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Happy Independence Day 2019: सपना सच होने जैसा है अनुच्छेद-370 का खात्मा

22 जनवरी 1991 को धनबाद रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़ विजय कुमार झा अपने साथियों के साथ जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हुए थे। 26 जनवरी को श्रीनगर के लाल चाैक पर राष्ट्रध्वज लहराया।

By mritunjayEdited By: Published: Thu, 15 Aug 2019 12:17 PM (IST)Updated: Thu, 15 Aug 2019 12:17 PM (IST)
Happy Independence Day 2019: सपना सच होने जैसा है अनुच्छेद-370 का खात्मा
Happy Independence Day 2019: सपना सच होने जैसा है अनुच्छेद-370 का खात्मा

BJP के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने 26 जनवरी 1991 को लाल चौक पर तिरंगा फ हराने का एलान किया था। पूरे देश में इसकी तैयारियां जोर-शोर से होने लगीं। कार्यक्रम को एकात्मता यात्रा का नाम दिया गया। धनबाद जिला के संयोजक की जिम्मेवारी मुझे मिली। सभी प्रखंड में बैठकों का सिलसिला प्रारंभ कर दिया गया

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आजादी के बाद से ही संपूर्ण देश में एक नारा सुनाई पड़ता था- कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है। ट्रेन में सफ र के दौरान देश के हर बड़े स्टेशन पर यह स्लोगन लिखा दिखता है। यदायदा अखबारों और पत्र-पत्रिकाओं में भी अनुच्छेद 370 के संदर्भ में कुछ लेख देखने को मिल जाते थे।

80 के दशक में कश्मीर घाटी में जब कहीं भी कोई आतंकवादी घटना घटती थी तब अनुच्छेद 370 पर विशेष रूप से चर्चा होने लगती थी। उसी समय इस बात की भी जानकारी मिली थी कि कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा नहीं फहराया जाता है। यह विरोधाभास था। जब कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है तो कश्मीर में विशेष अनुच्छेद क्यों। यह देशवासियों को विचलित करता था। इसलिए हर भारतीय चाहता था कि अनुच्छेद 370 का खात्मा हो और देश का हर कानून जम्मू कश्मीर में भी समान रूप से लागू हो। भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने 26 जनवरी 1991 को लाल चौक पर तिरंगा फ हराने का एलान किया था। पूरे देश में इसकी तैयारियां जोर-शोर से होने लगीं। हर पंचायत, हर प्रखंड, हर जिला से लोग पहुंच सकें, इसकी जमीनी तैयारी शुरू कर दी गई थी। कार्यक्रम को एकात्मता यात्रा का नाम दिया गया। धनबाद जिला के संयोजक की जिम्मेवारी मुझे मिली। सभी प्रखंड में बैठकों का सिलसिला प्रारंभ कर दिया गया। हर बैठक में अनुच्छेद 370 के खिलाफ  बड़े-बड़े लेख समाचार पत्रों में लगातार छपने लगे, जिससे देश का हर आम आदमी अनुच्छेद 370 के प्रति अधिक जागरूक हो गया। कश्मीर घाटी में आतंकवादियों का हमला हो रहा था और आम जन की धारणा बनती जा रही थी कि कश्मीर को शांत करने के लिए अनुच्छेद 370 का हटाना अनिवार्य है।

अंतत: 22 जनवरी 1991 को धनबाद जिले से 543 कार्यकर्ताओं के साथ हम जम्मू के लिए रवाना हुए। कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह था। यूं लग रहा था कि किसी जंग में शामिल होने जा रहे हैं। बहुत से रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म पर बने बेंच पर स्थानीय निवासियों द्वारा खाने के लिए ताजा पैकेट रख दिए गए थे। ट्रेन के रुकते ही कार्यकर्ता अपनी जरूरत के अनुसार फूड पैकेट ले लेते थे। यह सिलसिला जम्मू तक चलता रहा। 25 जनवरी 1991 को जम्मू के एक मैदान में जनसभा रखी गई थी। जम्मू के कार्यकर्ताओं ने देशभर से आए कार्यकर्ताओं के खाने और रहने के लिए अच्छी व्यवस्था कर रखी थी। रैली स्थल पर जाने के क्रम में हर दुकान और हर घर के बाहर टेबुल पर खाने-पीने की वस्तुओं को रख दिया गया था और जम्मूवासी आदरपूर्वक समूह को फल, बिस्किट, ब्रेड आदि दे रहे थे। 25 जनवरी 1991 को विशाल रैली और आमसभा का आयोजन हुआ जिसमें सभी ने लाल चौक पर झंडा फहराने के साथ-साथ अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का संकल्प लिया। अंतत: 5 अगस्त 2019 को वह संकल्प पूरा हुआ और अनुच्छेद 370 और 35 ए के समाप्त होते ही देश के सभी कानून जम्मू कश्मीर में भी लागू होने लगे। अब वहां भी अलग झंडा के स्थान पर तिरंगा ही फहराया जाएगा। यह एक सपने के सच होने के जैसा है। 15 अगस्त 1947 को जो  एक संकल्प अधूरा रह गया था, वह 5 अगस्त 2019 को पूरा हो गया।

-विजय कुमार झा, पूर्व अध्यक्ष बियाडा सह समाजसेवी, कतरास, धनबाद


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