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मुर्दा हो जाएंगी दो जिंदा आंखे

धनबाद : अक्सर कहा जाता है-नेत्रहीन को क्या चाहिए, बस दो आंखे। सच भी है। उनकी और कोइ

By Edited By: Published: Wed, 14 Feb 2018 03:21 AM (IST)Updated: Wed, 14 Feb 2018 12:07 PM (IST)
मुर्दा हो जाएंगी दो जिंदा आंखे
मुर्दा हो जाएंगी दो जिंदा आंखे
धनबाद : अक्सर कहा जाता है-नेत्रहीन को क्या चाहिए, बस दो आंखे। सच भी है। उनकी और कोई तमन्ना नही होती। आंखे नही होने के कारण उनके लिए तो पूरी दुनिया अंधेरी ही होती है। न खुशी देख पाते है और न गम। लेकिन विडबना देखिए धनबाद मे सैकड़ो नेत्रहीनो की मौजूदगी के बावजूद नेत्र प्रत्यारोपण के लिए दो जरूरतमंद नही मिल रहे है। पीएमसीएच के नेत्र बैक मे एक मृत फोटोग्राफर की दान की गई दो आंखे प्रत्यारोपण के लिए किसी जरूरतमंद नेत्रहीन का इंतजार कर रही हंै। यदि शीघ्र दो नेत्रहीन यहां आंख प्रत्यारोपण के लिए नही पहुंचे तो दान मे दी गई दोनो आंखे बेकार हो जाएगी। यूं इस नेत्रबैक से अभी भी करीब 100 नेत्रहीन निबंधित है जिन्होने आंख प्रत्यारोपण का आवेदन दे रखा है लेकिन इस समय कोई नही मिल रहा है। यहां निबंधित सभी नेत्रहीनो से आइबैक के कर्मी संपर्क करने का प्रयास कर चुके है लेकिन किसी से बात नही हो पा रही है। नेत्रहीनो ने आइबैक मे अपना जो नंबर लिखाया था उसमे से अधिकतर या तो बंद मिल रहे है या बदल चुके हैं। कुछ नेत्रहीनो ने अपने जाननेवाले का नंबर अंकित कराया है। उनसे भी संपर्क किया गया पर वे भी ध्यान नही दे रहे है। ऐसे मे दो नेत्रहीनो की जिंदगी रोशन करने के लिए दान की इन आंखे के बेकार हो जाने की आशंका बढ़ गई है। शनिवार को किया गया था नेत्रदान : बीते शनिवार 10 फरवरी को हीरापुर निवासी फोटोग्राफर देवकिरण दे की हृदयघात से मौत हो गई थी। वे 50 वर्ष के थे। वे बंगाली वेलफेयर सोसाइटी के सदस्य थे। सोसाइटी की पहल पर मौत के बाद परिजनो ने उनका नेत्रदान कर दिया था। पीएमसीएच के नेत्र बैक को उनकी आंखे दान की गई थी। नेत्रदान को अब पांच दिन हो चुके है। 14 दिन मे खराब हो जाएंगी आंखे : यदि शीघ्र दान मे मिली आंख का प्रत्यारोपण किसी जरूरतमंद मे नही किया गया तो ये 14 दिन मे खराब जाएंगे। यूं पहले दान मे मिली आंख का प्रत्यारोपण सिर्फ सात दिनो मे करना जरूरी होता था लेकिन अब इसे रसायनो के सहारे 14 दिन तक तक सुरक्षित रखा जा सकता है। वैसे चिकित्सक कहते है कि दान मे मिली आंख का जितनी जल्दी प्रत्यारोपण हो जाए उतना बेहतर रहता है। चार साल मे 14 का नेत्र प्रत्यारोपण धनबाद के पीएमसीएच मे वर्ष 2013 के अगस्त महीने मे दृष्टि नेत्र बैक का संचालन शुरू किया गया था। तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री राजेद्र सिंह ने इसका उद्घाटन किया था। करीब चार साल के कार्यकाल मे इस आइबैक मे अभी तक 14 लोगो का नेत्र प्रत्यारोपण किया जा चुका है। यूं यहां नेत्र प्रत्यारोपित कराने के लिए अभी तक कुल 106 लोगो ने निबंधन करा रखा है। यानी अभी भी करीब 92 लोगो का नेत्र प्रत्यारोपण होना बाकी है। दान भी की जा चुकी है दान की आंखे : धनबाद मे समय पर जरूरतमंद नेत्रहीन के नही मिलने के कारण दान मे मिली आंख पीएमसीएच नेत्र बैक से दूसरे नेत्र बैक को भी दान की जा चुकी है। पिछले वर्ष ऐसी दो आंखे आसनसोल के नेत्र बैक को दान कर दी गई। यहां काफी नेत्रहीनो की तलाश की गई पर प्रत्यारोपण के लिए कोई नही आया। आंखो को खराब होने से बचाने के लिए उन्हे आसनसोल को दान कर दी गई। वहां दोनो आंखे जरूरतमंदो मे प्रत्यारोपित कर दी गई।

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