Durga Puja 2022: हरिणा में बन रही झारखंड विधानसभा, पंचमी को खुलेगा माता का पट और शुरू हो जाएगा मेला
जिले में दुर्गा पूजा के बेहतरीन आयोजकों की लिस्ट में शुमार हरिणा बगान दुर्गा पूजा समिति इस बार भी आपको चौंकाने को तैयार है। यहां हरिणा बगान में जब आप दुर्गा पूजा पंडाल देखने आएंगे तो खुद ब खुद आपके मुंह से निकल पड़ेगा कि वाह क्या पंडाल बनाया है!
संवाद सहयोगी, बरोरा (धनबाद): जिले में दुर्गा पूजा के बेहतरीन आयोजकों की लिस्ट में शुमार हरिणा बगान दुर्गा पूजा समिति इस बार भी आपको चौंकाने को तैयार है। यहां हरिणा बगान में जब आप दुर्गा पूजा पंडाल देखने आएंगे तो खुद ब खुद आपके मुंह से निकल पड़ेगा कि वाह क्या पंडाल बनाया है!
आयोजन समिति ने इस बार यहा झारखंड विधानसभा की शक्ल में पूजा पंडाल का निर्माण कराया है। हर रंग-रूप में झारखंड विधानसभा की तरह प्रतीत हो रहे इस पूजा पंडाल के सामने खड़े होकर आप भी कुछ देर के लिए भूल जाएंगे कि आप धनबाद में हैं या झारखंड की राजधानी रांची में। पंडाल को अंतिम रूप देने में जामताड़ा के मशहूर कारीगर कमल रात-दिन जुटे हैं। भव्य पंडाल के साथ ही पश्चिम बंगाल के वनकपासी में तैयार डाकसाज के रूप में आकर्षक मूर्ति का निर्माण कराया गया है। इस वर्ष पूजा कमेटी ने पंचमी (शुक्रवार) को शाम सात बजे माता का पट खोलने की तैयारी की है। पंचमी की शाम पट खुलने के साथ ही कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा। इस कार्यक्रम में बीसीसीएल के अधिकारी व कर्मी भी अपना जलवा बिखरेंगे।
दो साल के सन्नाटे के बाद इस बार उमंग की लहर
पूरे राज्य में पिछले दो वर्षों से कोरोना संक्रमण के कारण दुर्गा पूजा के मेले का आयोजन प्रभावित रहा। इस बार पूजा को लेकर लोगों में उमंग की लहर है। इस वर्ष श्रद्धालु भव्य पंडाल और मूर्ति दर्शन के साथ ही मेले का भी आनंद उठा सकेंगे। मेले में आगंतकों की सुरक्षा के लिए चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा पुलिस प्रशासन, सीआइएसएफ के जवान व समिति के वोलेंटियर चौबीस घंटे पूजा पंडाल में हर समस्या के समाधान के लिए मौजूद रहेंगे।
1989 से हो रहा पूजा का आयोजन
समिति के सदस्य बताते हैं कि वर्ष 1989 में बीसीसीएल बरोरा, ब्लॉक दो क्षेत्र के अधिकारी व कर्मी तथा कुछ स्थानीय लोगों के सामूहिक प्रयास से यहां मां दुर्गा की पूजा की शुरुआत की गई। उसके बाद साल दर साल इसका स्वरूप निखरता चला गया। आज की तारीख में पूरे धनबाद कोयलांचल में यहां की पूजा की अलग पहचान है। बंगाल के बांकुड़ा जिले से आए पंडित वैष्णव मत से पूजा संपन्न कराते हैं। निरंतर गूंजती ढाकी भी यहां की रौनक में चार चांद लगा देती है।