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Jharia Fire Area के लिए खुशखबरी! 10 स्थानों पर बूझ गई आग, 15 क्षेत्र में घटा दायरा

Jharia Fire Area झरिया फायर एरिया के 10 स्थानों पर आग खत्म हो गई। 12 स्थानों मे आग का फैलाव अभी भी हो रहा है। 15 स्थानों पर आग का दायरा घट रहा है। बीसीसीएल प्रबंधन ने सुरक्षा के मद्देनजर जहां आग का फैलाव हो रहा है।

By Edited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 06:37 AM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 08:22 AM (IST)
झरिया फायर एरिया का दृश्य ( फाइल फोटो)।

आशीष अंबष्ठ, धनबाद। झरिया के गर्भ में मौजूद कोयले में सौ साल से धधक रही आग अब कमजोर पड़ रही है। नेशनल रिमोट सें¨सग सेंटर (राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र) हैदराबाद की ओर 2020 में तैयार रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट 13 अक्टूबर को केंद्र के विज्ञानी तापस मारथा ने कोयला कंपनी भारत को¨कग कोल लिमिटेड को सौंप दिया है। दरअसल, आग की स्थिति पर तीन साल में रिपोर्ट तैयार होती है। 2017 में आग का दायरा 3.26 वर्ग किमी था। अब यह घटकर 1.89 वर्ग किमी रह गया है। 37 कोलियरी क्षेत्रों में मौजूद आग का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की गई है।

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10 स्थानों पर आग खत्म, 15 पर घटा दायरा

बताया गया है कि 10 स्थानों पर आग खत्म हो गई। 12 स्थानों मे आग का फैलाव अभी भी हो रहा है। 15 स्थानों पर आग का दायरा घट रहा है। बीसीसीएल प्रबंधन ने सुरक्षा के मद्देनजर जहां आग का फैलाव हो रहा है, वहां रह रहे लोगों को अन्यत्र शिफ्ट करने का निर्देश दिया है। पहले चरण में कोलियरी कर्मियों को शिफ्ट करना है। इन कोलियरी क्षेत्रों में भूमिगत आग हुई शून्य : फुलारीटाड़, इंडस्ट्री, बस्ताकोला, गोलकडीह, कुजामा, लोदना, लोयाबाद, बागडिगी, जियलगोरा, जीनागोरा। यहां बढ़ रही आग : मुराईडीह ओसीपी, कतरास चैतूडीह, कैशलपुर, बसुरिया, गोधर, सेंद्रा बांसजोड़ा, केंदुआडीह, गजलीटाड़, मुदीडीह, अलकुशा, अंगारपथरा, कनकनी। यहां घटा आग का दायरा : बेनिडीह, ब्लाक टू ओेसीपी, शताब्दी ओसीपी, तेतुलमारी, कुसुंडा, साउथ झरिया आर ओसीपी, गोंदूडीह, एना, नार्थ तिसरा, बरारी, कुस्तौर, साउथ तिसरा, ईस्ट भगतडीह, जयरामपुर।

रिपोर्ट कह रही नहीं है आग, लोग बोले- हम तो आग के बीच रह रहे

नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर की रिपोर्ट में बस्ताकोला व लोदना समेत कई क्षेत्र में आग को जीरो बताया गया है। दूसरी ओर इलाकाई लोग कह रहे कि धरातल पर स्थिति उलट है। आग अभी भी धधक रही है। हम लोग तो आग के बीच ही रह रहे हैं। बस्ताकोला निवासी दिनेश पासवान कहते हैं कि बस्ताकोला सात नंबर में आग की तपिश कभी भी महसूस कर सकते हैं। यहां बंद चानक से भी गैस रिसाव होता रहता है। जहां प्रोजेक्ट चलाकर जलता कोयला निकाल लिया गया, वहां ही आग की तपिश खत्म हुई है। लोदना निवासी प्रजा पासवान का कहना है कि कुजामा हो या लोदना, यहां के कई इलाकों में भूमिगत आग अभी भी दहक रही है।

नेशनल रिमोट सेसिंग सेंटर हैदराबाद की रिपोर्ट इसी सप्ताह मिली है। 2017 के मुकाबले 2020 में आग का दायरा काफी घट चुका है। 10 कोलियरी क्षेत्रों में तो आग जीरो हो चुकी है। जहां आग फैल रही है, वहां उस पर नियंत्रण को काम किया जाएगा।

- चंचल गोस्वामी, तकनीकी निदेशक, बीसीसीएल


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