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हार से आहत राजकिशोर ने सुदेश को दिया शाप, कहा- AJSU का कोई राजनीतिक भविष्य नहीं Dhanbad News

राजकिशोर महतो ने कहा कि सुदेश महतो ने हमेशा उनके पिता विनोद बिहारी महतो के नाम की राजनीतिक दुकानदारी की है। उन्हें दिल से विनोद बिहारी महतो से लगाव नहीं है।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 08:12 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 05:54 PM (IST)
हार से आहत राजकिशोर ने सुदेश को दिया शाप, कहा- AJSU का कोई राजनीतिक भविष्य नहीं Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। झारखंड में कुर्मियों के सबसे बड़े नेता रहे झामुमो के संस्थापकों में से एक स्व. विनोद बिहारी महतो के पुत्र राजकिशोर महतो ने विधानसभा चुनाव में हार के बाद आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि झारखंड में आजसू का कोई राजनीतिक भविष्य नहीं है। 

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आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो झामुमो के संस्थापक विनोद बिहारी महतो के पुत्र राज किशोर महतो के निशाने पर हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में आजसू पार्टी के टिकट पर राज किशोर महतो ने टुंडी से विधानसभा चुनाव जीता था। इस बार भी आजसू के टिकट पर टुंडी से चुनाव लड़े और हार गए। राज किशोर महतो को लगता है कि आजसू के लोगों के भितरघात के कारण वे टुंडी से चुनाव हारे हैं। आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पर उन्होंने तंज कसा, 'खाता न बही जो सुदेश कहे वही सही।'

उन्होंने कहा कि सुदेश महतो ने हमेशा उनके पिता विनोद बिहारी महतो के नाम की राजनीतिक दुकानदारी की है। उन्हें दिल से विनोद बिहारी महतो से लगाव नहीं है। चंद्र प्रकाश चौधरी के गिरिडीह सांसद बनने के बाद कैबिनेट मंत्री का पद रिक्त हुआ तो सुदेश महतो ने रामचंद्र सहिस को मंत्री बना दिया। वे सबसे सीनियर थे। सुदेश महतो ने उनसे कहा था कि छह महीने के लिए क्यों मंत्री बनेंगे, चुनाव जीत गए तो अगली सरकार में पांच साल के लिए मंत्री बनाएंगे। राज किशोर ने सवालिया लहजे में कहा कि सुदेश महतो ने विधानसभा चुनाव में दस दिन तक उनके टिकट को होल्ड पर रखा था। वास्तव में मंत्री बनाने की मंशा होती तो सबसे पहले टिकट देने की घोषणा करते।

आजसू से इस्तीफा देने के बाद राज किशोर महतो ने मंगलवार को मीडिया से कहा कहा कि आजसू पार्टी के भीतर सुदेश महतो किसी की बात नहीं सुनते हैं। चुनाव की समीक्षा बैठक सिर्फ दिखावा होती है। बाकी लोगों को कुछ कहने नहीं दिया जाता। समीक्षा बैठक का मतलब है, सुदेश महतो को सुनना। ऐसी समीक्षा बैठक में जाने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि अब वे आजसू पार्टी से अलग हो चुके हैं। इस्तीफा पत्र भेज दिया है। यह भी फैसला लिए हैं कि अब जीवन में कोई भी चुनाव नहीं लड़ेंगे। सिर्फ मजदूरों के लिए काम करने का इरादा है। झारखंड कोलियरी श्रमिक यूनियन को मजबूत करेंगे।  

भाजपा से सांठ गांठ कर सुदेश विधायक बन गए

राज किशोर महतो ने कहा कि आजसू पार्टी ने 53 सीटों पर चुनाव लड़ा था। सिर्फ दो सीट पर विजय हासिल हुई है। सुदेश की सांठ गांठ थी, तभी सिल्ली से भाजपा ने उम्मीदवार खड़ा नहीं किया था। गोमिया में भी भाजपा ने कमजोर उम्मीदवार दिया था। 

विधानसभा चुनाव के मसले पर राज किशोर बाबू के मन में कोई बात है तो समीक्षा बैठक में बोलते। पार्टी के लिए वही खुला मंच था। 

-सुदेश महतो, केंद्रीय अध्यक्ष, आजसू पार्टी 

पार्टी में रहने अथवा न रहने का फैसला लेना राज किशोर बाबू का विशेषाधिकार है। आजसू पार्टी में नहीं रहते हैं तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 

-डॉ. देव शरण भगत, केंद्रीय प्रवक्ता, आजसू पार्टी


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