Move to Jagran APP

गोवा के समुद्र तट पर मिली आर्थ्रोपोडा की नई प्रजाति, खुल सकता जैव विकास की कड़ियों का राज

माइट की नई प्रजाति के शरीर में दो प्लेट देखी गईं हैं। 300 माइक्रॉन के इस जीव के मुंह में भोजन ग्रहण करने को ऐसी संरचना है जो कोशिकाओं में छेद कर अंदर मौजूद द्रव चूस लेती है।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 12:43 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 12:43 PM (IST)
गोवा के समुद्र तट पर मिली आर्थ्रोपोडा की नई प्रजाति, खुल सकता जैव विकास की कड़ियों का राज
गोवा के समुद्र तट पर मिली आर्थ्रोपोडा की नई प्रजाति, खुल सकता जैव विकास की कड़ियों का राज

धनबाद [ तापस बनर्जी ]। गोवा के समुद्र तट पर मौजूद मैनग्रूव पेड़ों की जड़ों से आर्थोपोडा (Arthropoda) समूह के एक नए जीव एकरोथ्रिक्स ग्रैंडओक्यूलैरिस की खोज की गई है। माइट प्रजाति का यह आथ्र्रोपोड इन पेड़ों की जड़ों में उपजे शैवालों के बीच पाया गया है। इसे तलाशने वाले धनबाद के जंतु विज्ञानी डॉ. तापस चटर्जी ने स्कैनिंग इलेक्ट्रान माइक्रोस्कोप से इसकी संरचना का अध्ययन कर शोध पत्र प्रस्तुत किया है। इसे पोलैंड के जर्नल एकटा बायोलॉजिका ने जून में प्रकाशित किया है। यह खोज आथ्र्रोपोडा समूह के जंतुओं के गुण, मैनग्रूव, शैवालों और माइट के बीच का रिश्ता समझने, जैव विकास की कई कडिय़ों को जोडऩे में यह खोज कारगर साबित हो सकती है।

loksabha election banner

धनबाद के क्रिसेंट पब्लिक स्कूल के प्राचार्य डॉ. चटर्जी ने बताया कि ये माइट समुद्र तट पर मिलनेवाले मैनग्रूव पौधों के जंगल के पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखता है। यह समुद्र तट की मिट्टी को खनिज आयनों से प्रचुर रखता है। इसे डॉ. तापस बनर्जी व उनकी टीम में शामिल जंतु विज्ञानी ब्रुनेई के डेविड जे मार्शल, उत्कल विवि के बीसी गुरु, गोवा के बबन इंडोले, मोंटेनेग्रा के ब्लादिमीर टेसिक ने 2012 में ब्रुनेई व गोवा के समुद्र तट पर इसे खोजा था। दो वर्ष पहले डॉ. चटर्जी ने गोवा जाकर कई स्पेसीमेन फिर एकत्र किए। कई वर्षों तक इसकी शारीरिक संरचना व लक्षणों का अध्ययन कर डॉ. चटर्जी ने इस वर्ष शोध पत्र प्रस्तुत किया।

माइट का नाम रखा एकरोथ्रिक्स ग्रैंडओक्यूलैरिस

डॉ. चटर्जी ने बताया कि माइट की इस प्रजाति में शरीर में दो प्लेट देखी गईं हैं। 300 माइक्रॉन के इस जीव के मुंह में भोजन ग्रहण करने को ऐसी संरचना है जो कोशिकाओं में छेद कर अंदर मौजूद द्रव चूस लेती है। लक्षणों के आधार पर इसके वंश का आकलन कर इसका नामकरण एकरोथ्रिक्स ग्रैंडओक्यूलैरिस किया है। स्कैनिंग इलेक्ट्रान माइक्रोस्कोप से इसकी तस्वीरें यूनिवॢसटी ऑफ कोपेनहेगन डेनमार्क के डॉ. माॢटन वी ने ली हैं।

आर्थ्रोपोडा की खासियत है जोड़दार पैर

यह जंतु जगत का सबसे बड़ा संघ है। इनकी खासियत पैरों का जोड़दार होना है। इस समूह में लगभग 10 लाख जंतु पाए जाते हैं। ये पर्वत से लेकर समुद्र की गहराइयों तक मिलते हैं। टिड्डी, बिच्छू, माइट, तितली, मच्छर, मक्खी आदि इस समूह के प्रमुख जंतु हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.