Jharkhand Panchayat Elections 2021: जामताड़ा विधायक इरफान की बहन Shabana ने ठोकी राजनीतिक ताल, जिला परिषद चेयरमैन पर नजर
शबाना खातून का परिवार कांग्रेस की राजनीति से जुड़ा हुआ है। उनके पिता कांग्रेस के टिकट पर गोड्डा से सांसद रह चुके हैं। वह बिहार सरकार में मंत्री भी थे। उनके भाई इरफान फिलहाल जामताड़ा से कांग्रेस के टिकट पर विधायक हैं।
संवाद सहयोगी, मधुपुर। गोड्डा के पूर्व सांसद फुरकान अंसारी की बेटी और जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी की बहन शबाना खातून ने भी राजनीति में कदम बढ़ा दिए हैं। वह छोटा चुनाव लड़कर अपना राजनीतिक कद बढ़ाना चाहती हैं। उनकी नजर देवघर जिला परिषद के चेयरमैन पद पर हैं। इसके लिए जिला परिषद चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। अपने पिता फुरकान अंसारी के साथ प्रचार भी शुरू कर दिया है। फुरकान अंसारी प्रचार के दाैरान यह कहना नहीं भूलते हैं कि शबाना को देवघर की जनता जिला परिषद अध्यक्ष के रूप में देख रही है।
देवघर जिला परिषद संख्या-14 से दावेदारी
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर मधुपुर क्षेत्र में सरगर्मी तेज बढ़ा गई। इसी क्रम में स्थानीय गडिय़ा गांव में रविवार को जिला परिषद भाग संख्या 14 से प्रत्याशी पूर्व सांसद फुरकान अंसारी की बड़ी बेटी शबाना खातून की जीत सुनिश्चित करने के लिए एक बैठक हुई। मौके पर दलहा, पटवाबाद, बड़ा नारायणपुर, गडिय़ा, उदयपुरा, सुग्गापहाड़ी के ग्रामीण मौजूद थे। जिला परिषद की संभावित प्रत्याशी शबाना खातून ने कहा कि क्षेत्र के चतुर्दिक विकास के लिए और महिलाओं को सम्मान पूर्वक हक दिलाने के लिए ग्रामीणों के दबाव में वह जिला परिषद का चुनाव लडऩे जा रही हैं। क्षेत्र की जनता ने अगर मौका दिया तो वे उनकी समस्याओं का हर हाल में समाधान कराएंगी।
जामताड़ा के कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ( फोटो एएनआइ)।
कांग्रेस से जुड़ा शबाना का परिवार
शबाना खातून का परिवार कांग्रेस की राजनीति से जुड़ा हुआ है। उनके पिता कांग्रेस के टिकट पर गोड्डा से सांसद रह चुके हैं। वह बिहार सरकार में मंत्री भी थे। उनके भाई इरफान फिलहाल जामताड़ा से कांग्रेस के टिकट पर विधायक हैं। प्रचार के दाैरान पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने कहा कि शबाना को जिले की जनता जिला परिषद अध्यक्ष के रूप में देख रही है। जिले के विभिन्न प्रखंडों के ग्रामीणों का सहयोग और स्नेह चाहिए। शबाना के चुनाव मैदान में आने से उनका दायित्व बढ़ा है। मौके पर पूर्व प्रमुख सुबल प्रसाद सिंह, अबू तालिब अंसारी, प्रोफेसर राम तपस्वी सिंह, लुकमान अंसारी, मकबूल हुसैन, रंजीत सिंह, सुभाष सिंह सहित दर्जनों गांव के ग्रामीण उपस्थित थे।