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Niraj Singh Murder Case: अगला एपिसोड 16 को, संजीव को दुमका भेज खुद को बचाने में जुटे जेल आइजी

Niraj Singh Murder Case में झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह जेल में बंद हैं। जेल आइजी के निर्देश पर धनबाद से दुमका जेल भेजा गया है। इसके उलट कोर्ट ने दुमका से धनबाद लाने का आदेश दिया है। 10 दिन बाद भी आदेश का अनुपालन नहीं हुआ है।

By MritunjayEdited By: Published: Sat, 06 Mar 2021 05:42 PM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 07:02 AM (IST)
झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह दुमका जेल में बंद हैं।

धनबाद, जेएनएन। झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह को धनबाद जेल से दुमका सेंट्रल जेल भेजे जाने का मामला दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। सुरक्षा का हवाला देकर जेल आइजी वीरेंद्र भूषण के निर्देश पर 21 फरवरी को धनबाद से दुमका शिफ्ट कर दिया गया। इसके खिलाफ संजीव सिंह की ओर धनबाद कोर्ट में याचिका दायर की गई। कोर्ट ने जेल अधीक्षक को शाकॉज जारी किया। जेल अधीक्षक ने 25 जनवरी कोर्ट में खड़े होकर माफी मांगी। कहा-वरीय अधिकारियों के निर्देश पर भेजा गया। कोर्ट ने संजीव को तुरंत धनबाद लाने का आदेश दिया। 10 दिन बीत चुके हैं। अब तक कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हुआ है। तो सवाल उठता है अब आगे क्या होगा? इस प्रकरण का अलगा एपिसोड कब होगा। नीरज हत्याकांड का ट्रायल चल रहा है। अगली तारीख 16 मार्च को है। इस तारीख से पहले या उस दिन अगला एपिसोड सामने आ सकता है। 

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क्यों न जेल आइजी और जेल अधीक्षक के विरूद्ध अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाय

कोर्ट के आदेश का अनुपालन न होने पर संजीव की ओर से अधिवक्ता ने धनबाद कोर्ट में अवमाना याचिका दायर की है। इस पर दो मार्च को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने लोक अभियोजक से पूछा-क्यों न आइजी और जेल अधीक्षक के विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाय? इसके बाद जेल आइजी बचाव में जुट गए हैं। उन्होंने खुद को जस्टीफाइ करने के लिए डीसी और एसएसपी से धनबाद जेल में सुरक्षा को लेकर रिपोर्ट मांगी। डीसी और एसएसपी की ओर से रिपोर्ट भेज दी गई है। 

लोक अभियोजक ने कोर्ट में दाखिल किया लिखित जवाब

अदालत के आदेश के बाद भी दुमका जेल में बंद झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह को धनबाद जेल शिफ्ट नहीं किए जाने के मामले में शुुक्रवार को लोक अभियोजक बीडी पांडे ने अदालत में लिखित जवाब दाखिल किया। दो मार्च को अदालत ने संजीव सिंह द्वारा दायर अवमानना याचिका पर अभियोजक को लिखित ज़बाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। मामले की सुनवाई 16 मार्च को होनी है। उसके पूर्व ही अभियोजन ने ज़बाब दाखिल कर दिया। कोर्ट में दाखिल जबाब में अभियोजक ने कहा है कि अदालत का आदेश मिलते ही धनबाद जेल अधीक्षक ने दुमका जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर बंदी को धनबाद जेल वापस भेजने का अनुरोध किया है। दुमका अधीक्षक ने भी जेल आइजी से आवश्यक निर्देश व पुलिस बल की मांग की है। परंतु जेल आइजी द्वारा अब तक कोई दिशा निर्देश प्राप्त नही होने के कारण संजीव सिंह को दुमका से धनबाद जेल शिफ्ट नहीं किया जा सका है। अभियोजन ने दोनो जेल अधीक्षक द्वारा लिखे गए पत्र की कॉपी भी अदालत में दायर की गई है।

जेल आइजी पर राजनीतिक दबाव

यह सब प्रकरण राजनीतिक दबाव में हो रहा है। ऐसा संजीव सिंह की पत्नी झारखंड प्रदेश भाजपा कार्यसमिति सदस्य रागिनी सिंह का आरोप है। उन्होंने जेल आइजी पर राजनीतिक दबाव में काम करने का आरोप जड़ा है। चूंकि नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह अब झरिया से विधायक हैं। वह कांग्रेस की राजनीति करती हैं। झारखंड की हेमंत सरकार में कांग्रेस सहयोगी है। नीरज की हत्या का आरोप संजीव पर है। अब संजीव का परेशान करने के लिए पूर्णिमा चुपचाप अपनी ताकत का अहसास करा रही है। इस राजनीतिक लड़ाई में जेल आइजी और जेल के अधिकारी पिस रहे हैं। 


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