जेल में धधक रही अदावत की आग, खतरे में भाजपा विधायक की जान
इस समय धनबाद जेल की स्थिति चिंताजनक है। एक-दूसरे के घोर विरोधी जेल में बंद हैं। उनमें टकराव की आशंका की इनपुट मिल रही है।
धनबाद, मृत्युंजय पाठक। पूर्वांचल के माफिया डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत जेल में गोली मारकर हुई सनसनीखेज हत्या की वारदात आपको याद है न! इसकी पुनरावृत्ति धनबाद जेल में हो जाए तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। क्योंकि इस जेल के अंदर अदावत की आग धधक रही है। नतीजतन, सत्ताधारी भाजपा के बाहुबली विधायक संजीव सिंह की जान खतरे में है। विधायक, कांग्रेस नेता धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह और उनके तीन सहयोगियों की हत्या में आरोपित होने के बाद एक साल से ज्यादा समय से इसी जेल में कैद हैं।
गैंग्स की धनबाद जेल में दबंग उपस्थिति: इस समय धनबाद जेल के अंदर हर गैंग अपने कुनबे के साथ मौजूद है। गैंग्स ऑफ वासेपुर के सदस्यों का जेल में आना-जाना लगा है। वासेपुर के चर्चित सजायाफ्ता फहीम खान जमशेदपुर जेल में हैं। लेकिन, उसका पुत्र इकबाल खान, भांजा प्रिंस खान और गोपी खान, बंटी खान अपने सहयोगियों के साथ धनबाद जेल में बंद हैं। झरिया विधायक संजीव सिंह कांग्रेस नेता नीरज सिंह समेत चार की हत्या के आरोप में 11 लोगों के साथ जेल में हैं। इनमें उत्तर प्रदेश एसटीएफ द्वारा पकड़े गए शूटर अमन सिंह, चंदन सिंह और कुर्बान उर्फ सोनू भी शामिल हैं। इसी तरह धनबाद नगर कांग्रेस के अध्यक्ष वैभव सिन्हा भी समर्थकों के साथ कैद हैं। विधायक संजीव सिंह के खास रंजय सिंह की हत्या में शामिल शूटर नंद कुमार सिंह उर्फ मामा भी धनबाद जेल में ही है।
एक-दूसरे से है खानदानी अदावत : जेल के अंदर जितने भी कुख्यात-विख्यात लोग हैं उनकी एक-दूसरे से खानदानी अदावत है। गैंग्स ऑफ वासेपुर और सिंह मैंशन के बीच तो वर्षो से छत्तीस का आंकड़ा है। 80 के दशक में जेल के अंदर फहीम खान के पिता शफीक खान और झरिया के तत्कालीन विधायक सूर्यदेव सिंह के बीच विवाद हुआ था। बाद में शफीक खान की जीटी रोड पर तोपचांची में हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के लिए गैंग्स ऑफ वासेपुर सूर्यदेव सिंह को भी जिम्मेवार मानता है। इस समय जेल में सूरजदेव सिंह के पुत्र विधायक संजीव सिंह और शफीक खान की तीसरी पीढ़ी के इकबाल खान अपने फुफेरे भाइयों के साथ बंद हैं। हाल ही में विधायक संजीव सिंह के नजदीकी झाविमो नेता रंजीत सिंह की हत्या हुई है। पुलिस के अनुसार, हत्या की साजिश जेल से ही फहीम खान के भांजे प्रिंस ने रची। इसे लेकर भी दोनों में तनाव है। कोयलांचल में कभी बेताज बादशाह के नाम से मशहूर मजदूर नेता बीपी सिन्हा की 1978 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड की पूरक चार्जशीट में सूर्यदेव सिंह आरोपित हुए थे। इस समय सिन्हा के पोते वैभव सिन्हा भी समर्थकों के साथ जेल के ही अंदर हैं।
झड़प के बाद प्रशासन के फूले हाथ-पांव : धनबाद जेल के अंदर 27 अगस्त को दो गुटों में झड़प होने की खबर है। इसे लेकर जेल के अंदर तनाव व्याप्त है। कोर्ट में पेशी के दौरान विधायक संजीव सिंह के समर्थक बड़ी संख्या में जमा हुए थे। उसी दिन गैंग्स ऑफ वासेपुर के सदस्यों की भी पेशी थी। कोर्ट में पेशी के दौरान भी अनहोनी की आशंका से पुलिस-प्रशासन की पेशानी पर बल पड़ गया है। इसे देखते हुए प्रशासन ने जेल के अंदर सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की है। एक-दूसरे को अगल-अलग वार्ड में रखा गया है। विधायक संजीव सिंह अपर डिवीजन विचाराधीन बंदी हैं। उन्हें विशेष सुरक्षा और सुविधा दी जा रहीं हैं। जेल में बंद कुछ कुख्यात बंदियों को प्रशासन ने राज्य के दूसरे जेल में शिफ्ट करने की तैयारी शुरू कर दी है, ताकि धनबाद जेल के अंदर किसी तरह की अनहोनी न हो। जेल अधीक्षक अजय कुमार प्रजापति ने धनबाद के उपायुक्त और जेल आइजी को पत्र लिखकर गैंग्स ऑफ वासेपुर से जुड़े अपराधियों को दूसरी जेल में शिफ्ट करने का अनुरोध किया है।
कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था होगी चाक-चौबंद : 28 अगस्त को बिहार के सीतामढ़ी कोर्ट में पेशी के दौरान कुख्यात अपराधी संतोष झा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद से धनबाद के पुलिस-प्रशासन के अधिकारी भी मानसिक दबाव में आ गए हैं। उन्हें डर सता रहा है कि कहीं धनबाद में भी पेशी के दौरान कुछ हो न जाए। बुधवार को डीएसपी विधि व्यवस्था मुकेश कुमार ने पुलिस-पदाधिकारियों के साथ कोर्ट परिसर की सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा भी लिया। उन्होंने सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद करने का निर्देश दिया।
धनबाद जेल की स्थिति चिंताजनक
इस समय धनबाद जेल की स्थिति चिंताजनक है। एक-दूसरे के घोर विरोधी जेल में बंद हैं। उनमें टकराव की आशंका की इनपुट मिल रही है। टकराव रोकने के लिए कुछ बंदियों को राज्य के दूसरे जेल में शिफ्ट किया जाएगा। प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा जा रहा है। स्वीकृति मिलते ही दूसरे जेल में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
-आंजनेयुलु दोड्डे, उपायुक्त, धनबाद।