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छह माह में 45 प्राथमिकी, फिर भी नहीं रुक रही कालाबाजारी

जिले में गरीबों को मिलने वाले अनाज की कालाबाजारी जोरों पर है। लगातार विभागीय कार्रवाई के बाद भी यह थमने का नाम नहीं ले रही है। विभागीय आंकड़ों की ही माने तो इस वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में ही 45 प्राथमिकियां आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने जिले के विभिन्न थानों में अभी तक दर्ज कराई हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 06:11 AM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 06:11 AM (IST)
छह माह में 45 प्राथमिकी, फिर भी नहीं रुक रही कालाबाजारी
छह माह में 45 प्राथमिकी, फिर भी नहीं रुक रही कालाबाजारी

अजय कुमार पांडेय, धनबाद :

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जिले में गरीबों को मिलने वाले अनाज की कालाबाजारी जोरों पर है। लगातार विभागीय कार्रवाई के बाद भी यह थमने का नाम नहीं ले रही है। विभागीय आंकड़ों की ही माने तो इस वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में ही 45 प्राथमिकियां आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने जिले के विभिन्न थानों में अभी तक दर्ज कराई हैं। यानि हर महीने लगभग ऐसे सात मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें कारवाई हो रही है। साथ ही इन मामलों की सुनवाई करते हुए 38 मामलों में सजा के बिदु पर सुनवाई भी पूरी हो चुकी है। लेकिन जहां तक ऐस धंधे में संलिप्त डीलरों पर कारवाई की बात करें तो महज एक ही डीलर की अनुज्ञप्ति रद किया गया है। कठोर कार्रवाई नहीं होने के कारण तस्करों की हिम्मत बढ़ती ही जा रही है। वहीं कई मामलों में तस्कर पकड़ाने के बाद कुछ ही दिन में छूट जा रहे हैं, इससे भी कालाबाजारी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हर माह जिले के विभिन्न प्रखंडों से कालाबाजारी के मामले सामने आ रहे हैं। अधिकतर मामले झरिया के, विभाग कानून की दे रहे दुहाई

जिले में कालाबाजारी किस कदर हो रही है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले एक पखवाड़े के दौरान करीब सौ क्विंटल से ज्यादा चावल व अनाज बरामद जब्त किए गए हैं। जब्ती के मामलों को देखें तो इस पूरे कारोबार में बार-बार दो चार गिने चुने कालाबाजारियों का नाम सामने आते हैं। अधिकतर मामले झरिया प्रखंड के ही हैं। वहीं विभागीय अधिकारियों का कहना है कि वे लोग तो कारवाई करते हुए लोगों पर प्राथमिकी तो दर्ज करते हैं। लेकिन सख्त कानून की कमी उनकी करवाई के असर को कम कर देती है। कानूनी कमियों का फायदा उठाकर ये कालाबाजारी बाहर आ कर फिर से इस धंधे में लग जाते हैं।

फुटपाथ दुकानों में खपाया जा रहा चावल

तस्कर इनमें से अधिकतर चावलों को फुटपाथ में लगाने वाले इडली डोसा की दुकानों में खपा रहे हैं। कालाबाजारी के चावलों के यह सबसे बड़े खरीदार हैं। यह जानकारी कालाबाजारी की शिकायतों की जांच कर रही टीम को मिली है। टीम के सदस्यों के अनुसार इन चावलों को 10 से 11 रुपये प्रति किलो के हिसाब से फुटपाथ दुकानदारों को बेचा जाता है।

वर्जन

जिले में पीडीएस अनाजों की कालाबाजारी हो रही है। विभाग इसके खिलाफ लगातार कार्रवाई भी कर रही है। अनाज पकड़े जाने पर लाइसेंस निलंबित करने के अलावा पिछले पांच माह में 55 दुकानों फ्रीज कर उनकी अनुज्ञप्ति को निलंबित किया जा चुका है। आगे भी इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए कई तरह की योजनाओं पर काम चल रहा है।

भोगेंद्र ठाकुर, जिला आपूर्ति पदाधिकारी इस वर्ष कई जगहों पर जब्त किए गए हैं अनाज

12 फरवरी - सिंदरी में एक आवास से पुलिस ने चार क्विंटल चावल जब्त किया था।

21 फरवरी - एसडीओ ने जामाडोबा स्थित मां अंबे आटा चक्की में छापेमारी करके 27 पैकेट पीडीएस का गेंहू जब्त किया था। इस मामले में दुकानदार संतोष रवानी के खिलाफ केस भी हुआ था।

15 मार्च - सिंदरी के ही रांगामाटी में एक मालवाहक से सात क्विंटल चावल पकड़ा गया था।

2 जून - पुलिस ने डिनोबिली मोड़ के समीप तीन बाइक पर नौ पैकेट चावल जब्त किया था।

9 जून - घनुडीह से बलियापुर जा रहे एक मालवाहक से 22 क्विंटल चावल बरामद किया गया था। इस मामले में चार लोगों पर केस भी हुआ था।

26 जून - झरिया के कुम्हारपट्टी स्थित गोदाम से अधिकारियों ने पीडीएस का 50 बोरा चावल जब्त किया था।

19 जुलाई - भौंरा ओपी के समीप पुलिस ने बाइक सवार से चावल बरामद किया था।

16 अगस्त - जामाडोबा डुमरी दो नंबर मोड़ पर पुलिस ने तीन बाइक से नौ पैकेट पीडीएस का चावल जब्त किया था।

14 सितंबर - बलियापुर में पुलिस ने एक पिकअप वैन से 30 क्विंटल चावल को जब्त किया था।


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