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Dhanbad Water Crisis: स्टीलगेट और मेमको मोड़ जलमीनार से आज शाम को होगी जलापूर्ति

मैथन इंटेकवेल से धनबाद भेलाटांड़ वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट को 70 की जगह 40 एमएलडी ही पानी मिल रहा है। पिछले तीन-चार दिनों से ऐसी ही स्थिति बनी हुई है। इसकी वजह से शुक्रवार को स्टील गेट और मेमको मोड़ जलमीनार से जलापूर्ति नहीं हो सकी।

By Atul SinghEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 12:34 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 12:34 PM (IST)
शुक्रवार को स्टील गेट और मेमको मोड़ जलमीनार से जलापूर्ति नहीं हो सकी।

जागरण संवाददाता, धनबाद: मैथन इंटेकवेल से धनबाद भेलाटांड़ वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट को 70 की जगह 40 एमएलडी ही पानी मिल रहा है। पिछले तीन-चार दिनों से ऐसी ही स्थिति बनी हुई है। इसकी वजह से शुक्रवार को स्टील गेट और मेमको मोड़ जलमीनार से जलापूर्ति नहीं हो सकी। आज शाम से पहले इन दोनों जलमीनारों में जलापूर्ति होने की संभावना कम है। इसकी वजह से पिछले दो दिन से लगभग 60 हजार की आबादी जल संकट से जूझ रही है। पेयजल विभाग के अनुसार दोनों जलमीनार में आज शाम को पानी मिल जाएगा।

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पानी की आपूर्ति कम होने की वजह से कुछ अन्य जलमीनार खाली रहने की संभावना है। पानी का कोटा कम होने की वजह से कई ऐसे जलमीनारों से पानी का ओवरफ्लो नहीं हो पा रहा है। नियमित ओवरफ्लो की वजह से दूरदराज के इलाकों तक पानी पहुंच जाया करता था। इसमें स्टील गेट, वासेपुर, मेमको मोड़, पॉलिटेक्निक भूली प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन जलमीनारों में पानी भरने के बाद तीन से चार घंटे तक ओवरफ्लो किया जाता है, ताकि ऊंचाई और दूरदराज के मोहल्लों में पानी की आपूर्ति हो सके। अभी यह नहीं हो पा रहा है।

आने वाले दिनों में शहरी क्षेत्र में घोर जल संकट होने वाला है। दरअसल शहर की साढ़े चार लाख की आबादी में जलापूर्ति करने के लिए मात्र 40 मिलियन लीटर डे (एमएलडी) पानी मिल रहा है। अभी तक 55 से 60 एमएलडी पानी मिल रहा था। पिछले तीन-चार दिनों से यही स्थिति है। कई इलाकाें से नियमित जलापूर्ति नहीं होने की शिकायतें भी मिलने लगी हैं। स्टीलगेट इलाके में सबसे अधिक परेशानी को रही है। यहां पिछले पांच दिनों से कई इलाकों को पानी मिला ही नहीं।

आने वाले दिनों में हर दिन चार से पांच जलमीनार खाली रहने की संभावना है। मैथन इंटेकवेल से धनबाद भेलाटांड़ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए शुक्रवार को मात्र 40 एमएलडी ही पानी छोड़ा गया। आगे भी यही स्थिति रहेगी। दरअसल पेयजल विभाग ने नगर विकास विकास विभाग के पास पानी का कोटा बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन इसका नकार दिया गया। पेयजल विभाग के साथ कांट्रेक्टर का 40 एमएलडी जलापूर्ति का ही करार है। शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति की मांग अधिक होने की वजह से कांट्रेक्टर पिछले दो माह से 55 एमएलडी तक जलापूर्ति कर रहा था। आदेश मौखिक था और इस बढ़ी हुई मांग के एवज में भुगतान भी लटकने की संभावना को देखते हुए कांट्रेक्टर ने 40 एमएलडी की जलापूर्ति शुरू कर दी है। धनबाद में पहले 60 एमएलडी पानी की आपूर्ति होती थी। यह अब घट कर 40 एमएलडी की हो रही है। पेयजल का नया कनेक्शन भी हर दिन हो रहा है, इसके बावजूद पानी का कोटा कम हो रहा है। मार्च में ही पानी संकट से जूझ रहे धनबाद शहर को निजात दिलाने के लिए नगर विकास विभाग के सचिव को पत्र के लिख कर पानी की आपूर्ति बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था।

पानी की कमी से नहीं हो रहा ओवरफ्लो

कई इलाके ऊंचाई पर हैं या तो दूर हैं। इसलिए पेजयल विभाग यहां पानी चढ़ाने के लिए टंकी भरने के बाद भी तीन-चार घंटे ओवरफ्लो करता है। ताकि दूर तक पानी पहुंच सके। अब पानी कम मिलने की वजह से पिछले दो-तीन दिन से मात्र एक घंटे ही ओवरफ्लो किया जा रहा है। कहीं-कहीं तो यह भी नहीं हो रहा है। इस वजह से कुछ मोहल्लों में पानी पहुंच रहा तो कई इससे वंचित रह जा रहे हैं।

बिजली कटौती से वापस पाइप में लौट जाता है पानी

बिजली कटौती के कारण भी समस्या हो रही है। मैथन इंटेकवेल से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पानी पहुंचने में लगभग छह घंटे का समय लगता है। इस दाैरान इंटेकवेल का माेटर लगातार चलता है। आधे घंटे की कटाैती हाेने पर पाइपलाइन का पानी वापस मैथन की ओर जाने लगता है। यही वजह है कि घंटाें बिजली कटाैती हाेने से समय पर पानी नहीं पहुंच पाता है। इसके साथ ही भेलाटांड़ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी फिल्टर करने में भी समय लगता है। एक जलमीनार को भरने में 3 से 4 घंटे का समय लग जाता है।


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