Commercial Mining: अपनी ही सरकार के फैसले के खिलाफ भारतीय मजदूर संघ, विरोध में उठाया झंडा Dhanbad News
लॉकडाउन के कारण देश की सुस्त पड़ी अर्थ व्यवस्था को तेज करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत अभियान ने तहत कमर्शियल माइनिंग का एलान किया है।
धनबाद, जेएनएन। केंद्र में भाजपा की सरकार है। भाजपा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की राजनीतिक शाखा मानी जाती है। इसके बावजूद RSS का मजदूर संगठन भारतीय मजदूर संघ आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कमर्शियल माइनिंग के विरोध में झंडा उठा लिया है। इसके विरोध में बुधवार को संघ की तरफ से बीसीसीएल की कोलियरियों में धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया है।
लॉकडाउन के कारण देश की सुस्त पड़ी आर्थिक व्यवस्था को तेज करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत अभियान (Atmanirbhar Bharat Abhiyan) ने तहत कमर्शियल माइनिंग का एलान किया है। इसका मजदूर संगठन कोल इंडिया का निजीकरण करने का आरोप लगाते हुए विरोध कर रहे हैं। इस मुद्दे पर केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी सफाई भी दे चुके हैं। उन्होंने कहा है कि कोल इंडिया का निजीकरण नहीं होगा। इसके बावजूद मजदूर संगठन विरोध कर रहे हैं। विरोध में भाजपा समर्थित भारतीय मजदूर संघ और उससे जुड़े संगठन खुद को पीछे दिखना नहीं चाहते हैं। वे बढ़-चढ़कर विरोध कर रहे हैं।
बुधवार को बीसीसीएल के लोदना क्षेत्रीय कार्यालय के समीप बीएमएस से संबद्ध धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ के समर्थकों ने केंद्रीय कमेटी के निर्देश पर धरना-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद संघ समर्थक जीएम जीडी निगम को मांग पत्र देने गए। जीएम ने संघ के नेताओं से मिलने से इन्कार करते हुए मांग पत्र को डिस्पैच में देने को कहा।
जीएम द्वारा मिलने से इंकार करने पर संघ समर्थक भड़क गए। विरोध में जीएम कक्ष के मुख्य दरवाजे के सामने प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना पर बैठ गए। मामले की गंभीरता को देख सूचना मिलने के बाद एपीएम डीके भगत के निर्देश पर कार्मिक अधिकारी पिंकी कुमारी ने संघ के आंदोलित समर्थकों से मिलकर उनका मांग पत्र लिया। उसके बाद संघ समर्थकों ने आंदोलन समाप्त कर दिया। मौके पर संघ के क्षेत्रीय प्रभारी सुभाष माली, क्षेत्रीय सचिव दयाराम सिंह यादव, अजय देव, रामनाथ गोप, इस्माइल मल्लिक, कनिकलाल राम, विजय पासवान, श्रवण कुमार, मुन्ना राजभर, उज्जवल डे, विश्वनाथ चक्रवर्ती, रामजनम पासवान, कैलाश पासवान, पल्टन बाउरी, ज्ञानेंद्र देव आदि थे।