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प्रबंधकीय उदासीनता के कारण इकोलोजिकल पार्क मेंअब जाने से कतराने लगे लोग Dhanbad News

एक समय था जब सिजुआ कतरास वेस्ट मोदीडीह व आस पड़ोस के लोग बीसीसीएल प्रबंधन द्वारा बनाए गए तेतुलमारी उत्खनन परियोजना के समीप इकोलोजिकल पार्क को देखने व वहां बैठ कर आनंद लेने जरुर जाते थे। आज प्रबंधकीय उदासीनता के कारण लोग अब कहां जाने से कतराने लगे हैं।

By Atul SinghEdited By: Published: Mon, 22 Mar 2021 05:51 PM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 06:12 PM (IST)
प्रबंधकीय उदासीनता के कारण इकोलोजिकल पार्क मेंअब जाने से कतराने लगे  लोग  Dhanbad News
आज प्रबंधकीय उदासीनता के कारण लोग अब कहां जाने से कतराने लगे हैं। (जागरण)

संवाद सहयोगी, कतरास: एक समय था जब सिजुआ, कतरास, वेस्ट मोदीडीह व आस पड़ोस के लोग बीसीसीएल प्रबंधन द्वारा बनाए गए तेतुलमारी उत्खनन परियोजना के समीप इकोलोजिकल पार्क को देखने व वहां बैठ कर आनंद लेने जरुर जाते थे। आज प्रबंधकीय उदासीनता के कारण लोग अब कहां जाने से कतराने लगे हैं। 

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 वातावरण को शुद्ध करने और निरोग हवा के लिए ओबीआर के पहाड़ पर बनाया गया इकोलॉजिकल पार्क आज अपने हरियाली पर आंसू आठ आठ बहा रहा है। समुचित देखरेख नहीं होने के कारण आज क‌ई कीमती पौधे सूख गये हैं। आग के चपेट में आकर कई पौधे जलकर नष्ट हो गया है। मात्र पांच कर्मियों वहां की व्यवस्था टिकी हुई है।  तेतुलमारी परियोजना के समीप वर्ष 2012 में एफआरआई देहरादून  के वैज्ञानिकों द्वारा ओबीआर के काले पत्थरों मशपर कई प्रकार के पौधे लगाए थे, जिसमें फलदार वृक्ष के अलाव कई औषधियों के पौधे भी शामिल थे।

2014 में उस टीम ने पुनः दोबारा आकर वहां कई किस्म के पौधे लगाने की नींव डाली। फिर दो वर्ष के बाद वहां सफल परीक्षण किया गया  और उसमें अन्य किस्म के पौधे लगाएंगे गए। वैज्ञानिकों का कहना था कि पौधे बड़े हो जाने के बाद यहां से निरोग हवा बहेगी जो इलाके में विभिन्न बीमारियों का नाश करेगा।  पांच हकिलोमीटर के दायरे तक इसका प्रभाव पड़ेगा।  पौधों में आम, कटहल, सिंदूर, लाजवंती, रुद्राक्ष,  सागवान, काला शिरिस, तुलसी, बेल, लेमन ग्रास, काला ज्वर, तेजपत्ता, चंदन सहित अन्य किस्म के पौधे लगाए गए थे। वर्ष 2017-18  में इस पार्क पर किसी शरारती तत्वों द्वारा रात के अनुसार में अचानक आग लगा दिया गया। जिसके बाद कई पौधे नष्ट हो गए, उसके बाद तत्कालीन प्रबंधक द्वारा ने पार्क के ऊपर एक पानी की टंकी बनावाया गया और देख रेख के लिए निजी स्तर से क‌ई गार्ड व कर्मियों को लगाया गया था।  जहां से पूरे पौधों पर पानी पटाने का आदेश दिया गया था। लेकिन यह व्यवस्था भी कुछ दिनों तक ही चला और वर्तमान में कुछ पौधे सूख गई हैं। पौधों को शरारती तत्वों ने उखाड़ कर फेंक दिया है। फिलहाल वहां दो गार्ड तथा पेड़ पौधों पानी देने के लिए तीन कर्मियों को रखा गया है। जिस पर पूरे पार्क की सुंदरता की व्यवस्था टिकी हुई है। इन कर्मियों के हटते ही असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लग जाता है। स्थानीय लोगों ने स्थानीय पुलिस तथा प्रबंधन से पार्क के साथ असामाजिक तत्वों द्वारा किए जा रहे खिलवाड़ को रोकने की मांग किया है ताकि यहां की सुंदरता बरकरार रह सके।


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