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Chamoli Tragedy: मौत को चंद फासले पर देखा तो उलटे पैर भागकर बचाई जान, पेटरवार के गुरुचरण ने बयां किया आंखों-देखा हाल

गुरुचरण का कहना है कि कुछ मिनटों के लिए सांसें अटक गईं। थोड़ी देर बाद एक-दूसरे की तलाश शुरू हुई। अब तक अमृत का पता नहीं लग पाया है। अमृत अंदर काम कर रहा था। वह हमलोगों का फोरमैन था।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 11 Feb 2021 10:55 AM (IST)Updated: Thu, 11 Feb 2021 10:55 AM (IST)
Chamoli Tragedy: मौत को चंद फासले पर देखा तो उलटे पैर भागकर बचाई जान, पेटरवार के गुरुचरण ने बयां किया आंखों-देखा हाल
पेटरवार का गुरुचरण और चमोली में हादसे के बाद का नजारा।

बोकारो, जेएनएन। नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन के उत्तराखंड  स्थित पावर प्रोजेक्ट में काम करने गए बोकारो के पेटरवार के जाराडीह गांव के युवक गुरुचरण महतो के दिन अपने गांव के युवक अमृत के सुरंग से बाहर निकलने की आस में कट रहे हैं। वहां हर दिन राहत व बचाव कार्य चल रहा है। गुरुचरण ने फोन पर बताया कि उसे अब भी भरोसा नहीं हो रहा है कि उसकी जान कैसे बची। चूंकि घटना से 15 मिनट पहले उनके साइड इंचार्ज ने पहाड़ी पर रखे हुए मोटर पंप में पानी डालने के लिए भेजा था। पानी डालने के बाद वह फिर सीढिय़ों से नीचे उतर रहा था, तभी तेज हवा के झोंके के साथ तेज आवाज आई। दूर पहाड़ी से बर्फ और मलबा आता दिखाई दिया। मौत को सामने देखा तो उलटे पांव पहाड़ी पर चढ़ गया। जब तक पहाड़ी पर पहुंचा, तब तक नीचे  निर्माणाधीन डैम मलबे में दब चुका था। 

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गुरुचरण का कहना है कि कुछ मिनटों के लिए सांसें अटक गईं। थोड़ी देर बाद एक-दूसरे की तलाश शुरू हुई। अब तक अमृत का पता नहीं लग पाया है। अमृत अंदर काम कर रहा था। वह हमलोगों का फोरमैन था। चूंकि अमृत गांव का है तो हर दिन राहत कार्य के इर्द-गिर्द मंडरा रहा हूं कि वह कब बाहर निकले। पता नहीं वह किस हालात में है। कई और साथी भी फंसे हैं। 

दोस्तों ने शोर मचाकर बचा ली जान

जाराडीह के दूसरे मजदूर टीकेंद्र की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। उसने जागरण को बताया कि उसका काम दूसरी साइट पर चल रहा था। हादसे के वक्त वह पहाड़ी की ओर जाने के लिए साइट से निकला था, तब तक दूसरे साइट पर काम कर रहे मजदूरों ने भागने का इशारा किया और शोर मचाया। एक ओर पहाड़ी से पानी व मलबा को आता देख सभी ने भाग कर जान बचा ली। जो लोग सुरंग में थे उनके बारे में अब तक नहीं पता चला है कि वे किस हालात में हैं। उनके गांव के तीन लोग थे, दो तो साथ में हैं पर तीसरा अमृत सुरंग में ही फंसा हुआ है। हर दिन सुरंग के साफ होने का इंतजार कर रहे हैं।


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