Dhanbad: स्वास्थ्य विभाग ने पकड़ी चोरी तो डॉक्टर मैडम की हुई सिट्टी-पिट्टी गुम... एंटीनेटल चेक अप डेटा में हेराफेरी
मातृ और शिशु मृत्यु दर रोकने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से गर्भवती महिलाओं को 9 महीने के अंदर चार एंटीनेटल चेकअप करना अनिवार्य किया गया। सभी सरकारी अस्पताल में महीने की 9 तारीख को अनिवार्य रूप से सभी डॉक्टरों को गर्भवती महिला को देखना है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न योजनाओं का टारगेट भले ही कम रह जाता है, लेकिन इस बार धनबाद सदर की रिकॉर्ड तोड़ उपलब्धि ने अधिकारियों को भी चौंका दिया है। आलम यह हुआ है सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा ने धनबाद सदर चिकित्सा प्रभारी डॉ अनिता चौधरी को शो-कॉज कर दिया है। दरअसल गर्भवती महिलाओं की एंटीनेटल चेक कर ऐसी जांच में धनबाद सदर ने इस बार 140% से ज्यादा उपलब्धि दिखाई है। लेकिन गर्भवती महिलाओं की चौथी एएनसी जांच काफी कम है। इसी दोनों के अंतर को देखते हुए सिविल सर्जन अधिकारी से जवाब मांगा है। सिविल सर्जन की कार्रवाई के बाद अधिकारियों में हड़कंप है।
साल में 16000 महिलाओं की जांच करने का लक्ष्य
गर्भवती महिलाओं को सरकार की ओर से 9 महीने में चार बार एंटीनेटल चेकअप कराया जाता है। धनबाद सदर को 1 साल में लगभग 16000 गर्भवती महिलाओं का जांच करने का टारगेट होता है। लेकिन जनवरी से अब तक 9 महीने में लगभग 12 हजार धनबाद शहर में जांच रिपोर्ट दिखाई है। धनबाद सदर में सरकारी स्तर पर केवल केंदुआडीह में एएनसी जांच होती है। सदर के डॉक्टरों का कहना है मेडिकल कॉलेज और निजी अस्पतालों के डाटा को भी इस में जोड़े गए हैं। लेकिन यहां भी सदर के अधिकारी फंस रहे हैं, चौथे एएनसी में मात्र 52% के आसपास की उपलब्धि है। अर्थात जिस टारगेट में 140 प्रतिशत उपलब्धि दिखाई जा रही है, उसी में चौथे एएनसी का टारगेट मात्र 52% ही हो पाया है। इस गड़बड़ी को देखते ही सिविल सर्जन ने कार्रवाई की है।
गर्भवती महिलाओं के लिए एएमसी जांच बेहद जरूरी
मातृ और शिशु मृत्यु दर रोकने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से गर्भवती महिलाओं को 9 महीने के अंदर चार एंटीनेटल चेकअप करना अनिवार्य किया गया। सभी सरकारी अस्पताल में महीने की 9 तारीख को अनिवार्य रूप से सभी डॉक्टरों को गर्भवती महिला को देखना है। पीएमसी जांच में गर्भवती माता के साथ गर्भ में पल रहे शिशु की निगरानी भी की जाती है। ताकि जन्म के समय किसी भी प्रकार की जटिलताएं नहीं आए और जच्चा-बच्चा स्वस्थ रहें। प्रसव के दौरान अधिकांश महिलाओं में खून की कमी, विटामिन की कमी आदि समस्याएं होती है। इसी वजह से सरकार की ओर से अनिवार्य है।
कोट
धनबाद सदर की एमसी जांच में गड़बड़ी है। प्रभारी चिकित्सा प्रभारी को शो कॉज किया गया है। अब जवाब का इंतजार है।
डॉक्टर आलोक विश्वकर्मा, सिविल सर्जन, धनबाद