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SBI जोनल ऑफिस देवघर ले जाने का अब चैंबर ने किया विरोध, कहा- धनबाद से सारी सुविधाएं छीन रही केंद्र सरकार Dhanbad News

धनबाद जिला चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष चेतन गोयनका ने कहा कि केंद्र सरकार को सबसे अधिक राजस्व कोयलांचल से जाता है। फिर भी यहां के व्यवसायियों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है।

By Sagar SinghEdited By: Published: Sat, 16 May 2020 10:16 PM (IST)Updated: Sat, 16 May 2020 10:16 PM (IST)
SBI जोनल ऑफिस देवघर ले जाने का अब चैंबर ने किया विरोध, कहा- धनबाद से सारी सुविधाएं छीन रही केंद्र सरकार Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। केंद्र सरकार को सबसे अधिक राजस्व कोयलांचल से जाता है। फिर भी सरकार धनबाद के व्यवसायियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। यह कहना है धनबाद जिला चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष चेतन गोयनका का। उन्होंने कहा कि धनबाद से सारी सुविधाएं छीन कर केंद्र सरकार दूसरे जिलों को दे रही है। एम्स धनबाद से हटाकर देवघर में बनाया जा रहा है। इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी देवघर में ही बन रहा है। यहां की ट्रेनें जसीडीह चली गईं और अब एसबीआइ के जोनल ऑफिस को देवघर शिफ्ट किया जा रहा है।

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झारखंड में देवघर से धनबाद का दर्जा काफी ऊंचा है। केंद्र सरकार की बीसीसीएल, सिंफर, आइआइटी-आइएसएम, सीसीएल जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियां कार्यरत हैं। दूसरे जिलों की अपेक्षा बैंक के डिपॉजिट भी धनबाद एसबीआइ में सर्वाधिक हैं। एसबीआइ जोनल ऑफिस को यहां से बंद करना समझ से परे है। धनबाद जिला चैैंबर ऑफ कॉमर्स वित्त मंत्री, एसबीआइ चीफ जनरल मैनेजर पटना, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया मुंबई, एसबीआइ के चेयरमैन मुंबई को पत्र दिया गया है।

क्रेडाइ के प्रतिनिधिमंडल ने भी किया विरोध : एसबीआइ जोनल ऑफिस को देवघर स्थानांतरित करने का क्रेडाइ ने विरोध किया है। शनिवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने एसबीआइ के डीजीएम अजय प्रभाकर जोशी से मिला व बैंक के इस निर्णय पर आपत्ति जताया। उन्हें एक मांगपत्र भी सौंपा। इसमें कहा है कि धनबाद में बीसीसीएल, डीवीसी, बोकारो स्टील प्लांट, आइआइटी, सिंफर, सीएमपीएफ, डीजीएमएस, बीआइटी सिंदरी, फर्टिलाइजर प्लांट और बहुत से उद्योग मौजूद हैं। ऐसे में जोनल ऑफिस यहां से हटाने का निर्णय समझ से परे है।

पत्र में कही गई मुख्य बातें-

  • जोनल ऑफिस में पांच जिले हैं। धनबाद इनके बीच में है और कनेक्टिविटी के मामले में सबसे सुविधाजनक है।
  • धनबाद कोल कैपिटल के नाम से भी जाना जाता है और झारखंड का फाइनेंशियल कैपिटल भी है।
  • धनबाद का टोटल डिपॉजिट 24,000 करोड़ है, जबकि देवघर का मात्र 10,810 करोड़।
  • टोटल एडवांस 5,770 करोड़ है, जबकि देवघर में 2,630 करोड़।
  • धनबाद में कुल बिजनेस 29,900 करोड़ का है। देवघर में मात्र 13,440 करोड़ का।
  • धनबाद में बिजनेस लोन 1,370 करोड़ है, जबकि देवघर में 543 करोड़ मात्र।
  • धनबाद में एसबीआइ की 53 शाखाएं हैं। वहीं देवघर में मात्र 9 हैं।

मामले का न हो राजनीतिकरण : क्रेडाइ के अध्यक्ष अमरेश सिंह ने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक स्वार्थपूर्ति के लिए इसे स्थानांतरित कर रहे हैं। हालांकि इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। जोनल ऑफिस देवघर ले जाना धनबाद के साथ अन्याय है। इससे अन्य 5-6 जिले भी प्रभावित होंगे। डीजीएम से मिलनेवालों में क्रेडाइ के सचिव मनोज मोदी व उद्योगपति अशोक गुप्ता भी शामिल थे।


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