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15 हजार से कम कमाते हैं तो बुढ़ापे में सरकार देगी पेंशन, 55 से 200 रुपये तक करना होगा अंशदान

अगर आप 15 हजार से कम कमाते हैं तो सरकार आपकी मदद करेगी। इसके लिए आपको प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना से जुडऩा होगा। इससे जुडऩे के लिए पहले निबंधन कराना होगा।

By Deepak PandeyEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 11:37 AM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 11:37 AM (IST)
15 हजार से कम कमाते हैं तो बुढ़ापे में सरकार देगी पेंशन, 55 से 200 रुपये तक करना होगा अंशदान
15 हजार से कम कमाते हैं तो बुढ़ापे में सरकार देगी पेंशन, 55 से 200 रुपये तक करना होगा अंशदान

जागरण संवाददाता, धनबाद: अगर आप 15 हजार से कम कमाते हैं तो सरकार आपकी मदद करेगी। इसके लिए आपको प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना से जुडऩा होगा। इससे जुडऩे के लिए पहले निबंधन कराना होगा और निर्धारित शुल्क भी अदा करना होगा। इसके बाद शुल्क प्रति माह आपके बैंक खाते में से कटौती की जाएगी। 60 साल के बाद आपको पेंशन का लाभ मिलेगा।

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इस योजना की लांचिंग को लेकर गुरुवार को बरटांड़ के श्रम विभाग कार्यालय में कार्यशाला आयोजित हुई। सहायक श्रमायुक्त प्रदीप रॉबर्ट लकड़ा की मौजूदगी में हुई कार्यशाला में कामगार संघ, एलआइसी प्रतिनिधि, ईपीएफ व बैंक के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा हुई।

श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी हरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस योजना के तहत समाज के एक बड़े वर्ग को सरकारी योजना का लाभ मिलेगा। असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए वृद्धावस्था सुरक्षा के तहत उन्हें 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर प्रति माह तीन हजार रुपये मासिक पेंशन मिलेगा। उनकी मृत्यु होने पर आश्रित को 1500 रुपये पेंशन के तौर पर प्रति माह भुगतान होगा। इसके साथ ही 18 से 40 की उम्र वाले असंगठित कामगार जिनकी मासिक आमदनी 15 हजार से ज्यादा नहीं है। उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा।

इस योजना का लाभ लेने के लिए 55 से 200 रुपये तक अंशदान राशि जमा करना होगा। इतनी ही राशि केंद्र सरकार भी देगी। अंशदान की रकम 60 साल की उम्र तक प्रति माह बैंक खाते से कटौती कर जमा कर दी जाएगी। मौके पर एलआइसी शाखा प्रबंधक संजय श्रीवास्तव, एसबीआइ सिटी शाखा प्रबंधक राजेश सिंह, श्रमिक नेता एके झा, शकुंतला मिश्रा व अन्य उपस्थित थे।

कौन-कौन होंगे हकदार: घरेलू कर्मकार, फेरी लगाने वाले, मध्याह्न भोजन बनाने वाले, सिर पर बोझा ढोनेवाले, ईंट भट्ठा के मजदूर, कूड़ा फेंकने वाले, मोची, धोबी, घरेलू उद्योग में लगे मजदूर, रिक्शा चालक, ग्रामीण भूमिहीन श्रमिक, कृषि कर्मकार, बीड़ी कर्मकार, हथकरघा कर्मकार, चमड़ा कर्मकार समेत अन्य व्यवसायों में लगे कर्मकार।


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