चुनावी चर्चा : यूथ ने की रेपिस्ट को फांसी देने की मांग, कहा- बलात्कारियों को टिकट न दे पार्टियां Dhanbad News
12वीं की छात्रा ने मांग की कि रेपिस्ट को कठोर से कठोर सजा मिलनी चाहिए। सरकार ऐसा कानून बनाए जिससे इस तरह की घिनौनी हरकत करने वालों पर अंकुश लग सके।
धनबाद, जेएनएन। हैदराबाद में हाल ही में पशु चिकित्सक के साथ दुष्कर्म कर जलाकर मार दिए जाने की घटना से युवा वर्ग काफी आहत है। इसका असर धनबाद में भी देखने को मिल रहा है। यही कारण है कि आज का युवा दुष्कर्म को सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा मान रहा है। फिर चाहे कॉलेज हो, हॉस्टल हो या फिर चाय की गुमटी। हर जगह यही चर्चा है कि दुष्कर्म की सजा सिर्फ और सिर्फ फांसी हो।
ऐसा कानून बने जिससे कोई भी इस तरह की घिनौनी हरकत करने से पहले दस बार सोचे। ऐसा युवाओं का मानना है। इसके बाद अमीर-गरीब की खाई की भरपाई, आरक्षण, भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाना और शिक्षा में भ्रष्टाचार को रोकना शामिल है। आइए हम आपको इस चुनावी महासमर लेकर चलते हैं ऐसे ही कुछ युवा युवाओं के पास।
12वीं की छात्रा रूम ने मांग की कि रेपिस्ट को कठोर से कठोर सजा मिलनी चाहिए। सरकार ऐसा कानून बनाए, जिससे इस तरह की घिनौनी हरकत करने वालों पर अंकुश लग सके। इससे बड़ा चुनाव क्या हो सकता है। इस को ध्यान में रखते हुए वोटिंग करने का आह्वान करते हैं।
अमीर-गरीब की खाई पाटने वाले को जाएगा वोट
स्नातक की छात्रा सुनीता पांडे का मानना है कि अमीर और अमीर बनता जा रहा है और गरीब और गरीब बनते जा रहे हैं। मध्यम वर्गीय परिवारों की स्थिति भी ठीक नहीं है। ऐसी योजना बने जो सभी के लिए समान हो। कोई छोटा हो या बड़ा ना हो। हर किसी को एक नजर से देखा जाए। अमीर गरीब की खाई पाटने वाले को जाएगा वोट।
जो काबिल है उसे उसका हक मिले
12वीं की छात्रा प्रेरणा कुमारी का कहना है कि युवाओं की काबिलियत नहीं देखी जाती, अब तो आरक्षण का बोलबाला है। जब तक आरक्षण की जरूरत थी, तब तक ठीक था। अब इसकी कोई जरूरत नहीं है, इसलिए आरक्षण को खत्म कर देना चाहिए। जो भी सरकार बनेगी उससे यही उम्मीद होगी कि जो काबिल है उसे उसका हक मिले आरक्षण से कुछ नहीं होने वाला।
भ्रष्टाचारी को चुनाव लड़ने के अधिकार से करे वंचित
12वीं की छात्रा मुस्कान नाज,भ्रष्टाचार बढ़ता ही जा रहा है यह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सरकार चाहे कोई भी हो भ्रष्टाचार पर रोक नहीं है। पॉलिटिक्स में तो सबसे अधिक भ्रष्टाचार है, इससे खत्म होना ही चाहिए। जो पॉलीटिशियन भ्रष्टाचार हैं, उनको चुनाव लड़ने के अधिकार से वंचित कर देना चाहिए। ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई के लिए कड़ा कानून बनाया जाना चाहिए। चुनाव लड़ने के लेने के लिए शिक्षा का मानक तय किया जाए।
निजी से लेकर सरकारी स्कूलों की हालात बदतर
स्नातक की छात्रा रिया सिंह न कहा कि शिक्षा में सबसे अधिक भ्रष्टाचार है। निजी से लेकर सरकारी स्कूलों में समान हालात हैं। सरकारी स्कूलों की स्थिति तो बदतर है। 70 हजार तनख्वाह लेने के बाद भी पढ़ाई चौपट है। आरक्षण की बात करें तो सरकार को अगर देने का मन है तो कोई इंस्टीट्यूट खुलवाकर सिर्फ वहां पर आरक्षण पाने वालों को ही शिक्षा दें, लेकिन यह खत्म करें।