माओवादी गंगा ने दुमका पुलिस और एसएसबी के बड़े अधिकारियों के सामने किया आत्मसमर्पण, 2014 से संताल में था सक्रिय
गंगा 2014 से नक्सली गतिविधियों में भाग ले रहा था। डीआइजी ने बताया कि गंगा की सक्रियता शिकारीपाड़ा सुंदरपहाड़ी गोपीकांदर और काठीकुंड में रही है। 2016 के जून और जुलाई में इसके पास से हथियार बरामद हुए थे। दोनों मामले इस पर दर्ज हुए थे।
जागरण संवाददाता, दुमका। संंताल परगना क्षेत्र में सात साल से सक्रिय 27 वर्षीय माओवादी गंगा प्रसाद राय ने आत्मसमर्पण कर दिया है। उसने अपनी रायफल के साथ पुलिस उपमहानिरीक्षक सुदर्शन प्रसाद मंडल व एसएसबी के डीआइजी टी सेरिंग डोरजाय के सामने सरेंडर कर दिया। गंगा कुख्यात नक्सली कमांडर ताला दा व उसके बाद विजय दा के दस्ते का सक्रिय सदस्य रहा है। काठीकुंड के ऊपर सरूवापानी गांव के गंगा को आत्मसमर्पण करने पर सरकार की पुनर्वास नीति के तहत तत्काल एक लाख का चेक दिया गया। बाद में अन्य लाभ भी दिए जाएंगे। अभी उसे न्यायिक हिरासत में केंद्रीय जेल भेजा गया है। बाद में हजारीबाग खुली जेल भेजा जाएगा।
2014 से सक्रिय था गंगा
गंगा 2014 से नक्सली गतिविधियों में भाग ले रहा था। डीआइजी ने बताया कि गंगा की सक्रियता शिकारीपाड़ा, सुंदरपहाड़ी, गोपीकांदर और काठीकुंड में रही है। 2016 के जून और जुलाई में इसके पास से हथियार बरामद हुए थे। दोनों मामले इस पर दर्ज हुए थे। एक साल से माओवादियों की गतिविधि कम हो गई है। तीन महीने से पुलिस इसकी टोह में थी। जब भी पुलिस और एसएसबी के जवान छापेमारी को जाते तो गांव के लोगों को माओवादियों के लिए बनी सरकार की पुनर्वास नीति के बारे में बताया जाता था। ग्रामीणों से जानकारी लेने के बाद गंगा ने पुनर्वास नीति पर भरोसा कर बुधवार को आत्मसमर्पण किया। एक लाख का चेक दे दिया है, बाद में सवा दो लाख रुपये के अलावा सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ मिलेगा।
ताला ने बनाया था माओवादी
वर्ष 2019 में मारे गए ताला दा ने प्रलोभन देकर इसे दस्ते में शामिल किया था। ताला को मार गिराए जाने के बाद वह विजय दा के साथ जुड़ गया। इस दौरान डीसी रविशंकर शुक्ला, एसपी अंबर लकड़ा, एसएसबी के कमांडेंट मनोरंजन पांडे, उप कमांडेंट नरपत सिंह, गुलशन कुमार, जयंत कुमार पाठक, पवनदीप सिंह, डीएसपी विजय कुमार व एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी भी थे।