DMC : अब प्रशासक की भूमिका में होंगे आयुक्त, नगर विकास एवं आवास विभाग ने जारी की अधिसूचना
धनबाद नगर निगम का कार्यकाल खत्म होने के एक दिन बाद शुक्रवार को नगर विकास एवं आवास विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी। नगर आयुक्त अब नगर प्रशासक की भूमिका में होंगे।
धनबाद, जेएनएन। 18 जून यानी गुरुवार को धनबाद नगर निगम बोर्ड का दूसरा कार्यकाल खत्म हो गया। मेयर, डिप्टी मेयर और पार्षद निवर्तमान हो गए। सारी शक्तियां नगर आयुक्त के पास चली गईं। कार्यकाल खत्म होने के एक दिन बाद शुक्रवार को नगर विकास एवं आवास विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी। नगर आयुक्त अब नगर प्रशासक की भूमिका में होंगे। अधिसूचना में कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से घोषित कोविड-19 महामारी के परिप्रेक्ष्य में राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकायों का चुनाव स्थगित कर दिया है।
झारखंड नगर पालिका अधिनियम के तहत नगर निकाय की पांच वर्ष की अवधि पूरी पर यदि निर्वाचन कराना संभव नहीं होता है तो नगर निकाय की शक्तियां एवं कार्यकलाप का निष्पादन प्रशासक या प्रशासक पर्षद करेंगे। इस आधार पर नगर निगम में पदस्थापित नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त या कार्यपालक पदाधिकारी में से कोई एक प्रशासक की भूमिका में रहेंगे। यह निर्वाचन के बाद नगर पर्षद (बोर्ड) की प्रथम बैठक तक प्रभावी रहेगा। प्रशासक के रूप में नियुक्त पदाधिकारी निकाय बोर्ड की सभी शक्तियों एवं कार्यों का नियमानुसार संचालन करेंगे।
योजनाओं के चयन से लेकर क्रियान्वयन तक का अधिकार : अभी तक योजनाओं का चयन, अनुशंसा और स्वीकृत का अधिकार निगम बोड के पास था। योजनाओं के चयन से लेकर इसके क्रियान्वयन तक का अधिकार प्रशासक के पास होगा। हालांकि स्वीकृति का अधिकार नगर विकास विभाग के सचिव के पास होगा। अनुबंध पर बहाल कर्मियों के सेवा विस्तार या फिर अन्य नीतिगत निर्णय की अनुशंसा प्रशासक विभाग से कर सकेंगे। नगर निगम के प्रमुख कार्यों में सफाई, स्वास्थ्य, जलापूर्ति, चिकित्सा, मनोरंजन शामिल है। इसकी सुचारू व्यवस्था नगर प्रशासक को करनी है।
इन कार्यों पर भी देना होगा ध्यान
- जन्म तथा मृत्यु का पंजीकरण
- सार्वजनिक स्थानों पर पौधारोपण
- पीने के पानी की व्यापक व्यवस्था करना
- सार्वजनिक गलियों तथा दूसरे सार्वजनिक स्थानों में सफाई तथा पीने का पानी की व्यवस्था
- सार्वजनिक उद्यानों तथा बागों का निर्माण तथा देखभाल
- नगर -निगम प्रशासन से संबंधित वार्षिक विवरण प्रकाशित करना
- नालियों तथा गंदे नालों, सार्वजनिक शौचालयों आदि का निर्माण करना, मरम्मत करना तथा उनका देखभाल
- घातक बीमारियों से रक्षा-बचाव के लिए टीकों, सुइयों तथा खुराक का प्रबंध
- भवनों तथा जमीनों का सर्वेक्षण
- आम नागरिक के लिए पुस्तकालयों, स्टेडियम, संग्रहालयों आदि का निर्माण
- आवारा कुत्तों, सुअरों एवं अन्य जानवरों आदि पर नियंत्रण
- अतिथियों का अभिनंदन करना।