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होटल-रेस्तरां में उपयोग हो चुके तेल से बनेगा डीजल, रूको योजना के तहत कलेक्ट किए एक दर्जन सैंपल Dhanbad News

होटल व रेस्तरां से तेल को एकत्र कर उससे डीजल बनाने के लिए काम चल रहा है। इसलिए इसे गंभीरता से धरातल पर उतारने के लिए दिशा निर्देश दिये गए हैं।

By Sagar SinghEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 01:15 PM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 01:15 PM (IST)
होटल-रेस्तरां में उपयोग हो चुके तेल से बनेगा डीजल, रूको योजना के तहत कलेक्ट किए एक दर्जन सैंपल Dhanbad News
होटल-रेस्तरां में उपयोग हो चुके तेल से बनेगा डीजल, रूको योजना के तहत कलेक्ट किए एक दर्जन सैंपल Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। आपको हेल्दी बनाने के लिए होटल और रेस्तरां में उपयोग हो चुके तेल को एकत्र किया जाएगा। फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) की रूको (री-परपज यूज कुकिंग ऑयल) योजना पर खाद्य सुरक्षा विभाग ने अमल करना शुरू कर दिया है। इसके तहत हालिया दिनों में विभाग द्वारा एक दर्जन से अधिक होटल व रेस्तरां में सर्वे किया गया। 

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सर्वे करके यह पता लगाया गया कि कहां तेल को बार-बार री-यूज किया जा रहा है और कितना तेल कलेक्ट किया जा सकता है। विभाग के झारखंड कमिश्नर नितिन कुलकर्णी ने इस संबंध में सभी फूड सेफ्टी ऑफिसर को गाइड लाइन जारी की है।

क्या है मकसद : एक तेल को बार-बार उपयोग करने से उसमें ट्रोक्सी कंपाउंड जेनरेट होते हैैं। तेल ज्यादा फ्राई करने से उसमें ट्रोक्सी कंपाउंड की मात्रा 25 फीसदी ज्यादा होने से कई तरह की बीमारियां का लोग शिकार होते हैैं। तेल कलेक्ट कर लोगों को स्वस्थ रखने की विभाग की योजना है। विभागीय पदाधिकारियों के अनुसार हाइपर टेंशन, भूलने की बीमारी, लीवर की बीमारी होती है। ट्रोक्सी कंपाउंड की पहचान के लिए विभाग को टेस्टोमीटर उपलब्ध कराए जा रहे हैैं। अक्सर देखा जाता है कि होटलों में तले हुए तेल को टॉप अप कर उसे उपयोग किया जाता है। 

डीजल बनाने की योजना : इस तेल को एकत्र कर उससे डीजल बनाने के लिए काम चल रहा है। इसलिए इसे गंभीरता से धरातल पर उतारने के लिए दिशा निर्देश दिये गए हैं। इसके तहत तेल को होटल व रेस्तरां से एकत्र किया जाएगा और रांची भेजवाया जाएगा। हर रोज 25 सौ लीटर तेल कलेक्ट करने का टारगेट भी है। 

नियम नहीं मानने वालों को एक लाख तक जुर्माना : इसके लिए यह भी नियम बनाए गए हैं कि फैक्ट्री से खुला तेल खरीदने पर पाबंदी रहेगी। जो नियम नहीं मानेंगे उन पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इसके साथ ही छोटे होटलों में भी विभाग जांच करने जा रहा है। 

पर्यावरण भी बचेगा : देखा गया है कि लोग तेल को बार बार यूज करने के बाद जमीन पर फेंक देते हैं। उससे मिट्टी नष्ट होती है। कीटाणु नष्ट होते हैैं। इस तेल को एकत्र करने से पर्यावरण को बचाने की भी विभाग की योजना है। 

लोगों को स्वस्थ रखना उद्देश्य :

एफएसएसएआई की रूको पॉलिसी के तहत होटल रेस्तरां में बार-बार उपयोग किए जा रहे तेल को कलेक्ट किया जाना है। इसके लिए कई बड़े होटलों में सर्वे किया जा चुका है। लोगों को स्वस्थ रखने व पर्यावरण को बचाना उद्देश्य है। -अदिति सिंह, फूड सेफ्टी ऑफिसर


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