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जून तिमाही के ऋण जमा अनुपात को डीडीसी ने बताया असंतोषजनक, 40 प्रतिशत तक करने का निर्देश Dhanbad News

धनबाद समाहरणालय में मंगलवार को उप विकास आयुक्त दशरथ चंद्र दास की अध्यक्षता में डीएलसीसी की जून तिमाही की बैठक हुई। उप विकास आयुक्त ने जून तिमाही तक जिले का ऋण जमा अनुपात 34.59 प्रतिशत रहने पर असंतोष जताया।

By Sagar SinghEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 05:58 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 07:47 AM (IST)
जून तिमाही के ऋण जमा अनुपात को डीडीसी ने बताया असंतोषजनक, 40 प्रतिशत तक करने का निर्देश Dhanbad News
धनबाद समाहरणालय में डीएलसीसी की बैठक करते उप विकास आयुक्त दशरथ चंद्र दास व अन्य।

धनबाद, जेएनएन। जिला समाहरणालय के सभागार में मंगलवार को उप विकास आयुक्त दशरथ चंद्र दास की अध्यक्षता में डीएलसीसी की जून तिमाही की बैठक हुई। जून तिमाही तक जिले का ऋण जमा अनुपात 34.59 प्रतिशत था‌। उप विकास आयुक्त ने इसे असंतोषजनक बताया। उन्होंने वैसे सभी बैंक जिनका ऋण जमा अनुपात 40 प्रतिशत से कम है, को जल्द से जल्द इसे 40 प्रतिशत तक करने का निर्देश दिया। वार्षिक ऋण योजना के तहत जून तिमाही तक जिला की उपलब्धि 38.77 प्रतिशत रही। इसमें कई बैंको की उपलब्धि संतोषजनक नहीं थी। उप विकास आयुक्त ने उन बैंको को निर्देशित किया कि वे प्रत्येक तिमाही के लक्ष्य को अवश्य प्राप्त करे।

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उन्होंने सभी बैंकों का पीएमईजीपी एवं एसएचजी के अंतर्गत लंबित आवेदनों का निष्पादन 15 दिनों के अंदर करने, जन धन के सभी खातों में आधार सीडिंग एवं मोबाइल सीडिंग करना सुनिश्चित करने, अधिक से अधिक लोगों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना एवं अटल पेंशन योजना का लाभ प्रदान करने के लिए उन्हें योजना से जोड़ने का निर्देश दिया। बैठक में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की प्रगति पर भी चर्चा की गई। इसमें पाया गया कि बैंको का प्रदर्शन सराहनीय है। इस योजना पर उप विकास आयुक्त ने और प्रगति का आग्रह किया। उप विकास आयुक्त ने जिला ऋण योज़ना 2020-21 का विमोचन किया गया।

जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि कुछ बैंको द्वारा केसीसी के आवेदन अनुचित कारणों से लौटाया जा रहा है। इस पर डीडीसी ने नाराजगी जताई एवं एक बैठक बुलाकर अविलंब लौटाए गए सभी आवेदनों को वापस बैंको को भेजने का निर्देश दिया। साथ ही लंबित आवेदनों को एक महीने के अंदर निष्पादन करने हेतु निर्देशित किया।

अग्रणी जिला प्रबंधक ने बताया की पीएम स्वनिधि के अंतर्गत बैंकों का प्रदर्शन संतोषजनक नही है। चूकि ये भारत सरकार की एक फ्लैगशिप योजना है जिसके अंतर्गत स्ट्रीट वेंडर्स को 10 हजार रुपए का ऋण दिया जाता है। अत: सभी बैंक इस योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक वित्तपोषन कर इस योजना को सफल बनाने मे योगदान देना सुनिश्चित करेंगे। बैठक में सहायक महाप्रबंधक आरबीआई, जिला कृषि पदाधिकारी असीम रंजन एक्का, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, अग्रणी जिला प्रबंधक अमित कुमार, विभिन्न बैंको के समन्वयक तथा अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।


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