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Dhanbad: आज झरिया की आग की स्थिति, लोगों को हाल जानने पहुंच रही है पांच सदस्यीय टीम

झरिया अग्नि प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों का हाल देखने उच्च स्तरीय टीम रविवार को धनबाद आ रही है। यह पहली बार हो रहा है कि केंद्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार के सदस्य धरातल पर अग्नि प्रभावित क्षेत्र के लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को जानने का प्रयास करेंगे।

By Atul SinghEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 08:48 AM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 08:48 AM (IST)
लोगों का हाल देखने उच्च स्तरीय टीम रविवार को धनबाद आ रही है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

जागरण संवदादाता, धनबाद: झरिया अग्नि प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों का हाल देखने उच्च स्तरीय टीम रविवार को धनबाद आ रही है। यह पहली बार हो रहा है कि केंद्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार के सदस्य धरातल पर अग्नि प्रभावित क्षेत्र के लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को जानने का प्रयास करेंगे। पीएमओ के निर्देश पर अग्नि प्रभावित झरिया पुनर्वास को लेकर पांच सदस्यीय टीम धनबाद दौरे पर आ रही है। यह उसी कमेटी का हिस्सा है जो पीएमओ के निर्देश पर उच्च स्तरीय कमेटी कोयला मंत्रालय ने 25 अगस्त को बनाई है। कमेटी को दो माह में झरिया पुनर्वास को लेकर ठोस नीति तय कर देनी है।

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रैयत तक का मुआवजा नीति तय नहीं हो पाई। टीम में उच्च स्तरीय कमेटी के पांच सदस्यीय सदस्यों में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार के सदस्य कृष्णा एस वास्ता, राष्ट्रीय भू संपदा विभाग के अवर सचिव हुकूम सिंह मीणा, सीएमपीडीआइएल के पूर्व सीएमडी शेखर शरण, आइआइटी आइएसएम के प्रोफेसर आरएम भट्टाचार्जी, कोयला मंत्रालय के प्रोजेक्ट एडवाइजर आनंंदजी प्रसाद के अलावा बीसीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद इसमें शामिल है। इधर कमेटी के आगमन की तैयारी को लेकर बीसीसीएल प्रबंधन ने बैठक की। तकनीकी निदेशक चंचल गोस्वामी ने बताया कि रविवार शाम को टीम पहुंच रही है। सोमवार को प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर स्थिति का जायजा लेगी। बताया जाता है कि बीसीसीएल प्रबंधन ने टीम को हर जानकारी देने के लिए पूरा डाटा तैयार कर लिया है। ताकि किसी तरह की जानकारी मांगने पर उपलब्ध कराया जा सके। मालूम हो कि झरिया पुनर्वास के तहत एक लाख चार हजार परिवार को सुरक्षित स्थानों पर बसाने की योजना है। 9 अगस्त को प्रधानमंत्री कार्यालय में इस मामले को कर बैठक हुई थी, जिसके बाद कमेटी बनी।

11 अगस्त को समाप्त हो गया 12 साल की अवधि

झरिया से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर बसाने के लिए 12 साल का मास्टर प्लान तैयार किया गया था। 11 अगस्त 2021 को यह अवधि समाप्त हो गई है। कमेटी अब इस पर आगे निर्णय लेगी कि मास्टर प्लान के साथ पुनर्वास जल्द करने को लेकर क्या नीति बने। चूंकि राष्ट्रीय संपत्ति कोकिंग कोल भी झरिया की आग में जलकर राख हो रहा है।


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