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Happy Mothers Day 2021: चाहे कैसे भी हो जाएं हालात, कभी नहीं बदलती... मां तूझे सलाम

Happy Mothers Day 2021 बैंकमोड़ के 20 वर्षीय युवक कौशल अग्रवाल डाउन सिंड्रोम पीडि़त है। इसके कारण उसके दिल में पांच छेद है। वह दस दिन पहले कोरोना की चपेट में भी आ गया। इस परिस्थिति में मां ने बेटे को नहीं छोड़ा।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 09:30 AM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 09:30 AM (IST)
Happy Mothers Day 2021: चाहे कैसे भी हो जाएं हालात, कभी नहीं बदलती... मां तूझे सलाम
पूजा घर में बेटे काैशल के साथ मां अनिता अग्रवाल ( फोटो जागरण)।

धनबाद [ दिनेश कुमार ] Happy Mothers Day 2021 साथ छोड़ देती है दुनिया/ पर वो साथ चलती है/ कैसे भी हो हालात/ मां कभी नहीं बदलती है... सच ही तो कही गई है ये बात। परिस्थिति कैसी भी जाटिल हो, मां अपने जिगर के टुकड़े की जिंदगी के लिए कुछ भी कर गुजरने को तत्पर रहती है। ऐसी ही मां हैं बैंक मोड़ निवासी अनिता अग्रवाल। डाउन सिंड्रोम से पहले से पीडि़त अपने बेटे को कोरोना से बचाने के लिए वह लगातार 10 दिन तक उसके साथ साए के समान डटी रही। तीन दिन तक मां संक्रमित बेटे के साथ घर पर सेवा में जुटी रही, तो सात दिन तक अस्पताल में। आखिरकार मां की ममता जीत गई। दिल में पांच छेद और 60 फीसद तक फेफड़े में संक्रमण का सामना कर रहे कौशल इलाज और मां की सेवा से कोरोना को मात देने में कामयाब हो गया। बेटे को बचाने को मां ऐसी दृढ़ता से खड़ी थी कि उस पर कोरोना का कोई असर नहीं हुआ।    

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यह है मामला

बैंकमोड़ के 20 वर्षीय युवक कौशल अग्रवाल डाउन सिंड्रोम पीडि़त है। इसके कारण उसके दिल में पांच छेद है। वह हृदय रोग के साथ करीब एक दर्जन अन्य स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से भी लड़ रहा है। इसके साथ वह दस दिन पहले कोरोना की चपेट में भी आ गया। यूएसए के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल ने भी इस जेनेटिक कंडीशन को कोरोना के लिए हाई रिस्क की श्रेणी में रखा है। ऐसे में स्वजनों की चिंता बढ़ गई। कौशल को घर में सांस लेने में तकलीफ होने लगी। मां ने तत्काल ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम कर घर में ही उसे ऑक्सीजन देने की व्यवस्था की,  लेकिन वह 60-70 के बीच ही ऊपर-नीचे होता रहा। तीन दिन बाद भी स्थिति संभलती नहीं देख मां ने धनबाद के उपायुक्त उमाशंकर सिंह से मदद मांगी। 

अब बेटा ठीक, मां से भी संक्रमण दूर

दरअसल, उसके इलाज के लिए ऐसी व्यवस्था चाहिए थी, जिसमें कोई परिवार का सदस्य भी देखभाल के लिए साथ रहे। तब उसे काफी प्रयास के बाद एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती किया गया। वहां उसे केबिन में रखा गया। माता साथ रही और चिकित्सक इलाज में जुट गए। सीटी चेस्ट में पता चला कि उसके लंग्स में करीब 60 फीसद तक संक्रमण है। सात दिन के इलाज के बाद वह बीते गुरुवार को ठीक हो गया। देखरेख के लिए हमेशा उसके साथ रही मां अनिता अग्रवाल भी संक्रमण से दूर रही। वे पॉजिटिव नहीं हुईं।

मेरे लिए मेरे बेटे की जिंदगी अनमोल है। उसके लिए मैं कोविड वार्ड में रहने को क्या, किसी भी संकट से लडऩे को तैयार हूं।  
-अनिता अग्रवाल, बैंकमोड़, धनबाद।


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