Move to Jagran APP

क्षमता से कहीं अधिक दबाव झेल रहा धनबाद का ओवरब्रिज, मुंबई के हादसे से सबक लेने की जरूरत

मुंबई रेलवे स्टेशन पर बीते गुरुवार फुट ओवरब्रिज गिरने की घटना ने कई जिंदगियां छीन ली। मुंबई के लिए ऐसा हादसा पहली बार नहीं है। एलफिस्टन और अंधेरी में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं।

By Deepak PandeyEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 07:48 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 07:48 PM (IST)
क्षमता से कहीं अधिक दबाव झेल रहा धनबाद का ओवरब्रिज, मुंबई के हादसे से सबक लेने की जरूरत
क्षमता से कहीं अधिक दबाव झेल रहा धनबाद का ओवरब्रिज, मुंबई के हादसे से सबक लेने की जरूरत

जागरण संवाददाता, धनबाद: मुंबई रेलवे स्टेशन पर बीते गुरुवार फुट ओवरब्रिज गिरने की घटना ने कई जिंदगियां छीन ली। मुंबई के लिए ऐसा हादसा पहली बार नहीं है। इससे पहले भी एलफिस्टन और अंधेरी में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। डर तो इस बात का है कि ऐसी घटना कहीं धनबाद रेलवे स्टेशन पर भी न हो जाए।

loksabha election banner

जी हां, धनबाद रेलवे स्टेशन पर दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसी भीड़ तो नहीं होती, पर स्टेशन से सटे बाहरी फुट ओवरब्रिज की मौजूदा स्थिति में सुधार नहीं लाया गया तो यहां भी हादसा हो सकता है। इस ओवरब्रिज पर न केवल प्रति दिन 10 हजार से अधिक राहगीरों का दबाव है, बल्कि भारी भरकम जलापूर्ति पाइपलाइन भी गुजरी है।

संकट में डाल रही रेलवे की लापरवाही: जानकारों का कहना है कि ए-वन श्रेणी के स्टेशन होने के बाद भी यहां यात्रियों की भीड़ संभालने के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। त्योहारी सीजन में भीड़ अधिक होती है, पर जीआरपी और आरपीएफ उसे नियंत्रित करने की जहमत नहीं उठाती। रेलवे की यह लापरवाही यात्रियों की भीड़ को कभी भी संकट में डाल सकती है। रेलवे स्टेशन पर उमडऩे वाली भीड़ को संभालने के लिए जीआरपीए और आरपीएफ की पूरी फौज है। भीड़ के मद्देनजर उसे नियंत्रित करने योजनाएं तैयार होती है, पर महकमा इस पर अमल नहीं करता है।

नियमों पर अमल से रोके जा सकते हैं हादसे: ओवरब्रिज संवेदनशील माने जाते हैं। यही वजह है कि जीआरपी और आरपीएफ को निर्देश होता है कि भीड़ पुल पर नहीं रुके। यदि रेलवे संजीदगी से एक्शन प्लान पर अमल करे तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।

स्टेशन के दक्षिणी छोर के लिए लाइफलाइन: रेलवे के इस पुल को दक्षिणी छोर का लाइफ लाइन कहना भी गलत न होगा, क्योंकि एक छोर से दूसरे तक पहुंचने के लिए पैदल चलने वालों का यही एकमात्र विकल्प है। तड़के से देर रात तक इस पुल से होकर हजारों लोग गुजरते हैं।

1956 में अस्तित्व में आया था फुट ओवरब्रिज: जानकार बताते हैं कि रेलवे का यह बाहरी फुट ओवरब्रिज 1956 में अस्तित्व में आया था। धनबाद रेलवे स्टेशन के ओल्ड स्टेशन से नई जगह पर शिफ्ट होने के साथ ही राहगीरों की आवाजाही के लिए पुल का निर्माण हुआ था।

उद्घाटन की तारीख ढूंढ रहा नया फुट ओवरब्रिज: धनबाद स्टेशन पर नया फुट ओवरब्रिज बनकर तैयार है, पर इस पुल से अब तक आवाजाही की अनुमति नहीं दी गई है। पहले इस पुल का उद्घाटन कराने की योजना बनी थी, जो चुनाव की घोषणा के साथ ही टल गई। बाद में रेलवे ने इसे आम लोगों के लिए खोलने की योजना भी बनाई, लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ।

पुल से गुजरने पर डर लगता है

"न्यू स्टेशन कॉलोनी तक पहुंचने का यही विकल्प है। दूसरे पुल से जाने पर बेटिकट की श्रेणी में आ जाएंगे। पुल पर खड़े रहने पर कंपन महसूस होता है। जितनी जल्दी संभव हो, नया पुल खोल देना चाहिए।"

- गौरी शंकर पांडेय, निवासी, न्यू स्टेशन कॉलोनी

----

"सुबह से देर रात तक हजारों लोग और रेलवे कर्मचारी इस ओवरब्रिज का इस्तेमाल करते हैं। अब तो इससे गुजरने में डर सा लगता है। नया पुल बनकर तैयार है। उसे खोल दिया जाए।"

- मुनेश्वर सिंह, निवासी, न्यू स्टेशन कॉलोनी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.