धनबाद के वैज्ञानिक ने बांग्लादेश में ढूंढ़े दो नए सूक्ष्म जलीय जीव
वैज्ञानिक डॉ. तापस चटर्जी ने पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में मीठे जल से दो नये सूक्ष्म जलीय जीव की खोज की है।
धनबाद, तापस बनर्जी। शहर के जाने-माने शिक्षाविद् और वैज्ञानिक डॉ. तापस चटर्जी ने पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में मीठे जल से दो नये सूक्ष्म जलीय जीव की खोज की है। बांग्लादेश की मेघना नदी और नोआखली जिले में स्थित तालाब से वाटर माइट्स की नई प्रजातियों को ढूंढ़ने में उनके साथ बांग्लादेश, पोलैंड और मांटेंगरो के वैज्ञानिकों ने भी सहयोग किया है। चार जोड़ी पैरों वाले जलीय सूक्ष्म जीव फाइलम ऑर्थोपोडा श्रेणी के हैं, जिन्हें माइक्रोस्कोप की मदद से ही देखा जा सकता है।
बांग्लादेश के लिए यह पहला अवसर है कि जब मीठे जल से दो नये सूक्ष्म जलीय जीव को ढूंढ़ निकाला गया है। डॉ. चटर्जी की इस खोज को सिस्टमेटिक एंड अप्लाइड एकरोलॉजी के जर्नल में स्थान मिला है जो सोसाइटी ऑफ सिस्टमेटिक एंड अप्लाइड एकरोलॉजी न्यूजीलैंड और नेचरल हिस्ट्री म्यूजियम यूके से प्रकाशित है। यूनाइटेड किंगडम का यह शोधपत्र अंतरराष्ट्रीय विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र का विश्वविख्यात शोधपत्र है।
इन सूक्ष्म जीवों की हुई खोज
जिन नए जलीय सूक्ष्म जीवों में खोज हुई उनमें न्यूमैनिया नोबिप्रोबिया और अरेन्यूरस स्मिटी शामिल हैं। डॉ. चटर्जी के अनुसार, दोनों ही मीठे जल के लाइफ साइकिल के लिए महत्वपूर्ण हैं। हालांकि यह विस्तृत शोध का विषय है।
इनका मिला सहयोग
- यूनिवर्सिटी ऑफ मांटेंगरो से व्लादिमीर पेसिक
- नोआखली साइंस एंड एक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी बाग्लादेश से मो. बेलाल हुसैन
- नोआखली साइंस एंड एक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी बाग्लादेश से मो.सैफुल इस्लाम
- यूनिवर्सिटी ऑफ पोलैंड से प्रो. एंड्रेज जैवल
25 नई प्रजातियों की खोज कर चुके टेक्सोनॉमिस्ट
डॉ. चटर्जी गहरे समुद्र से लेकर मीठे जलीय सूक्ष्म जीव की 125 नई प्रजातियों की खोज कर चुके हैं।
वैश्विक स्तर के वैज्ञानिकों में डॉ.चटर्जी का नाम
डॉ. चटर्जी के अनुसार, रिचर्स गेट में उनका स्कोर 30.67 है जो विश्व के वैज्ञानिकों की सूची में उन्हें 85.5 परसेंटाइल प्रदान करता है। वर्तमान में वह गोविंदपुर के क्रिसेंट इंटरनेशलन स्कूल के प्राचार्य हैं।
इन देशों के वैज्ञानिकों के साथ कर चुके काम
डॉ. चटर्जी संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, साउथ कोरिया, ताइवान, फिलीपींस, थाइलैंड, तंजानिया, रेड सी, कनाडा, पोलैंड, क्रोटिया, कैरेबियन आइलैंड, ब्रूनी, स्लोबेनिया के वैज्ञानिकों के साथ शोध कार्य कर चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने अंडमान-निकोबार, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, गोवा, असम, पश्चिम बंगाल और अरुणाचल प्रदेश में भी शोध कार्य कर चुके हैं।
कई देशों में रहे विजिटिंग साइंटिस्ट
कई देशों में विजिटिंग साइंटिस्ट रहे हैं। साउथ कोरिया के डेगू यूनिवर्सिटी में 2004-05, दारुस्लम के यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रूनी में लंबे समय तक सेवा दी। अपने देश में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओसेनोग्राफी सीएसआइआर गोआ में अरसे तक रहे।
सफलताएं
- उत्कल विश्वविद्यालय से मिली डॉक्टर ऑफ साइंस इन जूलॉजी की उपाधि।
- रिजनल कॉलेज एंड एजुकेशन भुवनेश्वर से 1985 में एमएससी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए।
- यूजीसी नेट 1986 में किया और 1992 में उत्कल यूनिवर्सिटी से पीएचडी की उपाधि ली।
- 2014 में डॉक्टर ऑफ साइंस भुवनेश्वर के उत्कल यूनिवर्सिटी से किया।