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गोधर के सूदखोर की प्रताड़ना से परेशान कोल कर्मी ने लगाई फांसी

संस धनसार गोधर के एक सूदखोरों की मानसिक प्रताड़ना से परेशान विक्ट्री कोलियरी निवासी 4

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 09:45 PM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 09:45 PM (IST)
गोधर के सूदखोर की प्रताड़ना से परेशान कोल कर्मी ने लगाई फांसी
गोधर के सूदखोर की प्रताड़ना से परेशान कोल कर्मी ने लगाई फांसी

संस, धनसार : गोधर के एक सूदखोरों की मानसिक प्रताड़ना से परेशान विक्ट्री कोलियरी निवासी 43 वर्षीय कोल कर्मी सत्येंद्र चौहान ने गुरुवार की सुबह घर में फांसी लगा ली। सत्येंद्र गोधर 26 नंबर कोलियरी में जनरल मजदूर था।

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झरिया थाना पुलिस सुबह घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस ने मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया। सुसाइड नोट में गोधर के सूदखोर हरि रवानी पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। पुलिस ने परिवार वालों से भी पूछताछ की। मृतक की पत्नी ममता देवी व तीन पुत्रियां अंजली कुमारी (13), गीतांजलि कुमारी (9), राजनंदिनी कुमारी (7) व भांजी स्नेहा कुमारी रो-रोकर बुरा हाल था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए धनबाद भेज दिया। पुलिस सुसाइड नोट के आधार पर छानबीन में जुटी है।

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यह है आरोप :

परिवार के लोगों का कहना है कि गोधर रवानी बस्ती के सूदखोर हरि रवानी से सत्येंद्र ने 50 हजार रूपये कर्ज लिया था। कई माह सूद देने के बाद भी हरि ने सत्येंद्र को चार लाख का कर्जदार बता दिया और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगा। दबाव बनाकर उसका एटीएम कार्ड, पासबुक व चेकबुक अपने पास रख लिया। इसी वर्ष जनवरी में ही उसने हरि को चार लाख 40 हजार रुपये भी दिए। बावजूद सूदखोर ने एटीएम, पासबुक व चेकबुक नहीं लौटाया।

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बुधवार को आकर सूदखोर ने दी थी धमकी

परिवार के लोगों का कहना है कि बुधवार की सुबह सूदखोर हरि दो साथियों के साथ घर आया। सत्येंद्र से चार लाख और मांगने लगा। नहीं देने पर बुरा परिणाम भुगतने की धमकी देने लगा। इससे सत्येंद्र तनाव में आ गया। मृतक की पत्नी ममता ने बताया कि बुधवार की रात परिवार के लोग खाकर एक साथ सो गए। रात में पति मोबाइल चलाते रहे। सुबह करीब चार बजे शौच जाने की बात कहकर निकले और दूसरे कमरे में जाकर घर की छत के एंगल में रस्सी के सहारे फांसी लगा ली। पत्नी ने कहा कि करीब साढ़े चार बजे झाड़ू लगाने उस घर में गई तो देखा कि पति ने फांसी लगा ली है। शोर मचाने पर पड़ोसी पहुंचे। उन्हें फंदे से उतारा। तबतक उनकी मौत हो चुकी थी।

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फेसबुक पर सुसाइड नोट किया वायरल फिर लगाई फांसी

सत्येंद्र ने सबसे पहले अपने हाथों से सुसाइड नोट लिखी। स्वयं को सूदखोर के चंगुल में फंसे होने की बात बताई। इसके बाद उसने उसे अपने फेसबुक अकाउंट में वायरल कर दिया। वायरल होते ही इसपर कमेट्स आने लगे। कई लोगों ने फेसबुक पर ही सूदखोरों की शिकायत एसएसपी से करने की सलाह दी।

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50 हजार रुपये कर्ज को सूद समेत बना दिया चार लाख 40 हजार

सत्येंद्र ने सुसाइड नोट में लिखा है कि गोधर रवानी बस्ती का रहने वाले बड़े सूदखोर हरि रवानी से 50 हजार लिया था। वह सूद को जोड़कर चार लाख का कागज में बांड करवा लिया। सभी चेकबुक ले लिए। एटीएम से कार्ड से महीना 15 हजार निकाल लेता है। मारता व पीटता भी था। अगर मुझे कुछ भी होता है तो इसका जिम्मेवार हरि होगा। हरि रवानी का मोबाइल नंबर 970 85 14 934 है।

