खदान और कोयला चोरों की ड्रोन से होगी निगरानी, गोपीनाथपुर हादसे के बाद ईसीएल का प्लान तैयार
कोयला चोरी मामले का ताजा उदाहरण धनबाद जिले के मुग्मा क्षेत्र में मिला है। यहां अवैध खनन के दौरान 12 लोगों की मौत भी हो गई थी। ईसीएल के मुगमा क्षेत्र के महाप्रबंधक विभाष चंद्र सिंह ने 26 जनवरी को धनबाद डीसी को पत्र लिखकर अवैध खनन कोयले की चोरी
अजय झा, आसनसोल। अब ईसीएल के कोयला खदानों में ड्रोन से निगरानी रखी जाएगी। ईसीएल की खदानों में कोयला व पुराने संयंत्रों की चोरी से तंग आ चुकी कंपनी ने अब बड़ा कदम उठाने जा रही है। खासकर मुगमा व अन्य खदानों में हो रही बड़े पैमाने पर चोरी व हादसों की बाबत ईसीएल काफी सतर्क हो गया है। खदानों में सुरक्षा प्रहरियों के बीच एक ड्रोन संचालक भी मौजूद रहेंगे जो चप्पे चप्पे पर नजर रखेंगे। ईसीएल का तकनीकी विभाग इसपर काम कर रहा है। यहां बताना जरूरी होगा कि ईसीएल की खानों में सुरक्षा बेहद कमजोर है जिसका फायदा कोयला चोर उठाते हैं। सुरक्षा महाप्रबंधक शैलेंद्र ङ्क्षसह ने बताया कि खदानों से चोरी की शिकायतें मिल रहीं हैं। इस बाबत सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है। यह व्यवस्था सभी खदानों में लागू होगी। समय सीमा तो नहीं बताई जा सकती कि कब से ड्रोन से निगरानी शुरू होगी लेकिन विभागीय प्रोसेस खत्म होते ही व्यवस्था लालू हो जाएगी।
26 जनवरी को ईसीएल ने दी थी चोरी की सूचना
कोयला चोरी मामले का ताजा उदाहरण धनबाद जिले के मुग्मा क्षेत्र में मिला है। यहां अवैध खनन के दौरान 12 लोगों की मौत भी हो गई थी। ईसीएल के मुगमा क्षेत्र के महाप्रबंधक विभाष चंद्र ङ्क्षसह ने 26 जनवरी को धनबाद डीसी को पत्र लिखकर अवैध खनन, कोयले की चोरी, बिजली के तारों, पंपों और कलपुर्जों की चोरी पर रोक लगाने को कहा था। पत्र में यह भी कहा गया था कि मुगमा इलाके में 14 खदानें हैं। इन खुले गड्ढे की खदानों से पिछले तीन महीने से 500 से 1000 महिलाएं और बच्चे कोयले की चोरी कर रहे हैं। 35 से 40 हथियारबंद लोग खदान में घुस गए और केवल पंप और पुर्जे चुरा लिए। सुरक्षा कर्मियों या सामान्य कर्मियों को रोकने की कोशिश करने पर उन पर हमला किया जा रहा है। सारी स्थिति ऐसी हो गई है कि मजदूर रात में खदान में काम करने से डर रहे हैं। जिन इलाकों में अवैध कोयला खनन हो रहा है, वहां मैगजीन हाउस के पास भी जगह है, जहां विस्फोटक रखे जाते हैं। बड़ी दुर्घटनाएं और खतरे किसी भी क्षण हो सकते हैं। हर मामले में पुलिस को सूचना दी गई है लेकिन धनबाद जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।