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Dhanbad Municipal Corporation: यहां हर वार्ड के लिए तय है राशि, दो सुपरवाइजरों की बातचीत का ऑडियो वायरल होने से भ्रष्टाचार की खुली पोल

Dhanbad Municipal Corporation कुणाल सिंह सुने हैं महीना का पांच हजार लेते हैं। रवि सर से वो पहले नाराज थे लेकिन अब समझ आ गया कि रवि सर खराब आदमी के लिए ही खराब हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 08:45 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 08:45 AM (IST)
Dhanbad Municipal Corporation: यहां हर वार्ड के लिए तय है राशि, दो सुपरवाइजरों की बातचीत का ऑडियो वायरल होने से भ्रष्टाचार की खुली पोल
Dhanbad Municipal Corporation: यहां हर वार्ड के लिए तय है राशि, दो सुपरवाइजरों की बातचीत का ऑडियो वायरल होने से भ्रष्टाचार की खुली पोल

धनबाद, जेएनएन। Dhanbad Municipal Corporation  पूर्व नगर आयुक्त के जाते ही धनबाद नगर निगम (DMC) में गड़बड़ी, भ्रष्टाचार और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। मंगलवार को इससे जुड़ा नगर निगम के झरिया अंचल के दो सुपरवाइजरों का ऑडियो खूब वायरल हुआ। इसमें दोनों आपस में बात कर रहे हैं कि इस अधिकारी को दो से सात हजार रुपये महीना देते हैं, ताकि काम जैसा चल रहा है वैसा ही चलता रहे। सफाई कर्मियों की उपस्थिति दुरुस्त करने और संख्या से अधिक कर्मियों की हाजिरी बनाने के एवज में रुपयों का लेनदेन किया जा रहा है। दोनों की आपसी बातचीत में कार्यपालक पदाधिकारी कुणाल सिंह और कार्यक्रम पदाधिकारी रवि कुमार का नाम भी लिया जा रहा है।

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ऑडियो वायरल होने से पहले ही पूर्व नगर आयुक्त चंद्रमोहन कश्यप के हस्ताक्षर से कार्यपालक पदाधिकारी कुणाल सिंह का स्थानांतरण झरिया अंचल से स्वच्छता सर्वे एवं एनजीटी में किया जा चुका है। इसी तरह रवि कुमार को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के साथ झरिया अंचल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा जा चुका है। यह पत्र भी बैक डेट से जारी किया गया है। इस ऑडियो के बाद चर्चा का बाजार गर्म हो गया कि जब तक नगर आयुक्त थे, तब तक ऐसा कोई मामला नहीं आया और अब उनके जाते ही भ्रष्टाचार का पुलिंदा बाहर आने लगा है। देर शाम को दो सुपरवाइजर में से एक का ऑडियो फिर से वायरल हुआ, जिसमें सुपरवाइजर की एक पदाधिकारी से बातचीत हो रही है। इसमें अधिकारी सुपरवाइजर से पूछ रहा है कि क्या जिस पर आरोप लगाया गया है उसने आपसे कभी पैसे की डिमांड की थी तो सुपरवाइजर जवाब देता है नहीं।

सभी आरोप निराधार है। मैंने किसी भी कर्मी से रुपयों की मांग कभी नहीं की। शाम को जो ऑडियो वायरल हुआ, उसमें आरोप लगाने वाला सुपरवाइजर स्पष्ट बोल रहा है कि रुपये कभी नहीं मांगे। यह मेरे खिलाफ साजिश है। इसलिए हो रहा है, क्योंकि मैंने झरिया अंचल में हाल ही में निरीक्षण के दौरान खामी पकड़ी थी।

कुणाल सिंह, कार्यपालक पदाधिकारी सह सिटी मैनेजर नगर निगम

दो सुपरवाइजर आपस में बात करते हुए अगर रुपयों के लेनदेन की बात कर रहे हैं तो यह बहुत बड़ी बात नहीं है। अगर कोई पदाधिकारी सुपरवाइजर से पैसे मांग रहा है तो गलत है। मामला अभी मेरे संज्ञान में नहीं आया है, फिर भी इसकी जांच करेंगे।

- सत्येंद्र कुमार, नगर आयुक्त नगर निगम

हमेशा चर्चा में झरिया अंचल

नगर निगम क्षेत्र में पांच अंचल हैं। धनबाद, कतरास, ङ्क्षसदरी, झरिया और छाताटांड़। अगर सबसे अधिक कहीं से शिकायत या गड़बड़ी मिलती है तो वह झरिया अंचल ही है। पदाधिकारी अपनी पोस्ङ्क्षटग में भी झरिया अंचल को प्राथमिकता में रखते हैं। पिछले दो वर्षों में झरिया अंचल के कार्यपालक पदाधिकारियों का आधा दर्जन से अधिक बार स्थानांतरण किया गया है।

दोनों सुपरवाइजरों में ऐसे हुई बातचीत

सुपरवाइजर नवनीत : कुणाल सिंह सुने हैं महीना का पांच हजार लेते हैं। रवि सर से वो पहले नाराज थे, लेकिन अब समझ आ गया कि रवि सर खराब आदमी के लिए ही खराब हैं। हम तो देख लिए हैं कुणाल सिंह पैसे के लिए कुछ भी कर लेंगे। नरेश बोल रहा था कि सात हजार रुपये डिमांड किया था। अमित पांडेय लोग तो पांच हजार रुपया दे रहा है। हम भी दो हजार रुपये देते थे। वार्ड 36 से कितना आता था।

दूसरा सुपरवाइजर : हम देते थे उसको दो हजार रुपये। उसके ट्रांसफर का सबसे ज्यादा खुशी होगा वार्ड 44 के संजय भैया को। अमित पांडेय तो अपने वार्ड में खेला न कर रहा है जी, इसीलिए दे रहा है पांच हजार। पहले 44 वाला देता था तीन हजार, अब बढ़ाने की बात कर रहा था। सबसे अधिक खेला 44 में लेडिज लोग के साथ हो रहा था। अब तो लेडिज को हटाकर जेंटस रख लिया है। वार्ड 36 से हमको लगता है कि एक दो महीना नहीं दिया। उसका नहीं पटता था, हमको लगता है तीन हजार रुपया देता था। 37 से डायरेक्ट बात हुआ था, वो क्या देता था हमको नहीं पता। वही बात है नवनीत भैया। पुराने लेबर को हटाने की बात कर रहा था। 


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