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विवाह भवनों में पत्तल पर परोसे जाएंगे भोजन, यह सेहत और स्वरोजार के लिए फायदेमंद Dhanbad News

DMC ने इसपर काम करना शुरू कर दिया है।सिल्वर सेल्फ हेल्प ग्रुप को इस कार्य के लिए चुना गया है। ग्रुप से जुड़ी महिलाएं पत्तल का निर्माण करेंगी और DMC विवाह भवनों में सप्लाई करेगा।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 09:03 AM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 09:03 AM (IST)
विवाह भवनों में पत्तल पर परोसे जाएंगे भोजन, यह सेहत और स्वरोजार के लिए फायदेमंद Dhanbad News
विवाह भवनों में पत्तल पर परोसे जाएंगे भोजन, यह सेहत और स्वरोजार के लिए फायदेमंद Dhanbad News

धनबाद [आशीष सिंह]। नगर निगम ने अनूठी पहल करते हुए जिले में स्थित विवाह भवनों एवं बैंक्वेट हॉल में प्लास्टिक या फाइबर की प्लेट की जगह पत्तल पर भोजन परोसने की योजना बनाई है। एक पंथ दो काज के तहत निगम महिला स्वयं सहायता ग्रुप के जरिए बड़े स्तर पर पत्तल का निर्माण कर इन विवाह भवनों में आपूर्ति करेगा। इससे एक तो प्लास्टिक पर लगाम लगाते हुए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा तो दूसरी ओर महिलाओं को इस क्षेत्र में स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाएगा।

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निगम ने इसपर काम करना शुरू कर दिया है, सिल्वर सेल्फ हेल्प ग्रुप को इस कार्य के लिए चुना गया है। इस ग्रुप से जुड़ी महिलाएं पत्तल का निर्माण करेंगी और नगर निगम इसकी सप्लाई विवाह भवन एवं बैंक्वेट हाल में करेगा। धनबाद और आसपास साल (सखुआ) के पत्तों की प्रचुरता है, इसलिए पत्तल निर्माण में इसी पत्ते का उपयोग किया जाएगा। निगम का मानना है कि इससे भविष्य में बड़े स्तर पर रोजगार की संभावना बनेगी और पर्यावरण भी संरक्षित होगा।

कभी 20 हजार से अधिक किस्म की वनस्पतियों से बनता था पत्तलः संस्कृत के वरीय शिक्षक गोपाल कृष्ण झा के अनुसार भारत में सदियों से विभिन्न वनस्पतियों के पत्तों से बने पत्तल संस्कृति का अनिवार्य हिस्सा रहे हैं। ये पत्तल अब भले विदेशों में लोकप्रिय हो रहा है, लेकिन हमारे यहां कोई भी सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक उत्सव इनके बिना पूरा नहीं हो सकता था। इन समारोहों में आने वाले अतिथियों को इन पत्तलों पर ही भोजन परोसा जाता था। देश में पत्तल बनाने और इस पर भोजन करने की परंपरा कब शुरू हुई, इसका कोई प्रामाणिक इतिहास उपलब्ध नहीं है। हालांकि हमारे देश में किसी दौर में 20 हजार से ज्यादा किस्म की वनस्पतियों की पत्तियों से पत्तल बनते थे।

पत्तल के लाभ

- खून की अशुद्धता की वजह से होने वाली बीमारियों में साल व पलाश के पत्तल पर भोजन को फायदेमंद माना गया है।

- सफेद फूलों वाले पलाश के पत्तों से तैयार पत्तल पर भोजन करने से बवासीर यानी पाइल्स के मरीजों को लाभ होता है।

- लकवाग्रस्त मरीजों को अमलतास और जोड़ों के दर्द से परेशान मरीजों को करंज की पत्तियों से बनने वाले पत्तल में भोजन करना लाभकारी है।

- पीपल के पत्तल में भोजन मंदबुद्धि बच्चों के इलाज में कारगर है।

प्लास्टिक और फाइबर की रोकथाम के लिहाज से निगम की ओर से यह प्रयास किया जा रहा है। निगम क्षेत्र में स्थित विवाह भवन एवं बैंक्वेट हॉल से संपर्क कर सहयोग की अपील की जाएगी। जिस दिन भी आयोजन होंगे उससे 48 घंटे पहले निगम को जानकारी देनी होगी। कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों की संख्या को देखते हुए पत्तल का निर्माण कर आयोजन स्थल तक पहुंचाया जाएगा।

- विजय कुमार, सिटी मैनेजर नगर निगम


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