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कोयला राजधानी में पानी बचाने में जुटा गैंग्स ऑफ 20 वाटर लीडर

धनबाद अब गैंग्स ऑफ वासेपुर ही नहीं, बल्कि अब गैंग्स ऑफ 20 वाटर लीडर की वजह से भी चर्चा में है। 2015 से ही कार्मल स्कूल की बेटियों ने यह बीड़ा अपने कंधे पर उठाया है।

By Deepak PandeyEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 12:42 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 12:42 PM (IST)
कोयला राजधानी में पानी बचाने में जुटा गैंग्स ऑफ 20 वाटर लीडर
कोयला राजधानी में पानी बचाने में जुटा गैंग्स ऑफ 20 वाटर लीडर

जागरण संवाददाता, धनबाद: धनबाद अब गैंग्स ऑफ वासेपुर ही नहीं, बल्कि अब गैंग्स ऑफ 20 वाटर लीडर की वजह से भी चर्चा में है। 2015 की बात है कार्मल स्कूल की आठवीं की कुछ छात्राएं जल संरक्षण को लेकर आयोजित एक कार्यशाला में शामिल हुईं। देश में पानी की समस्या और इसके भविष्य पर हुई चर्चा इन छात्राओं को इतनी रास आई कि 20 छात्राओं के समूह ने 'गैंग्स ऑफ 20 वाटर लीडर' का गठन कर डाला।

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ये पिछले तीन वर्षों से जल संरक्षण की दिशा में ये छात्राएं लगातार काम कर रही हैं। सिर्फ लोगों को जागरूक करना ही नहीं बल्कि विभिन्न क्षेत्रों से आंकड़े भी एकत्रित कर रहीं हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि किस क्षेत्र में, कितने तरीकों से पानी की अधिक खपत हो रही है, कितना पानी बर्बाद हो रहा है और इसका संचयन कैसे किया जा सकता है। किस तरह से जल का संरक्षण किया जा सकता है, इसके कितने तरीके हो सकते हैं यह जानने के लिए गैंग्स ऑफ 20 कई जगह का दौरा भी कर चुकी हैं। स्कूल में छात्राओं को तो जल संरक्षण के बारे में बताती ही हैं, साथ में आसपास भी लोगों को जागरूक करती हैं।

इस समय गैंग्स की सदस्य 11वीं में पहुंच चुकी हैं। इनमें से कुछ छात्राएं विभिन्न स्कूलों में एडमिशन ले चुकी हैं, लेकिन जल संरक्षण का कार्य सभी मिलकर करती हैं। समय-समय पर इनके मेंटर एकलव्य प्रसाद छात्राओं को टिप्स देते रहते हैं। वाटर लीडर की कोऑर्डिनेटर यहां की शिक्षिकाएं डार्लिन और सोनाली सिंह हैं।

65 फीसद लोग भूजल का करते प्रयोग: गैंग्स ऑफ 20 की सदस्य अमीषा सिंह, तनीषा सिंह, मानसी ठक्कर और श्रेया श्रीवास्तव कहती हैं कि धनबाद में पानी की बहुत समस्या है। जल का संचयन समय की मांग है। एक व्यक्ति अगर नियमित जल संचयन करता है तो निश्चित रूप से यह कारगर साबित होगा। हम लोगों ने धनबाद के लगभग हर हिस्से में मसलन झाड़ूडीह, मटकुरिया, हीरापुर, सरायढेला, धैया, पुराना बाजार, बरमसिया सर्वे किया। यहां हमें पता चला कि 65 फीसद लोग भूजल का प्रयोग करते हैं, 31 फीसद सतह जल यानी मैथन जलापूर्ति और माडा आदि का प्रयोग करते हैं। चार फीसद लोग दोनों का प्रयोग करते हैं। इससे पता चलता है कि भूजल का दोहन सबसे अधिक हो रहा है। इसके संरक्षण की जरूरत है, ताकि पानी लंबे समय तक हमें मिल सके। बस नल बंद करने से काम नहीं चलेगा, बल्कि इसका संचयन करना होगा।

गैंग्स ऑफ 20 वाटर लीडर: अमीषा सिंह, तनीषा सिंह, मानसी ठक्कर, श्रेया श्रीवास्तव, साक्षी, तृषा पोद्दार, रजनी आनंद, अदिति झा (वर्तमान में कार्मल), अनुष्का लाल, श्रेया प्रभा, कनुप्रिया (वर्तमान में डीपीएस धनबाद), मेघा मैतिन (वर्तमान में डीपीएस रांची), कशिका चौधरी (वर्तमान में सेंट लॉरेंस ऊटी), श्रुति परना, आयोनिजा ठाकुर (वर्तमान में सेंट जेवियर्स इंटरनेशनल स्कूल धनबाद), जन्नत काजी (वर्तमान में अलीगढ़ मुस्लिम विवि) और अक्षरा।

"जल संकट बढ़ रहा है। ऐसे में हमें यह समझना होगा कि जल का संचयन किस तरह से करें। अगर एक बच्चा आपको पानी बचाने की नसीहत देता है तो यह लोगों पर गहरा असर डालता है। गैंग्स ऑफ 20 वाटर लीडर की छात्राएं भी यही कर रही हैं।"

- डॉ.मार्गरेट मैरी, प्राचार्या कार्मल स्कूल 


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