GST evasion :फर्जी कंपनियों ने जीएसटी को लगाया 635 करोड़ का चूना, अब लिंकेज कोयला लेने वालों पर नजर
देश की कोयला राजधानी धनबाद में फर्जी कंपनियां बनाकर कोयला एवं अन्य समानों की खरीद बिक्री करने को लेकर जीएसटी विभाग को 635 करोड़ का चूना लगाया गया है। बीते तीन साल 2018 से लेकर अब तक में विभाग ने
धनबाद, बलवंत कुमार : देश की कोयला राजधानी धनबाद में फर्जी कंपनियां बनाकर कोयला एवं अन्य समानों की खरीद बिक्री करने को लेकर जीएसटी विभाग को 635 करोड़ का चूना लगाया गया है। बीते तीन साल 2018 से लेकर अब तक में विभाग ने ऐसे फर्जी कंपनियों की सूची तैयार की है। इतना ही नहीं जब इन फर्जी कंपनियों का खुलासा हुआ तो दो नंबरी धंधे बाजों ने लिंकेज से मिलने वाला कोयला का खेल शुरू कर दिया। परिणाम यह हुआ कि जीएसटी की चोरी का मामला लगातार बढ़ता रहा। 132 करोड़ से बढ़कर यह रािश 635 करोड़ के आसपास हो गई।
लिंकेज लेने वाली 23 कंपनियां रडार पर : धनबाद में हार्ड कोक, सॉफ्ट कोक और धुआं रहित ईंधन बनाने वाली कई कंपनियां हैं। जो कोल इंडिया की विभिन्न इकाइयों मसलन बीसीसीएल, सीसीएल, ईसीएल समेत अन्य से लिंकेज पर कच्चा कोयला प्राप्त करती हैं। ऐसी 23 कंपनियां हैं जो लिंकेज से कोयला प्राप्त करती हैं। कोयला लेने के बाद इन्हें जाली कागजातों के आधार पर बेच दिया जाता है। इसमें चोरी और अवैध खनन से प्राप्त होने वाले कोयले को भी शामिल कर दिया जाता है। इससे केंद्र और राज्य सरकार को जीएसटी के माध्यम से उतनी ही राशि प्राप्त होती है जिनकी खरीद बिक्री वैध कागजातों के आधार पर होती है, जबकि अवैध कागजातों के आधार पर होने वाली खरीद बिक्री से केंद्र और राज्य सरकार को सीधे तौर पर नुकसान होता है। अब लिंकेज लेने वाली ऐसी कंपनियों के खिलाफ केंद्रीय एवं राज्य जीएसटी ने अपना मोर्चा खोल दिया है।
अवैध कोयला लदे ट्रकों के पकड़े जाने के बाद पुलिस नहीं देती कोई सूचना : जीएसटी विभाग की मानें तो पुलिस की ओर से जब भी अवैध कोयला ले जा रहे ट्रकों को पकड़ा जाता है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है तो इसकी सूचना जीएसटी विभाग को नहीं दी जाती। विभाग का मानना है कि भारतीय दंड विधान की धाराओं के तहत पुलिस कार्रवाई तो करती है, लेकिन कर चोरी के मामले में ऐसे कारोबारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती। ऐसे में जरुरी है कि पुलिस अवैध कोयला पकड़े जाने के बाद उसकी जानकारी विभाग को दे। विभाग की ओर से काेयला उत्पादन करने वाली कंपनियों से भी वैसे उद्योगों की सूची मांगी जा रही है जिन्हें लिंकेज के तहत कोयला दिया जाता है।
अब तक इन कंपनियों के खिलाफ हुई कार्रवाई : जीएसटी विभाग ने धनबाद की ऐसी 37 फर्जी कपनियों के खिलाफ अब तक प्राथमिकी दर्ज करा चुकी है। इनमें अधिकांश कोयला की खरीद बिक्री से जुड़ी हुई कंपनियां हैं। इनमें भारत कोल ट्रेडिंग, श्रीराम कोल ट्रेडिंग, पीएस इंटरप्राइजेज, शुभ लक्ष्मी इंटरप्राइजेज, जानकी कोल ट्रेडिंग, मां भवानी इंटरप्राइजेज, तान्या इंटरप्राइजेज, शर्मा इंटरप्राइजेज, मां लक्ष्मी इंटरप्राइजेज, मां काली स्टील, मां कल्याणी ट्रेडिंग, जय मां गायत्री इंटरप्राइजेज, आरके इंटरप्राइजेज, मां शांति ट्रेडिंग, जगज जननी इंटरप्राइजेज,
शर्मा एंड संस, बोकारो स्टील, जय भवानी टंडस्ट्रीज, गजराज ट्रेडर्स, साईं ट्रेडर्स, धनबाद फ्यूल, संजय इंटरप्राइजेज, न्यू हिंदूस्तान सेंटर, अपाचित ट्रेडर्स, निरसा कोल ट्रेडिंग कंपनी, केआर इंटरप्राइजेज, शिव शक्ति इंटरप्राइजेज, नारायणी ट्रेडर्स समेत अन्य शामिल हैं।