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Dhanbad: कतरास व सिजुआ क्षेत्र के कोलियरियों से जारी धड़ल्ले से डीजल लूट का कारोबार

बीसीसीएल सिजुआ व कतरास क्षेत्र के विभिन्न कोलियरियों में डीजल चोरों व लूटेरों का पांव बारह है। खुले आम कतरास तथा आसपास के इलाकों के चाय पान की दुकानों से लेकर छोटे बड़े होटलों में धडल्ले से डीजल की बिक्री हो रही है।

By Atul SinghEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 05:54 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 06:09 PM (IST)
बीसीसीएल सिजुआ व कतरास क्षेत्र के विभिन्न कोलियरियों में डीजल चोरों व लूटेरों का पांव बारह है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

संवाद सहयोगी, कतरास: बीसीसीएल सिजुआ व कतरास क्षेत्र के विभिन्न कोलियरियों में डीजल चोरों व लूटेरों का पांव बारह है। खुले आम कतरास तथा आसपास के इलाकों के चाय, पान की दुकानों से लेकर छोटे बड़े होटलों में धडल्ले से डीजल की बिक्री हो रही है। अपराधियों के लिए सिजुआ क्षेत्र के निचितपुर व तेतुलमारी तो कतरास क्षेत्र का वेस्टमोदीडीह, केसलपुर एकीकृत परियोजना सबसे बड़ा केंद्र बना हुआ है। स्थानीय पुलिस, सीआईएसएफ से लेकर कंपनी के अधिकारी इसे रोकने में विफल साबित हो रहे हैं। इन स्थानों में दशकों से यह अबैध कारोबार चल रहा है। कंपनी के भारी व बड़े वाहनों तथा मशीनों के पार्किंग में लगते ही सशस्त्र अपराधियों का दल पाईप से डीजल निकालते हैं और उसे आस पास के दुकानों तथा गुमटियों मारुति वैन, बोलेरो या फिर बाइक के जरिये पहुंचा दिया जाता है।

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दुकानदार सस्ते दामों में खरीदकर उसमें अपना लाभ निकालकर बेच देते हैं। कई दुकानों में वाहनों के चालक, खलासी या फिर मजदूर चुपके से पहुंचाते हैं। इस कारोबार में वेस्टमोदीडीह के 40 नवंबर बस्ती में कई बार गोली चालन की घटना भी घट चुकी है। 1915 में एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है। कभी कभी एक दूसरे गिरोह के बीच हिंसक झड़प भी हुई है। इस अवैध कारोबार को रोकने में बीसीसीएल के मुख्यालय, क्षेत्रीय से लेकर कोलियरी तक के अधिकारियों का प्रयास विफल रहा है। ये दिगर बात है कि समय समय पर पुलिस व सीआईएसएफ के द्वारा जगह जगह पर छापामारी कर अवैध डीजल लदे वाहनों को पकड़ कर मामला दर्ज किया जा चुका है। कई लोगों पर मामला दर्ज भी की जा चुकी है। इसके बावजूद अंगारपथरा, सिजुआ मोड़, नया मोड़, पांडेयडीह मोड़, पांडेयडीह ढलान, सुभाष चौक, शक्ति चौक, जोगेश्वर मोड़, काको मोड़ सहित आस पास के इलाकों में बेधड़क बेची जा रही है। आखिर इस गोरखधंधा पर अंकुश आखिर कैसे लगेगा यह जटिल सवाल है।


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