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बिस्तर पर पड़े रहने की उम्र में रोज मोहल्ले की सफाई करते हैं दुले, इनके जुनून का निगम भी कायल

77 वर्षीय दुले राय चावड़ा के लिए स्वच्छता ही सबसे बड़ी सेवा है। वे अपना जीवन ही स्वच्छता को समर्पित कर चुके हैं।

By Edited By: Published: Tue, 02 Oct 2018 10:36 AM (IST)Updated: Tue, 02 Oct 2018 01:07 PM (IST)
बिस्तर पर पड़े रहने की उम्र में रोज मोहल्ले की सफाई करते हैं दुले, इनके जुनून का निगम भी कायल

धनबाद, श्रवण कुमार। बैंक मोड़ के गुजराती मोहल्ले में रहते हैं 77 वर्षीय दुले राय चावड़ा। इनके लिए स्वच्छता ही सबसे बड़ी सेवा है। वे अपना जीवन ही स्वच्छता को समर्पित कर चुके हैं। नित दिन सवेरे उठकर मोहल्ले की सफाई में लग जाते हैं। जहां भी गंदगी दिखती है उसे साफ करते हैं। दो घंटे रोज मोहल्ले की सफाई में समर्पित करते हैं। दुले राय चावड़ा का यह क्रम तीस सालों से जारी है। स्वच्छता के प्रति उनकी लगन औरजज्बे को देख धनबाद नगर निगम ने भी उन्हें ब्राड एंबेसडर बनाकर सम्मान दिया। कई सामाजिक संस्थाएं इन्हें सम्मानित कर चुकी हैं।

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ऐसे शुरू हुई स्वच्छता की मुहिम: दुले राय चावड़ा ने बताया कि 30 साल पहले की बात है। उन दिनों जलापूर्ति पाइप लाइन से अचानक दुर्गंध महसूस होने लगी। गुजराती स्कूल मोड़ के समीप नाली से कुछ फीट ऊपर से जलापूर्ति पाइप लाइन गुजरी हुई थी। पाइप लाइन में लीकेज था। नाली जाम हो जाने पर पाइप लाइन में नाली का पानी घुस जाता था। इससे पानी में दुर्गंध आती थी। नाली को साफ कर पाइप लाइन को दो फीट ऊंचा उठाया। उसके बाद से नाली पर नजर रखने लगा। फिर जहां गंदगी दिखती उसकी सफाई करते। आज यह दिनचर्या मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गई है। सुबह 5 से 7 बजे तक का समय सफाई को समर्पित करता हूं। जिस दिन किसी कारण सफाई के लिए नहीं निकल पाता हूं तो पूरे दिन लगता है कुछ बाकी रह गया।

नगर निगम में दो साल रहे ब्रांड एंबेस्डर करीब एक वर्ष पहले तत्कालीन नगर: आयुक्त मनोज कुमार ने वर्ष 2017 के स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए दुले राय चावड़ा को ब्रांड एंबेस्डर चुना था। वर्ष 2018 के स्वच्छता सर्वेक्षण में भी ब्रांड एंबेस्डर रहे। इस दौरान इन्होंने लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया। निगम ने इनको सम्मानित भी किया। कोल फील्ड गुजराती समाज ने भी सम्मानित किया है। दुले राय चावड़ा सफाई के लिए घर में ही तरह-तरह के औजार रखे हुए हैं। कुदाल से लेकर झाड़ू सबकुछ इनके पास है। उन्होंने कहा कि नाली साफ करने के लिए तीन तरह की कुदाल रखता हूं। सफाई के लिए तीन-तीन झाड़ू है। 15 दिनों में एक झाड़ू खत्म हो जाती है। तब दूसरी मंगा लेते हैं।


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