2022 Delhi Fire से डरा धनबाद नगर निगम, 15 दिन के अंदर सभी भवनों में फायर सेफ्टी उपकरण लगाने का निर्देश
बीते 13 मई को देश की राजधानी नई दिल्ली में एक बड़े भवन में आग लगने की वजह से लगभग 27 लोगों की जलकर मौत हो गई थी। कई अन्य शहरों में भी इस तरह की घटनाएं घट चुकी हैं जिसमें काफी जानमाल का नुकसान हुआ है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: बीते 13 मई को देश की राजधानी नई दिल्ली में एक बड़े भवन में आग लगने की वजह से लगभग 27 लोगों की जलकर मौत हो गई थी। कई अन्य शहरों में भी इस तरह की घटनाएं घट चुकी हैं, जिसमें काफी जानमाल का नुकसान हुआ है। गर्मी में इस तरह की घटनाएं अधिक बढ़ जाती हैं। इसको लेकर अब धनबाद नगर निगम ने भी कड़ा रुख अख्तियार किया है।
देश के कई शहरों में बड़ी बिल्डिंग में लग रही आग के बाद धनबाद नगर निगम ने निर्देश जारी किया है कि 15 दिन के अंदर सभी बड़े अपार्टमेंट, मल्टीस्टोरी बिल्डिंग अपने यहां फायर सेफ्टी उपकरण हर हाल में लगा लें। इसके बाद नगर निगम की टीम जांच करेगी। जांच में अगर फायर सेफ्टी उपकरण नहीं मिला तो जुर्माना के साथ ही नगरपालिका एक्ट के तहत अन्य कार्रवाई भी की जाएगी। नगर आयुक्त सत्येन्द्र कुमार ने बताया कि 15 दिन के अंदर शहर में जितने भी अपार्टमेंट, मॉल, मार्केट कॉम्पलेक्स, विवाह भवन, अस्पताल, होटल, रेस्त्रां और अन्य बड़े भवन संचालित हैं उन्हें अपने यहां फायर सेफ्टी उपकरण अनिवार्य रूप से लगाना है। शहरी क्षेत्र के साथ ही झमाडा के अंतर्गत आने वाले भी ऐसे सभी मल्टीस्टोरी बिल्डिंग, अपार्टमेंट और मॉल को भी 15 दिन का समय दिया गया है। धनबाद में 1500 से अधिक छोटे-बड़े अपार्टमेंट, 200 से अधिक होटल रेस्त्रां, लगभग दो दर्जन शॉपिंग मॉल हैं। इनमें 50 प्रतिशत में भी फायर सेफ्टी का इंतजाम नहीं है। कई बड़े होटल और मॉल में भी महज खानापूर्ति के लिए यह लगा हुआ है।
फायर सेफ्टी विभाग के पास भी जुर्माना वसूलने का अधिकार: राष्ट्रीय भवन निर्माण संहिता के अंतर्गत कई स्तरों में भवन को बांटा गया है। इसमें अस्पताल, होटल, दुकान, मॉल, ऑडिटोरियम, मीटिंग हॉल, सिनेमा हॉल, गोदाम, आवासीय भवन, एजुकेशनल, औद्योगिक एवं विस्फोटक, पटाखे, पेट्रोलियम व पॉवर हाउसेज वर्ग में बांटा गया है। इनके निर्माण में फायर फाइटिंग उपकरणों को लगाने का प्रावधान है। अधिनियम के तहत अग्निशमन सेवा के विभिन्न कोटि के पदाधिकारियोंको जुर्माने का अधिकार दिया गया है। ये फायर सेफ्टी नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई करेंगे। बहुमंजिली इमारतों में क्षेत्रफल के अनुसार 10 रुपये प्रति वर्ग मीटर से लेकर 50 रुपये प्रति वर्गमीटर तक जुर्माने का प्रावधान है।