Indian Railways: रेलवे ने बदली अपनी नीति, अब परिवार के साथ पूरा समय बिताएंगे सेवानिवृत्त रेलकर्मी
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को रीज्वायनिंग स्कीम के तहत धनबाद रेल मंडल के कई विभागों में दोबारा काम करने की अनुमति दी गई थी। इनमें ऑपरेटिंग कमर्शियल कोजल कमर्शियल इलेक्ट्रिकल ऑपरेशन मैकेनिकल कोचिंग इलेक्ट्रिकल सामान्य इलेक्ट्रिकल टीआरडी कार्मिक वित्त मैकेनिकल डीजल मेडिकल और टीआरएस गोमो में सेवा रहे थे।
धनबाद [ तापस बनर्जी ]। सेवानिवृत्ति के बाद दोबारा रेलवे से जुड़े कर्मचारियों को रेलवे ने अब स्थायी छुट्टी पर भेज दिया है। दफ्तरों में काम करने के बजाय अब उन्हें अपने परिवार और पोते-पोतियों के साथ वक्त बिताने का मौका मिलेगा। रीइंगेजमेंट स्कीम के तहत दोबारा बहाल हुए कर्मचारियों के सेवा विस्तार पर रोक लगा दी गई है। रेलवे बोर्ड के निदेशक स्थापना (एन) एमएम राय ने इससे जुड़ा आदेश सभी जोनल रेलवे और उत्पादन इकाईयों को जारी कर दिया है।
एक साल का मिला था विस्तार
भारतीय रेलवे में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को हटाने संबंधी निर्देश अक्टूबर 2019 में हुई विडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान ही दे दिए गए थे। बाद में 28 नवंबर 2019 को रेलवे बोर्ड ने इस योजना को एक साल के लिए विस्तार दे दिया। एक दिसंबर 2020 तक पिछला आदेश प्रभावी था। निर्धारित तिथि समाप्त होने के साथ ही रेलवे ने इस योजना को विस्तार नहीं दिया। इसके साथ ही दो दिसंबर से सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सेवा समाप्त हो गई।
धनबाद रेल मंडल के कई विभागों में दे रहे थे सेवा
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को रीज्वायनिंग स्कीम के तहत धनबाद रेल मंडल के कई विभागों में दोबारा काम करने की अनुमति दी गई थी। इनमें ऑपरेटिंग, कमर्शियल, कोजल कमर्शियल, इलेक्ट्रिकल ऑपरेशन, मैकेनिकल कोचिंग, इलेक्ट्रिकल सामान्य, इलेक्ट्रिकल टीआरडी, कार्मिक, वित्त, मैकेनिकल डीजल, मेडिकल और टीआरएस गोमो मेंसेवा रहे थे। अब बोर्ड से आदेश जारी होने के बाद इन विभागों में उन्हें काम करने की अनुमति नहीं दी गई है।
रेल फाटकों पर पहरेदारी को बड़े पैमाने पर हुई थी बहाली
दफ्तरों में काम करने के साथ-साथ रेल फाटकों की पहरेदारी के लिए भी बड़े पैमाने पर रीज्यावनिंग हुई थी। ऐसे कर्मचारियों को भी अब काम करने का अवसर नहीं मिलेगा। फाटकों की पहरेदारी के लिए रेलवे को विकल्प तलाशने होंगे।
सेवानिवृत्त और मानदेय पर बहाल पारा मेडिकल स्टाफ बने रहेंगे
सेवानिवृत्त पारा मेडिकल स्टाफ को रेलवे ने फिलहाल राहत दी है। कोविड-19 के मद्देनजर 31 मार्च तक उन्हें सेवा विस्तार दिया गया है। इसके साथ ही मानदेय पर बहाल पारा मेडिकल स्टाफ भी 31 मार्च तक नौकरी पर बने रहेंगे। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी की माने तो पारा मेडिकल स्टाफ को 31 मार्च के बाद भी सेवा विस्तार मिल सकता है। हालांकि निर्णय रेलवे बोर्ड स्तर पर ही लिया जाएगा।