Move to Jagran APP

मानसून से भी पीछे चल रहा सिस्टम, किस्मत को कोस रहे किसान Dhanbad News

धनबाद जिले में 43 हजार हेक्टेयर में धान की खेती की जाती है। इस खेती के लिए सरकार की ओर से 2800 क्विंटल धान का बीज किसानों 50 फीसद अनुदानित दर पर उपलब्ध कराया जाता है।

By mritunjayEdited By: Published: Thu, 27 Jun 2019 06:49 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2019 06:49 PM (IST)
मानसून से भी पीछे चल रहा सिस्टम, किस्मत को कोस रहे किसान Dhanbad News

धनबाद, बलवंत कुमार। देर से ही सही मानसून थोड़ा-बहुत बरस रहा है। खेत भीग रहे हैं। मानसून का इंतजार कर रहे किसानों को खुश होना चाहिए लेकिन उनकी आंखों में आंसू हैं। वजह मानसून से भी पीछे सिस्टम चल रहा है। अब तक किसानों को सरकारी खाद-बीज का इंतजार है। यह सरकारी सिस्टम का ही दोष है कि जिस वक्त खेतों में धान की रोपाई होनी चाहिए, उस समय तक किसान खेतों की जुताई कर सिस्टम से बीज मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। सिस्टम की इस देरी का दर्द उनकी आंखों में झलक रहा है।

loksabha election banner

क्या है स्थिति : धनबाद जिले में 43 हजार हेक्टेयर में धान की खेती की जाती है। इस खेती के लिए सरकार की ओर से 2800 क्विंटल धान का बीज किसानों 50 फीसद अनुदानित दर पर उपलब्ध कराया जाता है। इस बार दुर्भाग्य है कि अभी तक धान का एक भी दाना किसानों को प्राप्त नहीं हुआ है। स्थिति यह है कि किसानों की उम्मीद धूमिल होती जा रही है। अब जो सक्षम किसान हैं, वे महंगे दाम पर धान की बीज खरीद कर बीज डालने की तैयारी कर रहे हैं, जबकि गरीब तबके के कृषक उम्मीद लगाए बैठे हैं।

पैक्सों में बीज नहीं आया है। बाजार में बीज का अधिक दाम है। खेत तैयार कर बीज आने का इंतजार कर रहे हैं।

- बलराम महतो, किसान चरकीटांड़

धान से ही घर की अन्य जरूरतें भी पूरी होती हैं। सिंचाई का साधन नहीं है, इसलिए अच्छी खेती बरसात में ही कर पाते हैं। बीज नहीं मिलने से खेत खाली पड़ा हुआ है।

- योगिंद महतो, किसान चरकीटांड़

खेत खाली पड़े हैं। बीज ही नहीं है। बाजार से बीज खरीदना भर पैसे भी नहीं। पैक्सों से उम्मीद थी, लेकिन वहां भी लोगों ने हांथ खड़े कर दिए हैं।

- जापान बाउरी, किसान उपर नगदा

प्रधानमंत्री किसान निधि योजना का भी पैसा नहीं मिला है। खेतों की जुताई पूरी कर ली है। घर में जो धान बीज बचा था उसे डाला है।

बाजार में दोगुना से भी अधिक दाम पर मिलता धान का बीज : बात सरकार से मिलने वाले बीज की करें तो यह 50 फीसद अनुदानित दर पर किसानों को उपलब्ध होता है, जबकि बाजार में इसकी कीमत दोगुनी से भी अधिक है।

धान की दर प्रति क्विंटल रुपये में

धान - बाजार दर - अनुदानित दर

एमटीयू1010 - 3620 - 1810

एमटीयू1001 - 3650 - 1825

डीआरआरएच 3 - 18800 - 9400

डीआरआरएच 2 - 18800 - 9400

विभाग की स्थिति : जिला कृषि विभाग की मानें तो तीन दिन पूर्व बीज वितरण का आदेश विभाग को प्राप्त हुआ है। आदेश मिलते ही बीज प्राप्ती के लिए बैंक ड्राफ्ट तैयार कराने की कार्रवाई आरंभ कर दी है। फिलवक्त धनबाद जिला को महज 550 क्विंटल ही धान नेशनल सीड कॉरपोरेशन (एनएससी) से प्राप्त होगा। यानी तय है कि सभी किसानों को बिज मिल पाना मुश्किल है।

धान के उत्पादन क्षमता पर पड़ेगा असर : कृषि विज्ञान केंद्र धान की देर से होने वाली बुआई को लेकर चिंतित है। डॉ. आदर्श श्रीवास्तव ने बताया कि अब रोपाई का कार्य शुरू हो जाना चाहिए था। करीब 25 दिनों की देरी धनबाद की बुआई में हो चुकी है। श्रीविधि से खेती करना ही उचित रहेगा। देर से बआई होने के कारण बोकी नामक कीड़ा लगने का भी खतरा बढ़ गया है। इसके साथ ही धान भी अच्छी तरह से फूट नहीं पाएगा।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.