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लॉकडाउन में तलिए रेहू-कतला, धनबाद के बाजारों में 120 से 170 रुपये किलो बिक रही आंध्र प्रदेश से आई मछली

शुक्रवार को शहर में मांसाहार खाने वाले लोगों की मछली बाजार में अधिक भीड़ दिखी। कारोबार से जुड़े जुबैर आलम ने बताया कि मछली की आवक कम है। बावजूद इसकी बिक्री ठीक है।

By Sagar SinghEdited By: Published: Fri, 03 Apr 2020 02:59 PM (IST)Updated: Fri, 03 Apr 2020 03:52 PM (IST)
लॉकडाउन में तलिए रेहू-कतला, धनबाद के बाजारों में 120 से 170 रुपये किलो बिक रही आंध्र प्रदेश से आई मछली

धनबाद, जेएनएन। नवरात्र के साथ रामनवमी भी समाप्त हो चुका है। इसके चलते शुक्रवार को मांसाहार खाने वाले लोगों की मछली बाजार में अधिक भीड़ दिखी। जबकि मीट-मुर्गा की दुकानों पर एक भी ग्राहक नहीं दिखे। शहर के मछली बाजार के अलावा आम हाट बाजार में लोगों ने मछली की खरीदारी की। दुकानदारों ने बताया कि शुक्रवार को आंध्र प्रदेश से दो ट्रक मछली पहुंची है।

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आंध्रा से आई मछलियों में पंगास की कीमत थोक में 80 रुपये प्रतिकिलो है। जबकि रेहू व कतला 120 से 170 रुपये प्रतिकिलो बिक रही है। जबकि खुदरा बाजार में मछली 100 से लेकर 250 रुपये प्रतिकिलो बिक रही है। कारोबार से जुड़े जुबैर आलम ने बताया कि मछली की आवक कम है। इसके बावजूद भी इसकी बिक्री ठीक रही है। आने वाले दिनों में गाड़ियां बढ़ने वाली हैं जिसके बाद बाद ज्यादा मछलिया आएंगी।

कोरोना के भय से मुर्गा बाजार में भीड़ कम : इधर, मुर्गा और मीट के बाजार की बात करें तो मुर्गा की कीमतों में कमी देखी गई, जबकि मीट मनमाने रेट पर बेचा गया। मुर्गा की कीमत जहां 50 से 60 रुपये प्रतिकिलो है। वहीं, मीट 700 से 800 रुपये किलो तक बेचा गया। बता दें कि कोरोना वायरस के भय से मुर्गा बाजार का भाव गिरा है। लोग संक्रमण के भय से खरीदने में झिझक रहे हैं। हालांकि, सरकार ने पहले ही स्पष्ट किया है कि मुर्गा या मीट से कोरोना का भय नहीं है। इसे अच्छे तरीके से पकाकर खाया जा सकता है।


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