेणी में कितना किराया
स्लीपर - 350
थर्ड एसी - 975
सेकेंड एसी - 1330
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पहले चलाया जाना चाहिए था
बेटे से मिलने आया था। वापसी में स्पेशल ट्रेन में कंफर्म सीट मिल गई तो बुक करा लिया। पर इस ट्रेन को होली से पहले चलाना जरूरी था।
ओपी राव, यात्री
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पहली बार ऐसे कोच में सफर कर रही हूं, जहां सिर्फ मेरे साथ मेरे परिवार के लोग हैं और कोई नहीं। पता नहीं रास्ते में कोई आएंगे या नहीं।
प्रिया, महिला यात्री
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ट्रेन होली के बाद चलाई गई तो किराया भी सामान्य होना चाहिए था। किराया अधिक होने के कारण भी कम यात्रियों ने आरक्षण कराया।
ओम प्रकाश, यात्री
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त्योहार खत्म होने के बाद स्पेशल ट्रेन और उस पर अधिक किराया लेना कहीं से भी उचित नहीं है। अगले फेरे में किराया संशोधित किया जाना चाहिए।
टीए खान, यात्री