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टीबी मरीजों की विशेष निगरानी करने का निर्देश

धनबाद लॉकडाउन में विभाग एक ओर कोरोना वायरस पर नियंत्रण की लगातार कोशिश में है तो दूसरी ओर अन्य बीमारियों को भी नियंत्रण में करने की चुनौती है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रधान सचिव डॉ. नितिन मदन ने सिविल सर्जन डॉ. गोपाल दास को टीबी के मरीजों की विशेष निगरानी करने की सलाह दी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 06:31 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 06:31 PM (IST)
टीबी मरीजों की विशेष निगरानी करने का निर्देश

धनबाद : लॉकडाउन में विभाग एक ओर कोरोना वायरस पर नियंत्रण की लगातार कोशिश में है, तो दूसरी ओर अन्य बीमारियों को भी नियंत्रण में करने की चुनौती है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रधान सचिव डॉ. नितिन मदन ने सिविल सर्जन डॉ. गोपाल दास को टीबी के मरीजों की विशेष निगरानी करने की सलाह दी है। बताया गया है कि किसी भी परिस्थिति में मरीजों को दवाई नहीं छोड़नी है। इसके लिए फील्ड सुपरवाइजर, सीनियर सुपरवाइजर निगरानी करेंगे। दवाई छोड़ने से हो सकती है स्थिति खराब :

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टीबी के मरीजों को आठ माह तक दवाई दी जाती है। लेकिन इस बीच यदि किसी मरीज ने दवाएं छोड़ी तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। बाद में मरीजों को एमडीआर टीबी भी हो सकती है। जिसे मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस कहते हैं। एमडीआर टीबी होने के बाद लगातार दो साल तक दवाई खानी पड़ती है। यह बेहद जानलेवा होती है। धनबाद में है 3000 मरीज : स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो धनबाद में टीबी से संक्रमित लगभग तीन हजार मरीज हैं। इसमें लगभग 2400 मरीजों की दवाई चल रही है। शेष मरीज ठीक हो चुके हैं। लॉकडाउन की अवधि में शिकायत आई थी कि कई मरीजों की दवाई समय पर नहीं मिल पा रही हैं। इससे दवाएं छूट रही हैं। अब विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। टीबी के मरीजों की निगरानी हो रही है। सभी प्रभारियों को निर्देशित किया गया है। घर तक दवाएं भेजी जा रही है।

डॉ. गोपाल दास, सिविल सर्जन, धनबाद।


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