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संदेह के दायरे में धनबाद का मिशनरीज ऑफ चैरिटी, गायब बच्चे का नहीं मिला दस्तावेज

जागरण संवाददाता, धनबाद : रांची के बाद अब धनबाद के बरवाअड्डा स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी भी

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Aug 2018 02:48 PM (IST)Updated: Fri, 03 Aug 2018 02:48 PM (IST)
संदेह के दायरे में धनबाद का मिशनरीज ऑफ चैरिटी, गायब बच्चे का नहीं मिला दस्तावेज
संदेह के दायरे में धनबाद का मिशनरीज ऑफ चैरिटी, गायब बच्चे का नहीं मिला दस्तावेज

जागरण संवाददाता, धनबाद : रांची के बाद अब धनबाद के बरवाअड्डा स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी भी संदेह के दायरे में आ गया है। यहां के 10 वर्षीय बालक को रांची भेजा गया, जिसका कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। मामला 2012 का है जिसका खुलासा बाल संरक्षण आयोग की चेयरमैन आरती कुजूर के निरीक्षण में हुआ। मिशनरीज पहुंची कुजूर ने केयर टेकर से वहां रहने वाले पुरुष, महिला व बच्चों से जुड़ी पूरी जानकारी ली। कागजात खंगालने पर पाया गया कि वर्ष 2011-12 के बीच एक बच्चे को रांची को भेजा गया है, पर उससे संबंधित कोई रिसिविंग नहीं है। पूछताछ में भी उसके बारे में कुछ स्पष्ट नहीं हो सका। मिशनरीज ऑफ चैरिटी में 18 बच्चों को पनाह मिली है। इनमें चार बालक व 14 बालिकाएं हैं। उनसे जुड़ी सभी कागजात की जांच की गई।

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मामले की गंभीरता को देखते हुए चेयरमैन ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। परिसर में कहीं भी सीसीटीवी नहीं लगी है। इस पर भी आयोग चेयरमैन ने नाराजगी जताई और तत्काल सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया। इससे पूर्व उन्होंने भूइफोड़ की तपोवन कॉलोनी स्थित बालिका गृह का भी निरीक्षण किया। उनके साथ जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी साधना कुमारी, सीडब्ल्यूसी सदस्य देवेंद्र शर्मा व धनंजय प्रसाद महतो, समाजसेवी शंकर रवानी, विश्वंभर पोद्दार, अजय तिवारी व बचपन बचाओ आंदोलन से जुड़े श्याम शामिल थे।


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