धनबाद में रेलवे कर रही मुंबई सरीखे हादसे का इंतजार!
धनबाद मुंबई रेलवे स्टेशन पर बीते गुरुवार फुट ओवरब्रिज गिरने की घटना ने कई जिंदगियां छीन लीं। धनबाद रेलवे स्टेशन ऐसे ही हादसों को आमंत्रण दे रहा है।
धनबाद : मुंबई रेलवे स्टेशन पर बीते गुरुवार फुट ओवरब्रिज गिरने की घटना ने कई जिंदगियां छीन ली। मुंबई के लिए ऐसा हादसा पहली बार नहीं है। इससे पहले भी एलफिस्टन और अंधेरी में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। डर तो इस बात का है कि ऐसी घटना कहीं धनबाद रेलवे स्टेशन पर भी न हो जाए।
जी हां, धनबाद रेलवे स्टेशन पर दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसी भीड़ तो नहीं होती, पर स्टेशन से सटे बाहरी फुट ओवरब्रिज की मौजूदा स्थिति में सुधार नहीं लाया गया तो यहां भी हादसा हो सकता है। इस ओवरब्रिज पर न केवल प्रति दिन 10 हजार से अधिक राहगिरों का दबाव है, बल्कि भारी भरकम जलापूर्ति पाइपलाइन भी गुजरी है।
संकट में डाल रही रेलवे की लापरवाही
जानकारों का कहना है कि ए-वन श्रेणी के स्टेशन होने के बाद भी यहां यात्रियों की भीड़ संभालने के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। त्योहारी सीजन में भीड़ अधिक होती है, पर जीआरपी और आरपीएफ उसे नियंत्रित करने की जहमत नहीं उठाती। रेलवे की यह लापरवाही यात्रियों की भीड़ को कभी भी संकट में डाल सकती है। रेलवे स्टेशन पर उमड़ने वाली भीड़ को संभालने के लिए जीआरपीए और आरपीएफ की पूरी फौज है। भीड़ के मद्देनजर उसे नियंत्रित करने योजनाएं तैयार होती है, पर महकमा इस पर अमल नहीं करता है।
नियमों पर अमल से रोके जा सकते हैं हादसे
ओवरब्रिज संवेदनशील माने जाते हैं। यही वजह है कि जीआरपी और आरपीएफ को निर्देश होता है कि भीड़ पुल पर नहीं रुके। यदि रेलवे संजीदगी से एक्शन प्लान पर अमल करे तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।
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स्टेशन के दक्षिणी छोर के लिए लाइफलाइन
रेलवे के इस पुल को दक्षिणी छोर का लाइफ लाइन कहना भी गलत न होगा, क्योंकि एक छोर से दूसरे तक पहुंचने के लिए पैदल चलने वालों का यही एकमात्र विकल्प है। तड़के से देर रात तक इस पुल से होकर हजारों लोग गुजरते हैं।
1956 में अस्तित्व में आया था फुट ओवरब्रिज
जानकार बताते हैं कि रेलवे का यह बाहरी फुट ओवरब्रिज 1956 में अस्तित्व में आया था। धनबाद रेलवे स्टेशन के ओल्ड स्टेशन से नई जगह पर शिफ्ट होने के साथ ही राहगिरों की आवाजाही के लिए पुल का निर्माण हुआ था।
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उद्घाटन की तारीख ढूंढ रहा फुट ओवरब्रिज
धनबाद स्टेशन पर नया फुट ओवरब्रिज बनकर तैयार है, पर इस पुल से अब तक आवाजाही की अनुमति नहीं दी गई है। पहले इस पुल का उद्घाटन कराने की योजना बनी थी, जो चुनाव की घोषणा के साथ ही टल गई। बाद में रेलवे ने इसे आम लोगों के लिए खोलने की योजना भी बनाई, लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ।
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पुल से गुजरने पर डर लगता है
न्यू स्टेशन कॉलोनी तक पहुंचने का यही विकल्प है। दूसरे पुल से जाने पर बेटिकट की श्रेणी में आ जाएंगे। पुल पर खडे़ रहने पर कंपन महसूस होता है। जितनी जल्दी संभव नये पुल खोल देने चाहिए।
- गौरी शंकर पांडेय, निवासी, न्यू स्टेशन कॉलोनी
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सुबह से देर रात तक हजारों लोग और रेलवे कर्मचारी इस ओवरब्रिज का इस्तेमाल करते हैं। अब तो इससे गुजरने में डर सा लगता है। नया पुल बनकर तैयार है। उसे खोल दिया जाए।
- मुनेश्वर सिंह, निवासी, न्यू स्टेशन कॉलोनी