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Shaharnama Dhanbad: यहां हर शख्स परेशान सा है, कमिश्नर साहब भी; जानिए

Shaharnama Dhanbad एक सितंबर को हजारीबाग के प्रमंडलीय आयुक्त कमल जान लकड़ा प्रभारी कुलपति बना दिए गए। कमल साहब हैरान है कि प्रमंडल संभाले या विश्वविद्यालय। वे विश्वविद्यालय कब आएंगे कोई नहीं जानता। पहली बार होने वाली पीएचडी की प्रवेश परीक्षा दो बार टल चुकी है।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 10:15 AM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 08:58 PM (IST)
Shaharnama Dhanbad: यहां हर शख्स परेशान सा है, कमिश्नर साहब भी; जानिए
बीबीएमकेयू वीसी कमल जान लकड़ा ( फाइल फोटो)।

अश्विनी रघुवंशी, धनबाद। तीन साल पहले विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष रहे विनोद बिहारी के नाम पर भाजपा सरकार में इसकी स्थापना हुई थी। दो महीने पहले डाक्टर अंजनी कुमार श्रीवास्तव को कुलपति के पद से हटा दिया गया। विकल्प खोजे बगैर। एक सितंबर को हजारीबाग के प्रमंडलीय आयुक्त कमल जान लकड़ा प्रभारी कुलपति बना दिए गए। कमल साहब हैरान है कि प्रमंडल संभाले या विश्वविद्यालय। वे विश्वविद्यालय कब आएंगे, कोई नहीं जानता। पहली बार होने वाली पीएचडी की प्रवेश परीक्षा दो बार टल चुकी है। नीतिगत निर्णय का मसला है। कमल जान बड़े अफसर हैं। विश्वविद्यालय के लोग फोन पर सीधी बात से हिचकते हैैं। फाइलें का अंबार लगता जा रहा है। महत्वपूर्ण फाइलें धनबाद से हजारीबाग का सफर कर रही हैैं। कुलपति के नाते मिला अंगरक्षक भी सदैव संशय में रहता है, न जाने कब साहब आएंगे।

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हौसला बरकरार, अभी पस्त नहीं

इंद्रजीत महतो। भाजपा के टिकट पर पहली बार सिंदरी से विधायक चुने गए हैैं। कोरोना के वायरस ने उनपर ऐसा हमला किया था कि एकबारगी सारे शुभचिंतक सदमे में आ गए थे। अभी भी चिंता खत्म नहीं हुई है। 17 मई को उन्हें एयर एंबुलेंस से हैदराबाद ले जाया गया था। पूरे पांच महीने हो चुके हैैं। हैदराबाद के न्यूरो पुनर्वास केंद्र में इलाजरत हैैं। फेफड़े में संक्रमण था। लगातार बिस्तर पर रहे तो पीठ में घाव हो गया। याद्दाश्त खत्म हो गई। बोलने की शक्ति क्षीण। खाने में सिर्फ तरल पदार्थ। इतने प्रतिकूल हालात में भी गजब की इच्छाशक्ति है। यही चिकित्सकों की उम्मीद बढ़ा रही है। डाक्टर दो से तीन माह में विधायक के ठीक होने का भरोसा दिला रहे हैैं। इलाज में हेमंत सरकार भी साथ है। खर्च जो उठा रही है। वाकई। यह सिर्फ एक हार है, शिकस्त नहीं।

शिक्षा के मंदिर में जुआ का ज्ञान

मनईटांड़ के जेएसएस पब्लिक स्कूल के पास पुलिस ने धावा बोला तो आसपास के लोग समझ गए थे कि जुआरियों की शामत आ चुकी है। लोग रोज देख रहे थे। मगर यह तो खेल है। इतना बड़ा अपराध नहीं कि लोगों को जेल भेजा जाए। धनसार थाना पुलिस ने सात लोगों को पकड़ा और थाना से ही जमानत पर छोड़ दिया। संदेश गया कि जुआ खेलो, पकड़े गए तो भी छूटना तय है। सिर्फ जेब तनिक ढीली होगी। मनईटांड़ में भोक्ता मेला सामुदायिक भवन, दहुआटांड़, तेलीपाड़ा में दामोदर पुल के पास, कनारी में खुले मैदान समेत अनेक ऐसी जगहें है जहां रोजाना लाखों का दांव लग रहा है। खाकी वालों को पता है। जीटी रोड के किनारे मैथन के होटल में जाइए। वहां वर्ष भर लाखों का दांव लगाइए। पुलिस का छापा नहीं पड़ेगा, गारंटी है। ताश छोडि़ए, लाटरी की भी छूट है। खेलिए।


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