पैक्सों में अटके लाभुकों के रुपये, लोनधारकों पर नहीं हो रही कार्रवाई Dhanbad News
लैंपस और पैक्स में लोगों ने फिक्सड बचत समेत अन्य मद में पैसे जमा किए थे। अवधि पूरी होने के बाद भी लाभुकों को रुपये नहीं मिल रहे हैं। ऋण वसूली से संबंधित 765 मामले दर्ज हैं।
धनबाद [बलवंत कुमार]। सहकारी बैंकों में लाभुकों के करोड़ों रुपये फंस गए हैं। ऋण की वसूली नहीं होने के कारण लाभुकों को समय पर भुगतान नहीं हो पा रहा है। नतीजतन थोक के भाव में लोग मुख्यमंत्री जनसंवाद में शिकायत कर रुपये पाने की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं सहकारिता विभाग पुलिस के भरोसे हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
क्या है मामला : जिले के लैंपस और पैक्स में लोगों ने फिक्सड, बचत समेत अन्य मद में पैसे जमा किए थे। इनकी अवधि पूरी होने के बाद भी लाभुकों को रुपये नहीं मिल रहे हैं। सहकारिता विभाग का प्रयास है कि अधिक से अधिक ऋण की वसूली करने के बाद लाभुकों को पैसे का भुगतान करें।
ये है स्थिति : जिले के लैंपस व पैक्स में ऋण वसूली के करीब 765 मामले दर्ज हैं। कुल 12 करोड़ 20 लाख 33 हजार एक सौ रुपये की वसूली होनी है। जबकि बीते दिनों में 56 मामलों का निष्पादन किया गया और 1.03 करोड़ रुपये की वसूली की गई। सहकारिता विभाग की ओर से 93 लोगों की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया गया है। अभी गिरफ्तारी नहीं हो पायी है। यदि इन लोगों की गिरफ्तारी होती है तो 2.23 करोड़ रुपये की वसूली होगी।
जनसंवाद में मामला : जमा राशि वापसी को लेकर 1096 मामले मुख्यमंत्री जनसंवाद में दर्ज किए गए हैं। इनमें से 605 मामले लंबी अवधि के हैं। सबसे अधिक मामला जोड़ापोखर, बलियापुर, खरियो और गोमो पैक्स का है।
लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई का आदेश : ऋण वसूली को लेकर सहयोग समितियों की रजिस्ट्रार सुचित्रा सिन्हा और राज्य के मुख्य सचिव सुनील वर्णवाल ने सभी उपायुक्तों को पत्र लिखकर कड़ी चेतावनी दी है। अधिकारियों ने ऋण वसूली में लापरवाही बरतने वाले सहकारिता विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों पर भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही लैंपस और पैक्सों की वित्तीय स्थिति की भी समीक्षा करने का आदेश दिया है।
ऋण की वसूली के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है। पिछले दिनों कुछ वारंटियों की गिरफ्तारी भी हुई। इसके अलावा पैक्सों को भी आदेश दिया गया है। जो वारंट जारी किए गए हैं उन पर पुलिस स्तर से गिरफ्तारी की जानी है।
- अफ्रेम जार्ज कुजूर, जिला सहकारिता पदाधिकारी, धनबाद
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