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आठ लेन सड़क की उपयोगिता पर सरकार ने कल तक मांगी रिपोर्ट

धनबाद सूबे की पहली आठ लेन (फोर लेन सड़क दो सर्विस लेन और दो साइकिल ट्रैक) सड़क की

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 02:43 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 05:13 AM (IST)
आठ लेन सड़क की उपयोगिता पर सरकार ने कल तक मांगी रिपोर्ट
आठ लेन सड़क की उपयोगिता पर सरकार ने कल तक मांगी रिपोर्ट

धनबाद : सूबे की पहली आठ लेन (फोर लेन सड़क, दो सर्विस लेन और दो साइकिल ट्रैक) सड़क की उपयोगिता की जांच अब राज्य सरकार की ओर से गठित पांच सदस्यीय कमेटी करेगी। मंगलवार को इस कमेटी का गठन कर दिया गया। कमेटी में जिला प्रशासन, नगर निगम और पथ प्रमंडल के अधिकारी शामिल हैं। उन्हें 24 सितंबर की शाम छह बजे तक सड़क की उपयोगिता संबंधी रिपोर्ट सौंपनी होगी। इस जांच रिपोर्ट के बाद ही आठ लेन सड़क का भविष्य तय होगा। जांच के दौरान टीम चाहे तो साज और जुडको के प्रतिनिधि की मदद भी ले सकते हैं।

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इससे पहले मंगलवार को उपायुक्त उमा शंकर सिंह की अध्यक्षता में आठ लेन सड़क को लेकर बैठक भी हुई। इस सड़क को लेकर यह तीसरी बार बैठक हुई। इससे पहले 11 और 14 सितंबर को बैठक की तिथि निर्धारित की गई थी, लेकिन कुछ संस्थाओं के प्रतिनिधियों के न पहुंचने पर इसे टाल दिया गया था। बैठक में शामिल साज (स्टेट हाईवे अथॉरिटी ऑफ झारखंड) के प्रतिनिधि ने आठ लेन सड़क को लेकर अपना पक्ष रखा। उनकी ओर से बताया गया कि सड़क जन उपयोगी है और इसके लिए ट्रैफिक सर्वे भी कराया गया था। कम लागत कर इसे बनाने की बात चल रही है। साथ ही सड़क के कुछ हिस्सों में कटौती करने की भी बात हो रही है। संभावना है कि साइकिल ट्रैक और सर्विस लेन को हटाया जाए। हालांकि इसे लेकर फाइनल ड्राफ्ट तैयार नहीं हुआ है।

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ये हैं टीम में

नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार, अपर समाहर्ता श्याम नारायण राम, मुख्य अभियंता नगर निगम ए लकड़ा, पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता अमरेंद्र साहा व कार्यपालक अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण संगठन ( ग्रामीण कार्य मामले)।

चार लेन की सड़क व चार लेन में सर्विस व साईकल ट्रैक :

वैसे तो इस सड़क को आठ लेन कहा जा रहा है, लेकिन वाकई में चार लेन ही है। इसके साथ दो सर्विस लेन और दो साइकिल ट्रैक होने से यह आठ लेन हो जा रही है।

पहले ही घट चुकी सड़क की लागत

417 करोड़ की विश्व बैंक पोषित इस सड़क की लागत पहले ही कम की जा चुकी है। यानी गोल बिल्डिग से लेकर कांकोमठ तक यह सड़क अब 337 करोड़ रुपये में बनेगी। 220 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। इसमें से 60 करोड़ रुपये स्टेट हाइवे अथॉरिटी ऑफ झारखंड यानी साज को स्थानांतरित किया जा चुका है। 160 करोड़ रुपये अभी भी जिले में पड़ा हुआ है।


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