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रनिंग ट्रेन में मिलेंगी इमरजेंसी दवाएं

ट्रेन में ही इलाज की बेहतर सुविधा मिल सके इसके लिए दशकों पुराने फर्स्ट एड बॉक्स में बदलाव करने का निर्णय लिया गया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 01:46 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jun 2018 03:22 PM (IST)
रनिंग ट्रेन में मिलेंगी इमरजेंसी दवाएं
रनिंग ट्रेन में मिलेंगी इमरजेंसी दवाएं

धनबाद, तापस बनर्जी। रेलवे की हेल्प लाइन नंबर और ट्वीटर पर ट्वीट करने पर आपातकाल में स्वास्थ्य सुविधाएं मिल जाती हैं। हालांकि इस सेवा के लिए कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। रनिंग ट्रेनों में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी आदेश के बाद महकमे ने इसमें सुधार की कवायद तेज कर दी है।

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ट्रेन में ही इलाज की बेहतर सुविधा मिल सके इसके लिए दशकों पुराने फर्स्ट एड बॉक्स में बदलाव करने का निर्णय लिया गया है। फर्स्ट एड बॉक्स को मेडिकल बॉक्स में बदला जाएगा, जिसमें ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज यानी एम्स के विशेषज्ञों की ओर से सुझाई गईं प्राणरक्षक दवाएं उपलब्ध रहेंगी। इसके साथ ही डिजिटल थर्मामीटर, रूई, डिलेवरी किट समेत कुल 88 मेडिकल उपकरण व दवाएं मेडिकल बॉक्स में रहेंगे।

इमरजेंसी मेडिकल रूम की बहाल होगी सुविधा

यात्रियों के लिए आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए रेलवे को इमरजेंसी मेडिकल रूम की व्यवस्था तलाशने का निर्देश दिया गया है जहां स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने वाली टीम रहेगी। यहां एम्स अनुशंसित मेडिकल बॉक्स मौजूद रहेंगे। जिन स्टेशनों में स्वास्थ्य कर्मचारी नहीं रहेंगे, वहां रेलवे अपने स्तर पर मेडिकल बॉक्स की व्यवस्था कराएगी। वर्तमान में इमरजेंसी मेडिकल रूम केवल मध्य रेलवे के वडाला रेलवे स्टेशन में है। इसी के तर्ज पर देश के अन्य हिस्से में इस सेवा का विस्तार होगा।

एम्स विशेषज्ञों की कमेटी की बैठक में निर्णय

टेनों में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने को लेकर एम्स के विशेषज्ञों की कमेटी की बैठक 22 नवंबर 2017 को हुई थी, जिसमें मौजूदा व्यवस्था पर विस्तृत चर्चा के बाद कई बदलाव के सुझाव दिए गए थे।

रनिंग और स्टेशन स्टाफ के लिए ज्वायनिंग के दौरान फर्स्ट एड टेनिंग अनिवार्य

एम्स की ओर से की गई सिफारिशों में रेलवे के रनिंग कर्मचारी और स्टेशन पर सेवा देने वाले कर्मचारियों के लिए ज्वायनिंग के दौरान ही फर्स्ट एड टेनिंग अनिवार्य होगा। प्रत्येक तीन वर्षों इसका नवीनीकरण भी किया जाएगा।


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