Weekly News Roundup Dhanbad: गली-चौबारे... साइकिल के धक्के की कमाई एक हजार
डीएवी स्कूल मैदान में सड़क निर्माण को लेकर हाय तौबा मची है। सवाल यह भी उठने लगा है कि क्या कभी इस मैदान पर छात्रों के लिए खेल का आयोजन हुआ। मेला लगाने के सिवा कुछ नहीं दिखा।
धनबाद [ आशीष सिंह ]। धनबाद स्टेशन रोड। एक अधेड़ कोयला लदी साइकिल को खींचे जा रहा था। रांगाटांड़ पहुंचने पर साइकिल की गति धीमी हो जाती है। तभी पीछे से बाइक सवार एक युवक साइकिल को अपने पैरों से धक्का देने लगता है। युवक की उम्र्र यही कोई 20-22 वर्ष होगी। पसीने से तरबतर साइकिल सवार बेकारबांध के पास रुक जाता है। साथ चल रहा बाइक सवार भी पास आकर खड़ा हो जाता है। साइकिल सवार जेब से 100 रुपये निकालता है और बाइक सवार युवक को थमा देता है। साइकिल सवार से जब पूछा गया कि उसने युवक को पैसे क्यों दिए, तो उसने बताया कि इतनी दूर बाइक से धक्का मारा, यह उसी का मेहनताना है। यह भी बताया कि इस जैसे कई युवक हैं जो प्रतिदिन कोयला लदी साइकिल को धक्का मारकर एक हजार से 1500 रुपये तक कमा लेते हैं। मुझे भी राहत मिल जाती है।
राज के लिए राज प्रेम
अप्रैल में नगर निगम का चुनाव प्रस्तावित है। वार्ड पार्षद से कहीं अधिक चर्चा मेयर की कुर्सी की है। हो भी क्यों नहीं, सरकार गई तो लोगों ने अपना समीकरण बनाना जो शुरू दिया। मेयर की कुर्सी की खींचतान शुरू हो चुकी है। कई वार्ड पार्षद भी मेयर की कुर्सी के लिए लालायित दिख रहे हैं। इन्हीं में एक हैं, 'राज'। इस राज के लिए एक और राज का प्रेम चर्चा में है। इसका बड़ा कारण यह है कि राज को मेयर की कुर्सी पर बैठाने के लिए एक विशेष समाज के बीच जोरदार बैठकें की जा रही हैं। इस बैठक में टाइगर भी दहाड़ रहे हैं। विशेष समाज के बीच यह मैसेज दिया जा रहा है कि अपना आदमी रहेगा तो काम आसानी से हो जाएगा। पुरानी सरकार भी चली गई है, आखिर कब तक पुराने लोगों को ढोते रहेंगे।
तिराहे पर लहरिया का कब्जा
हाल ही की बात है। कार्मल स्कूल के पास सुबह 9:30 बजे तीन बाइक सवारों ने दसवीं की छात्रा और उसके छोटे भाई को जोरदार टक्कर मार दी। छात्रा का कंधा टूट गया और भाई को हल्की चोट लगी। छात्रा के पिता बाइक से दोनों को स्कूल छोडऩे आए हुए थे। इसी दौरान स्कूल की तरफ मुड़ते समय विपरीत दिशा से तेज गति से आ रहे बाइक सवारों ने टक्कर मारी। छात्रा का इस समय प्री बोर्ड चल रहा था। चोट लगने की वजह से छात्रा परीक्षा भी नहीं दे पाई। तिराहे पर ट्रैफिक पुलिस न होने के कारण तीनों बाइक सवार फरार हो गए। स्थानीय लोगों का कहना था कि यह पहली घटना नहीं है। स्कूल के समय में युवक अक्सर लहरिया तरीके से बाइक लेकर आते-जाते हैं। पहले यहां ट्रैफिक पुलिस हुआ करती थी, लेकिन इधर कुछ दिनों से एक भी जवान नहीं दिखता है।
सड़क निर्माण पर हाय तौबा
पिछले कई दिनों से डीएवी स्कूल मैदान में सड़क निर्माण को लेकर हाय तौबा मची है। सवाल यह भी उठने लगा है कि क्या कभी इस मैदान पर छात्रों के लिए खेल का आयोजन हुआ। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां दुर्गापूजा में मेला व पटाखे की दुकान लगाने के सिवा कुछ नजर नहीं आया। स्कूल है तो खेल का मैदान भी जरूरी है। इधर सड़क के निर्माण से हजारों लोगों को सुविधाएं प्रतिदिन मिलेंगी, जाम से काफी हद तक मुक्ति मिलेगी। जहां तक इसके विवाद की बात है तो बैठकर हल निकाला जा सकता था। सत्ता बदलते ही भाजपा, बैंक मोड़ चैंबर व विपक्षी पार्टियों ने सुर बदल दिया। आज धनबाद के माननीय सड़क को लेकर तरह-तरह के बयान दे रहे हैं। इसके निर्माण में नगर निगम रेलवे को सहयोग भी कर रहा है। हालांकि आज विकास को छोड़ सब अपनी-अपनी रोटी सेंकने में लगे हैं।