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एमपीएल में सैंडोज को कोयला ढुलाई व पिसाई दोनों काम दिए जाने पर अरूप ने उठाए सवाल

संवाद सहयोगी निरसा पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने एमपीएल में एक खास कंपनी को कोयला ढुलाई व

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 08:17 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 08:17 PM (IST)
एमपीएल में सैंडोज को कोयला ढुलाई व पिसाई दोनों काम दिए जाने पर अरूप ने उठाए सवाल

संवाद सहयोगी, निरसा : पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने एमपीएल में एक खास कंपनी को कोयला ढुलाई व पिसाई का काम दिए जाने पर सवाल उठाया है। रविवार को उन्होंने खुदिया फाटक स्थित स्थानीय हाइवा एसोसिएशन कार्यालय में प्रेसवार्ता में कहा कि एमपीएल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जिस ट्रांसपोर्टर सैंडोज ट्रांसपोर्टिंग कंपनी को कोयला ढुलाई का काम दिया गया है उसे ही एमपीएल के अंदर कोयला पिसाई का भी काम दिया गया है। सिदरी मार्शलिग यार्ड से आया कोयला एमपीएल के कोल यार्ड में ना गिरा कर सीधे कोयले की पिसाई वाले स्थान पर गिराया जा रहा है। सैंडोज ट्रांसपोर्टिंग कंपनी पर संदेह का एक आधार यह भी बनता है कि सिदरी मार्शलिग यार्ड से कोयले की ढुलाई सिर्फ रात में ही क्यों होती है। सिदरी मार्शलिग यार्ड से कोयला लिफ्टिग के कार्य का निरसा के हाइवा मालिकों ने शुरू से ही विरोध किया है। हाइवा मालिकों को शुरू से संदेह था कि सिदरी मार्शलिग यार्ड से उच्च क्वालिटी के कोयले के स्थान पर निम्न क्वालिटी के कोयले की आपूर्ति एमपीएल में की जाएगी। निम्न क्वालिटी का कोयला उठाने जाने पर एमपीएल प्रबंधन द्वारा हाइवा मालिकों पर पेनाल्टी व थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई जाएगी। पूर्व में एमपीएल के अधिकारियों, कोल लॉजिस्टिक, ट्रांसपोर्टर व हाइवा मालिकों के बीच हुई वार्ता में तय हुआ था कि सिदरी मार्शलिग यार्ड में जो रैक से कोयला गिर चुका है उसे उठाने के बाद वहां से ट्रांसपोर्टिंग नहीं की जाएगी। इसके बावजूद यह कार्य चलता रहा। शनिवार की रात 12:00 बजे से लगभग 70 हाइवा को एनपीएल के कोल यार्ड में लगभग 18 घंटे तक रोक कर रखा गया। एमपीएल प्रबंधन या ट्रांसपोर्टर हाईवा मालिकों का 18 घंटे का डैमरेज चार्ज दे। उन्होंने कहा कि कोयले की हेरा-फेरी कर कोई भी ट्रांसपोर्टिंग कंपनी निम्न क्वालिटी का कोयला आपूर्ति एमपीएल में करती है तो प्रबंधन एमपीएल के अधीन चलने वाले सभी ट्रांसपोर्टिंग कंपनियों से जुर्माना वसूलता है। एमपीएल में कोयला ट्रांसपोर्टिंग में लगी सभी कंपनियों को एपीएल कोल यार्ड में अलग-अलग कोयला गिराने के लिए डिपो बनाया गया है। कंपनियां वहीं पर ही कोयला गिराते हैं। जिस ट्रांसपोर्टिंग कंपनी का कोयला खराब होता है उससे ही ही हर्जाना वसूला जाना चाहिए ना कि सभी से हर्जाना वसूला जाए। प्रेसवार्ता में कुंजबिहारी मिश्रा, हरिवंश पांडे, जीतू सिंह, सुभाष वर्णवाल, अजय ओझा, प्रशांत पांडे, दुर्गाचरण मंडल, कमल मंडल,मोहम्मद शहजाद आदि मौजूद थे।

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आज तक एक भी ट्रांसपोर्टरों पर क्यों नहीं हुआ मामला दर्ज : लालू

स्थानीय हाइवा एसोसिएशन के अध्यक्ष लालू ओझा ने कहा कि एमपीएल के कोयले की हेराफेरी पर हमेशा हाइवा मालिकों पर ही मुकदमा दर्ज किया जाता है और उनसे हर्जाना वसूला जाता है। आज तक एक भी ट्रांसपोर्टर पर मामला क्यों नहीं दर्ज किया गया। ट्रांसपोर्टर घटिया क्वालिटी का कोयले देंगे तो उसमें हाइवा मालिक कहां से दोषी हैं। घटिया क्वालिटी के कोयले के लिए एमपीएल प्रबंधन यदि ट्रांसपोर्टरों पर भी मामला दर्ज करवाए तो कोयले की हेराफेरी पर तुरंत रोक लग जाएगी।

नंबरों की हेराफेरी कर हो रही कोयले की हेराफेरी

लालू ओझा ने कहा कि एक ही नंबर का हाइवा एक ही समय में दामागोड़िया व हजारीबाग कोयला साइडिग में कैसे लोड हो सकता है। जानकारी के अनुसार पंद्रह दिन पहले दामागोड़िया में एमपीएल के लिए कोयला लोड कर चला हाइवा आज तक यहां नहीं पहुंचा है। ठीक उसी नंबर के हाइवा में हजारीबाग साइडिग से भी कोयला लोड हुआ। कई ऐसे भी मामले आए हैं कि हाइवा में आगे और पीछे का नंबर अलग रहता है। जीपीआरएस खराब रहने पर भी किस आधार पर एमपीएल की कोयला लोडिग में हाइवा का परिचालन होता है।


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