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मृतक की भांजी ने पुलिस को चार सूदखोरों के बताए नाम

भांजी स्नेहा ने पुलिस को बताया कि उनके मामा सत्येंद्र चार सूदखोरों के चंगुल में फंसे हुए थे। कर्ज को कई गुना सूद जोड़ दिया गया। इसके चलते काफी तनाव में रहने लगे। गोधर के हरि के अलावा अयोध्या सिंह चौहान, बस्ताकोला के प्रेम पासवान व जगदीश का नाम बताया। पुलिस ने चारों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन परिवार वालों को दिया है। मालूम हो कि स्नेहा को मामा सत्येंद्र ने बचपन से ही पाला-पोसा है।

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कर्ज चुकाने के लिए खेलने लगा था लाटरी

सूदखोरों के कर्ज को चुकाने के लिए सत्येंद्र ने बंगाल की लॉटरी भी खेलना शुरू कर दिया था। इसके चलते वह और कर्ज में डूबता चला गया। लॉटरी खेलने के लिए भी कर्ज लेने लगा। इसके चलते वह कई और सूदखोरों के मकड़जाल में फंसता चला गया। यह मकड़जाल उसके लिए फांसी का फंदा बन गया।

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ऑनलाइन पेमेंट के बाद भी सूदखोरों के चंगुल में कर्मी

बीसीसीएल ने कर्मियों को सूदखोरों के आतंक से बचाने के लिए ऑनलाइन पेमेंट सीधे बैंक खाते में कर दिया है। पहले कोलियरी कार्यालय काउंटर से हाथों हाथ कर्मियों को वेतन भुगतान किया जाता था। जहां सूदखोर पूरे महीने भर की कमाई पर झपट्टा मार लेते थे। बैंक पेमेंट होने के बाद से सूदखोरों ने नई तरकीब निकाली। कर्मियों का चेकबुक, पासबुक व एटीएम कार्ड अपने पास रख लेते हैं। पेमेंट आने के बाद बैंक से पैसे की निकासी कर लेते हैं। बैंक में भी सूदखोरों की गहरी पैठ है।

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कोयलांचल में सर्वाधिक है सूदखोरों का आतंक

कोयलांचल में सूदखोरों का जाल मौत के फंदे से कम नहीं है। मेहनत करने वाले मजदूरों के समक्ष इन दिनों सूदखोरों के चंगुल से स्वयं को महफूज रखना ही सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। पहले तो छोटी रकम देकर मजदूरों को सूदखोर अपने जाल में फांसते हैं। इसके बाद सूदखोरों की इन मजदूरों पर चक्रवृद्धि ब्याज का मंत्र चलना शुरू हो जाता है। सूदखोर अपने सूद के मकड़जाल में ऐसे फांस लेते हैं कि मजदूर इससे निकल नहीं पाते। अंत में मजदूर की पीएफ व ग्रेच्यूटी राशि तक ले लेते हैं। सूदखोरों की ओर से अधिक तंग करने पर मजदूर आत्महत्या कर लेते हैं।

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मृतक के पास से सुसाइड नोट बरामद किया गया है। इसकी जांच की जा रही है। जिन सूदखोरों के नाम सामने आए हैं। पुलिस उसकी तलाश में हैं। दोषी पाए जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

- पीके सिंह, इंस्पेक्टर झरिया थाना।

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केस स्टडी 1 :

21 मार्च 2020 को बोर्रागढ़ निवासी सह बीसीसीएल कर्मी कपिलमुनि ने सूदखोरों से तंग आकर बोर्रागढ में ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी थी।

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केस स्टडी दो :

16 अगस्त 2020 को जोड़ाफाटक प्रेमनगर निवासी मनोज कुमार साव ने सूदखोरों से तंग आकर फांसी लगा ली थी।

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केस स्डटी तीन :

चार मार्च 2021 की सुबह बीसीसीएल कर्मी सह विक्ट्री निवासी सत्येंद्र चौहान ने सूदखोरों से तंग आकर आत्महत्या कर ली।


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