सरकारी अस्पताल में गोड्डा जिलाधिकारी किरण ने बच्चे को दिया जन्म, IAS Association ने बताया 'रोल मॉडल', स्वास्थ्य मंत्री ले रहे श्रेय
उपायुक्त किरण पासी ने समाज को सरकारी तंत्र पर भरोसा करने का संदेश भी दिया। उनके पति डॉ. पुष्पेंद्र सरोज ने कहा कि शुरू से ही उन्हें इस अस्पताल पर भरोसा था।
धनबाद/ गोड्डा, जेएनएन। सरकारी अस्पतालों में समस्याओं के अंबार की मानसिकता को लेकर एक बड़े तबके ने वहां जाना छोड़ दिया है। ऐसे में गोड्डा की उपायुक्त किरण पासी ने रविवार को सदर अस्पताल में प्रसव कराया। उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है। इसके लिए महिला IAS अधिकारी किरण पासी की जितनी भी तारीफ की जाय कम होगी। इसके इतर इस सुखद खबर का श्रेय लेने के लिए झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता सामने आए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा है-ये सिर्फ खबर नहीं है, ये झारखंड में स्वास्थ्य सेवा के बेहतर होती व्यवस्था का पॉजिटिव रिस्पांस है।
ये सिर्फ खबर नही हैं,ये झारखंड में स्वास्थ्य सेवा के बेहतर होती व्यवस्था का पॉजिटिव रिस्पांस हैं,सीएम श्री @HemantSorenJMM जी के नेतृत्व वाली ये सरकार जनता की सेवा के लिए समर्पित हैं, हालात सुधर रहे हैं ताकि श्रीमती @soniyagandhiinc जी के स्वस्थ झारखंड के सपने को हम साकार कर सके pic.twitter.com/XBD3aXBviB
— Banna Gupta (@BannaGupta76) March 2, 2020
रविवार की सुबह 6:30 बजे वे सदर अस्पताल में भर्ती हुईं। 8:50 बजे ऑपरेशन के बाद उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। प्रसव कराने वाली डॉक्टरों की टीम में डॉ. प्रभा रानी प्रसाद व इसी अस्पताल से सेवानिवृत्त सर्जन डॉक्टर डॉ. बनदेवी झा मुख्य रूप से शामिल थी। डॉ. प्रसाद ने कहा कि जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं। यह गर्व की बात है कि उपायुक्त ने हम सब के ऊपर भरोसा जताया। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी महिला इस अस्पताल पर भरोसा जता सकती हैं।
उपायुक्त ने समाज को सरकारी तंत्र पर भरोसा करने का संदेश भी दिया। उनके पति डॉ. पुष्पेंद्र सरोज ने कहा कि शुरू से ही उन्हें इस अस्पताल पर भरोसा था। रविवार की सुबह सफलतापूर्वक ऑपरेशन के पश्चात उन्हें काफी खुशी हुई। अपने सरकारी संस्थान पर सभी को भरोसा होना चाहिए। बता दें कि डॉ. सरोज गोड्डा के तिलका मांझी कृषि विवि के डीन हैं। उपायुक्त ने इस अस्पताल में ब्लड बैंक की सुविधा हाल ही में उपलब्ध कराई थी। दूसरी तरफ आइएएस एसोसिएशन ने ट्वीट कर किरण पासी को रोल मॉडल करार दिया है।
सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने के बाद उनकी चर्चा जिले ही नहीं, देशभर की मीडिया में हो रही है। सबने इस कार्य के लिए उनको सराहा है। गणमान्य लोगों ने पुत्र रत्न की प्राप्ति पर उन्हें बधाई भी दी। सोशल मीडिया में कई लोगों ने लिखा कि अगर सिस्टम चलाने वाले तंत्र पर यकीन करें तो यह बेहतर हो सकता है। गोड्डा डीसी ने इसे साबित कर दिखाया है। उनके प्रसव को लेकर अस्पताल प्रशासन अलर्ट था।
एक माह पूर्व ही डीसी ने सिविल सर्जन डॉ. एसपी मिश्रा और डॉ. प्रसाद को बता दिया था कि वे मातृत्व अवकाश में गोड्डा में ही रहेंगी। दिलेरी के साथ फैसले लेने के लिए किरण पहले से सुर्खियों में रही हैं। पूर्व के फैसले तो प्रशासनिक थे, लेकिन यह फैसला निहायत निजी था।
झारखंड में दो महीने पहले ही हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झामुमो गठबंधन की सरकार बनी है और करीब एक महीने पहले बन्ना गुप्ता स्वास्थ्य मंत्री बने। स्वास्थ्य मंत्री जिस तरह श्रेय ले रहे हैं उससे तो लगता है कि गोड्डा की डीसी सदर अस्पताल की स्वास्थ्य सेवा से आकर्षिक होकर वहां अपना प्रसव कराने का निर्णय लिया होगा! बहरहाल, स्वास्थ्य सेवा सुधार विवाद का विषय हो सकता है लेकिन श्रेय लेने में बुराई नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री श्रेय ले रहे हैं। सोशल मीडिया में उपायुक्त किरण पासी की दिलेरी की प्रशंसा हो रही है। अगर उन्हीं की राह झारखंड की तमाम महिला पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों की पत्नी चलें तो निश्चित रूप से सरकारी अस्पतालों की सेवा में उत्तरोत्तर सुधार होना लाजिमी है।