कर्नाटक में बंधक बनाकर रखे गए हैं मोदीडीह के चार युवक
सिजुआ : कर्नाटक में बंधक बनाकर रखे गए जोगता थाना अंतर्गत मोदीडीह सात नंबर के चार युवकों क
सिजुआ : कर्नाटक में बंधक बनाकर रखे गए जोगता थाना अंतर्गत मोदीडीह सात नंबर के चार युवकों के परिजनों ने उनकी सकुलश घर वापसी के लिए मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र के साथ-साथ वरीय पुलिस अधीक्षक के पास फरियाद की है। नौ माह पूर्व रोजगार की तलाश में दो सहोदर भाई ¨टकू कुमार (20) तथा सचिन कुमार (18) के अलावा कालका भुइयां (25), राज रजवार (25), पप्पू रजवार व रामदेव तूरी रोजगार की तलाश में कर्नाटक गए थे। रोजगार तो उपलब्ध हो गया, लेकिन वे बंधुआ मजदूर की तरह रहने को विवश हो गए। इसी बीच पप्पू व रामदेव किसी तरह अक्टूबर में भाग कर वापस जोगता आ गए। कनार्टक में फंसे उन चारों के परिजनों को वहां की वास्तविकता से अवगत कराया, लेकिन परिजनों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसी बीच जब डाल्टेनगंज के एक युवक को कनार्टक से मुक्त कराए जाने की जानकारी परिजनों को मिली तो उन्होंने भी उनकी वापसी की फरियाद कर दी।
¨टकू व सचिन की मां सुमा देवी ने जोगता थाने में लिखित शिकायत देकर बेटों को सकुशल वापस लाने की फरियाद की है। पुलिस को दी गई शिकायत में कहा है कि नौ माह पूर्व चारों युवक रोजगार के सिलसिले में कर्नाटक गए थे। वहां उन्हें काम के एवज में पैसे नहीं दिए जा रहे। उनसे मारपीट व अमानवीय व्यवहार किया जा रहा। उनके मोबाइल भी छीन लिए गए हैं।
भदरीचक का पप्पू रजवार व मोदीडीह सात नंबर का रामदेव तुरी भी काम करने कर्नाटक गए थे। अक्टूबर में वे दोनों किसी तरह वहां से भागकर आने में कामयाब हुए, लेकिन अन्य चारों वहीं फंसे हुए हैं। शिकायत में मालिक का नाम नवाज व मोबाइल नंबर 09448409181 तथा प्रबंधक का मोबाइल नंबर 09535707638 का उल्लेख करते हुए कहा है कि डाल्टेनगंज के रहने वाले एक युवक भी कर्नाटक में उनलोगों की चंगुल में था। डाल्टेनगंज पुलिस की मदद से उसके परिजन युवक को लाने में कामयाब हो चुके हैं। उन्हीं के परिजनों से इन युवकों की स्थिति के बारे में जानकारी मिली है।
ऐसे फंसे चंगुल में
बंधुआ मजदूरी कराने वाले गिरोह की चंगुल से भागकर घर पहुंचे पप्पू रजवार ने कहा कि तमिलनाडु के त्रिपुर में कालका भुइयां पहले से काम करता था। नौ माह पूर्व छुट्टी में कालिका के यहां आने पर उसके साथ ¨टकू, सचिन, राज वह खुद तथा रामदेव त्रिपुर गए थे। जिस कंपनी में कालका काम करता था, वहां रोजगार नहीं मिला। एक रात वहां बिताने के बाद वे लोग त्रिपुर स्टेशन पहुंचे। कालका भी पुरानी कंपनी को छोड़कर उनलोगों के साथ था। स्टेशन पर प्रेमगुरु नामक व्यक्ति मिला और काम दिलाने की बात कहकर एक गांव ले गया। यहां दस दिनों तक उन्हें जबरन बंधक बनाकर रखा गया। इसके बाद कर्नाटक में एसएस रिंग बो¨रग कंपनी के मालिक नवाज के पास पहुंचा दिया। उनकी यातनाओं से तंग आकर मौका देखकर एक दिन वह रामदेव के साथ वहां से भाग निकला।